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सोमवार, 21 सितंबर 2020

#थाइरोइड का घरलू #इलाज, #Thyroid home #treatment

थाइरोइड का घरलू इलाज 

 Thyroid disease- causes, symptoms & treatment | 

थायराइड के लक्षण, कारण, उपचार व सावधानियां 


     


🌹हल्दी दूध: थायराइड को कण्ट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी मिलाकर और उसे पकाकर पिए।

🌹लौकी का जूस: रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस पिने से भी थाइरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पिने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिए नहीं।

🌹तुलसी और एलोवेरा: दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा रस मिला कर इसका सेवन करना भी इस बीमारी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है।

🌹लाल प्याज: प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले थायराइड ग्रंथि के आस पास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज का रस को धोये नहीं।

🌹हरा धनिया: थायराइड का घरेलू ट्रीटमेंट  करने के लिए हरा धनिया पीस कर चटनी बनाये और एक गिलास पानी में एक 1 चम्मच चटनी घोल कर पिए। इस उपाय को जब भी करे ताजी चटनी बना कर ही सेवन करे।

🌹रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करे।

🌹थाइरोइड के लिए उज्जायी प्राणायाम करे । इस प्राणायाम में गले को संकुचित करते हुए पुरे ज़ोर से ऊपर से श्वांस खींचनी हैं।

🌹स्वस्थ आदमी के लिए सफ़ेद नमक है बहुत हानिकारक.आज कल जो बाज़ार में सफ़ेद नमक हमको आयोडीन के नाम से खिलाया जा रहा है, चाहे वो कितनी भी बड़ी कंपनी हो, सिर्फ आम जन को मुर्ख बनाने के लिए है. नमक सिर्फ सेंधा या काला ही इस्तेमाल करें.

 

थाइराइड


प्याज के दो गोल टुकड़े को गर्दन के दोनों तरफ रगड़ने से थाइराइड का जड़ से सफाया, ये है वैज्ञानिक दावा,

लाल प्याज से थाइराइड का चमत्कारिक उपचार रूस के एक प्रसिद्ध चिकित्सक का दावा..!!

थायराइड की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है। थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थायराइड तितली के आकार की होती है। थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस रोग में काफी दिक्कत होती है।

थायराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है। आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में ये समस्या आम सी हो गयी हैं, और अलोपथी में इसका कोई इलाज भी नहीं हैं, बस जीवन भर दवाई लेते रहो, और आराम कोई नहीं।

थायराइड होने के लक्षण :

जुकाम होना : थाइराइड होने पर आदमी को जुकाम होने लगता है। यह नार्मल जुकाम से अलग होता है और ठीक नहीं होता है।

डिप्रेशन : थाइराइड की समस्या होने पर आदमी हमेशा डिप्रेशन में रहने लगता है। उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है, दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है। याद्दाश्त भी  कमजोर हो जाती है।
बाल झड़ना : थाइराइड होने पर आदमी के बाल झड़ने लगते हैं तथा गंजापन होने लगता है। साथ ही साथ उसके भौहों के बाल भी झड़ने लगते है।
थायराइड आखिर क्यो होता है क्या कारण हो सकते है।

जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है।
यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है।

कई बार कुछ दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव भी थायराइड की वजह होते हैं।

ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।

थायराइड की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती।

थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है।
भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या पैदा करता है।

इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है।

सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण।

रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है।

थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था, जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है।

थाइराइड का सरल और कारगर उपचार :
सेंट पीटर्सबर्ग, रूस से एक प्रसिद्ध चिकित्सक ने थायराइड ग्रंथि के विकारों का इलाज खोजने का दावा किया है इस अविश्वसनीय उपाए में सिर्फ एक घरेलु औषधि का उपयोग होता है और वो है लाल प्याज।

प्याज के गुणों के बारे में हम सब जानते हैं इसमें बहुत सारे anti-bacterial, anti-fungal, anti-inflammatory, and cancer fighting गुण होते हैं इस में विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो हमारे शारीर को पोषण देते हैं और बिमारियों से बचाते हैं।

लाल प्याज से थाइराइड का इलाज (Thyroid Gland Remedy) :
ये उपचार रात को सोने से पहले करना है एक लाल प्याज लेकर उसको दो हिस्सों में काट लें और गर्दन पर Thyroid Gland के आस पास गोल गोल मसाज करे। मसाज करने के बाद गर्दन को धोएं नहीं रात भर ऐसे ही छोड़ दें और प्याज का रस अपना काम करता रहेगा।
ये उपचार बहुत ही आसान है और आप इसे एक बार जरुर आजमा कर देखें आप को अच्छे नतीजे प्राप्त होंगे।

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