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बुधवार, 9 दिसंबर 2020

#ञान #योग #मुद्रा :#मन पर नियंत्रण का माध्यम Jnana #Yoga #Mudra: Medium of #mindcontrol


 ☘️ ज्ञान योग मुद्रा :मन पर नियंत्रण का  माध्यम जानिये योग मुद्रा की विधि और लाभों को

मुद्रा संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ हावभाव (attitude) है। प्राचीन काल में साधु संत शरीर के अंदर मौजूद पांच तत्व हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी और आकाश को संतुलित रखने के लिए योग मुद्राएं करते थे। हमारी उंगलियों में इन तत्वों की विशेषता होती है और इनमें से प्रत्येक पांच तत्वों का शरीर के अंदर एक विशिष्ट (specific) और महत्वपूर्ण कार्य होता है। यही वजह है कि आज भी लोग योग मुद्रा का अभ्यास करते हैं।

योग मुद्रा एक प्राचीन तकनीक है जिसका अभ्यास हम प्राणायाम और मेडिटेशन के दौरान करते हैं।

योग मुद्राएँ क्या है?

 योग मुद्रा शारीरिक गतिविधियों (physical movements) का एक समूह है जो व्यक्ति के मन, मनोभाव (attitude) और प्रत्यक्ष ज्ञान (perception) को बदलता है। योग मुद्रा मस्तिष्क के विशेष भागों में ऊर्जा का प्रवाह करने का काम करता है। आमतौर पर हमारे शरीर में मौजूद कई तत्व संतुलित (balanced) अवस्था में नहीं होते हैं जिसके कारण शरीर में विभिन्न बीमारियां लग जाती हैं और व्यक्ति हल्के से लेकर गंभीर समस्याओं (serious issue) से पीड़ित रहने लगता है। ऐसी स्थिति (condition) में योग मुद्रा शरीर के पांच तत्वों को संतुलित करने का काम करता है और पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है।

योग मुद्रा के प्रकार - Types
 of Yoga Mudra

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि शरीर में पांच तत्व मौजूद होते हैं और इन तत्वों (elements) के असंतुलित होने पर व्यक्ति व्याधियों से जकड़ जाता है। इन पांच तत्वों की विशेषता हमारे हाथों की उंगलियों में समाहित होती है। हाथ की पांच उंगलियों में वायु तर्जनी उंगली पर, जल छोटी उंगली पर, अग्नि अंगूठे पर, पृथ्वी अनामिका उंगली पर और आकाश (space) मध्यमा उंगली पर स्थित होता है।

इन्हीं के आधार पर योग मुद्रा को पांच समूहों (groups)में बांटा जाता है और यह आमतौर पर अभ्यास किये जाने वाले शरीर के अंगों पर निर्भर करते हैं।

ये पांच समूह निम्न हैं।

हस्त (Hand Mudras)
मन (Head Mudras)
काया (Postural Mudras)
बंध (Lock Mudras)
आधार (Perineal Mudras)

वैसे तो योग मुद्राएं सैकड़ों प्रकार की होती हैं लेकिन शरीर में मौजूद अलग-अलग बीमारियों (diseases) को दूर करने के लिए अलग-अलग योग मुद्राओं का अभ्यास किया जाता है।

आमतौर पर योग मुद्रा शरीर के विभिन्न अंगों (organs) पर निर्भर करता है लेकिन चूंकि शरीर में पाये जाने वाले पांच तत्वों का उल्लेख उंगलियों से ही किया जाता है इसलिए हस्त योग मुद्रा अधिक प्रसिद्ध (popular) है। आइये कुछ आसान और महत्वपूर्ण (crucial) योग मुद्रा करने के तरीके और उनके फायदे जानते हैं। आज चर्चा करेंगे ज्ञान मुद्रा पर

ज्ञान मुद्रा
– Mudra of Knowledge

यह सबसे मौलिक (basic) योग मुद्रा है जो एकाग्रता और ज्ञान को बेहतर बनाने में मदद करता है।

ज्ञान मुद्रा से लाभ

1 ज्ञान मुद्रा अनिद्रा (insomnia) की समस्या दूर करने में काफी फायदेमंद होता है।

2 यह मुद्रा एकाग्रता को बढ़ाता है और यादाश्त की क्षमता भी मजबूत करता है।

3 प्रतिदिन ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने से मनोवैज्ञानिक समस्याएं जैसे गुस्सा, डिप्रेशन, तनाव और चिंता (anxiety) दूर हो जाती है।

4 यह मुद्रा शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है

5 कमर दर्द (waist pain) से राहत दिलाने में बहुत फायदेमंद होता है।

ज्ञान मुद्रा करने की विधि
 
समतल स्थान पर स्वच्छ आसन बिछाकर उस पर आप बिल्कुल आराम से पदमासन की मुद्रा में बैठ जायें।

इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली (index fingers) को मोड़े और अंगूठे के ऊपर सटाएं।

बाकी तीन उंगलियों को बिल्कुल सीधा रखें और ये तीनों उंगलियां एक दूसरे को छूनी नहीं चाहिए।

अब हाथ को घुटने के ऊपर रखें और हथेली को घुटने से हल्का सा नीचे झुकाए रखें।

हाथ पर किसी तरह का तनाव न दें और आंखें बंद करके इस मुद्रा में कुछ देर तक बैठे रहें।

यह मुद्रा ज्ञान मुद्रा कहलाती है

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