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शनिवार, 3 अप्रैल 2021

#सेक्स, #Sex सेक्स समस्याओं के लिए बेहतरीन फार्मूला बाजीकरक

 


कामशक्ति को बढ़ाने वाले उपाय  (संभोगशक्ति बढ़ाना) 

परिचय - कोई भी स्त्री या पुरुष जब दूसरे लिंग के प्रति आर्कषण महसूस करने लगता है तो उसी समय से सेक्स उनके लिए एक बहुत ही खास विषय बन जाता है। उनके मन में सेक्स के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है और शादी से पहले यह लोग सेक्स करने से भी पीछे नहीं हटते। सेक्स करने में जितना आनंद मिलता है उतनी ही उसके प्रति संवेदनशीलता बनी रहती है। इसी वजह से चाहे स्त्री हो या पुरुष दोनों में ही सेक्स के प्रति हमेशा एक भूख सी रहती है वह ज्यादा से ज्यादा सेक्स का मजा लेना चाहता है।
            ऐसे बहुत से लोग हैं जो सेक्स का मजा लेना चाहते हैं लेकिन सेक्स करते समय वह कुछ ही देर में ठंडे हो जाते हैं। ऐसे मामलों में उनके मन में यह बात घर कर जाती है कि उन्हें शीघ्रपतन का रोग है। ऐसे लोग वैसे तो पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं लेकिन दिमागी रूप से बीमार हो जाते हैं। उनके मन में यह विचार भी आने लगते हैं कि अगर मैं संभोगक्रिया के समय अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाता तो वह मुझसे नफरत करने लग सकता है या मुझे छोड़कर जा सकता है।
            यह एक ऐसी दिमागी समस्या है जिसके कारण आज लगभग हर वर्ग का व्यक्ति परेशान है। संभोगक्रिया के समय जब पुरुष का वीर्य निकल जाता है तभी उसकी संभोगक्रिया और संतुष्टि का चक्र पूरा हो गया मान लिया जाता है क्योंकि चरम आनंद के साथ ही वीर्य के निकलने का संबंध भी जुड़ा है लेकिन इसके बाद भी पुरुष की अंदर की प्यास नहीं बुझती। इसी वजह से वह अंदर ही अंदर शर्मिंदगी से घुटता रहता है।
            यह कोई रोग नहीं है इसमें अगर पुरुष सही तरह से और सही तरीके से संभोग करे तो वह इस क्रिया को इच्छा के अनुसार बढ़ा सकता है। इसके लिए उसे किसी तरह की दवा आदि न खाकर और उल्टे-सीधे नीम हकीमों के चक्कर में न पड़कर सिर्फ कुछ खास बातों की ओर ध्यान देने की जरुरत है।

संभोग करते समय जल्दबाजी न करें-
            संभोग करते समय किसी भी तरह की जल्दी करना या हड़बड़ाहट मचाना जल्दी वीर्यपात का कारण बनता है। किसी भी पति और पत्नी के बीच सेक्स संबंध सिर्फ खानापूर्ति के लिए या किसी भी काम को जल्दी से निपटाने के मकसद से नहीं होने चाहिए। ऐसे बहुत से व्यक्ति होते हैं जो संभोग करते समय तुरंत ही पूरे जोश में आ जाते हैं। उनकी उत्तेजना समय से पहले ही चरम सीमा तक पंहुच जाती है और जल्दी ही उनका वीर्यपात हो जाता है। कुछ समय में ही पुरुषों की ऐसी आदत से उनकी पत्नियां भी परेशान रहने लगती हैं क्योंकि उनको भी अपने पति की आदत से सेक्स में पूरी तरह से संतुष्टि नहीं मिल पाती है। इसलिए पुरुषों को संभोग करते समय किसी तरह की जल्दबाजी न करके धैर्यपूर्वक इस क्रिया को करनी चाहिए। इससे न सिर्फ पुरुष इस क्रिया को लंबा और संतुष्टि के साथ कर सकता है बल्कि स्त्री को पूरी तरह से यौन संतुष्टि मिलती है।

उत्तेजना पर ध्यान-
            पुरुष को अगर अपनी संभोगक्रिया को काफी देर तक करना  चाहता है तो उसे अपनी उत्तेजना का खासतौर पर ध्यान रखना जरूरी है। संभोगक्रिया के समय उत्तेजना का बढ़ना और काफी समय तक रहना पुरुष की शारीरिक क्रियाओं पर निर्भर करता है। जैसे ही महसूस हो कि शरीर में उत्तेजना बढ़ रही है, लिंग सख्त होता जा रहा है तो उसी समय अपनी शारीरिक क्रियाएं बंद कर देनी चाहिए, एकदम से शांत हो जाए। इससे बढ़ी हुई उत्तेजना सामान्य होने लगती है। अगर उत्तेजना ज्यादा बढ़ जाती है और शारीरिक आघात जारी रहते हैं तो वीर्य को निकलने से रोक पाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए उत्तेजना को ज्यादा नहीं बढ़ने देना चाहिए।

वातावरण का ध्यान-
            संभोगक्रिया करते समय वातावरण का भी खासतौर पर ध्यान देना पड़ता है। संभोगक्रिया में पूरी तरह आनंद और संतुष्टि तब तक नहीं मिल पाती जब तक इस क्रिया को बिना किसी डर के और निश्चिंत होकर न किया जाए। शादी के बाद सोने के लिए पति और पत्नी के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था कर दी जाती है फिर भी कई बार इस व्यवस्था में अचानक किसी तरह की रुकावट आ जाती है तो ऐसे में उन्हें सेक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए। कई बार पति-पत्नी अपने कमरे में आकर संभोगक्रिया करने लगते हैं तभी उन्हें अगर कोई आवाज दे देता है तो उस समय उनकी सेक्स संबंधों के दौरान बनी मानसिकता को तेज आघात पहुंचता है और यही जल्दी वीर्यपात का कारण बनता है। अगर पति और पत्नी अपने कमरे में आते हैं तो उन्हें तुरंत ही संभोगक्रिया में नहीं लग जाना चाहिए। कमरे में आते ही सबसे पहले आपस में किसी भी टाँपिक को लेकर बातें आदि करने लग जाएं। जैसे ही लगे कि अब घर में सब लोग सो गए हैं तब संभोगक्रिया करने के लिए तैयार हो जाए। कमरे में हरे रंग या आसमानी रंग का बल्ब जलाकर संभोगक्रिया करने से आनंद मिलता है।

संभोगक्रिया के समय विभिन्न आसनों का प्रयोग हानिकारक है-
            संभोगक्रिया के समय बहुत से पुरुष अपनी बीवियों को सेक्स के अलग-अलग आसनों को प्रयोग करने की प्रयोगशाला बना देते हैं। पुरुष अक्सर किताबों या फिल्मों में सेक्स करने के अलग-अलग तरीकों को देखकर अपनी पत्नी के साथ भी उसी तरह सेक्स करने के लिए जोर डालते हैं। लेकिन सेक्स करने के यह तरीके या आसन जो दिखाए जाते हैं उनको करना लगभग नामुनकिन होता है। इन अलग-अलग आसनों को करते समय या संबंध बनाते समय पुरुष इस कदर उत्तेजित हो जाते हैं कि उसके लिए संबंध बनाए रखना मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से वे शीघ्र स्खलित हो जाते हैं। पत्नी को भी ऐसा महसूस होता है कि उसका पति तो उसे किसी खिलौने की तरह प्रयोग कर रहा है जिसके कारण वह शारीरिक और दिमागी रूप से पीड़ित रहने लगती है। वैसे भी सेक्स संबंधों का जितना आनंद सामान्य आसन से मिलता है उतना अलग-अलग आसनों का प्रयोग करने से नहीं मिलता। बहुत से विद्वानों का कहना है कि जो व्यक्ति सामान्य आसनों का प्रयोग करके सेक्स संबंधों का आनंद उठा रहा है उन्हें भूलकर भी अलग-अलग आसनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके लिए सबसे अच्छा आसन है कि संभोगक्रिया के समय पत्नी को नीचे और पति को उसके ऊपर लेटना चाहिए। इस आसन को करते समय पुरुष का लिंग बहुत ही आसानी के स्त्री की योनि में प्रवेश कर जाता है और पुरुष संभोग के समय स्त्री के चेहरे के भावों को पढ़ सकता है। विराम के समय स्त्री के शरीर पर निश्चल लेटने से एक अनोखा सुख प्राप्त होता है। 
इसके बाद सिर्फ विपरीत रति वाले आसन को ही अच्छा माना गया है। इस आसन में पति नीचे लेटता है और पत्नी उसके ऊपर लेटती है। इसमें शरीर संचालन स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर कर सकते हैं। इस आसन में भी सारी स्थितियां पहले आसन के ही जैसी होती हैं लेकिन विराम के समय आराम का सुख स्त्री को ही मिलता है। इन दोनों आसनों की खासियत यह है कि इसमें जब तक संभोगक्रिया चलती है तब तक बिना किसी परेशानी के चलती है। दूसरे किसी आसन में यह सुविधा नजर नहीं आती है। बाकी सारे आसनों में जो कमी नजर आती है वह यह है कि उनमें संभोग और विराम काल में स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के सीने से लगकर आनंद नहीं उठा पाते। दूसरे आसनों में लिंग योनि में इतनी आसानी से प्रवेश नहीं कर पाता जितनी आसानी से पहले वाले आसन में हो जाता है। कई बार लिंग को योनि में प्रवेश कराने से पुरुष की उत्तेजना इतनी बढ़ जाती है कि योनि में प्रवेश के साथ ही पुरुष का वीर्य निकल जाता है। इसके लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि जो व्यक्ति शीघ्रपतन रोग से ग्रस्त होता है उन्हें पहले वाले आसन में ही संभोग करना चाहिए।

संभोगक्रिया में अपने आप पर काबू रखें-
            सेक्स और संयम का आपस में बहुत ही गहरा संबंध है। बिना संयम के  संभोगक्रिया चल ही नहीं सकती। वैसे भी कहते है कि संयम ही सेक्स की धुरी है और संयम हर क्रिया में बहुत जरूरी है। युवा वर्ग के लिए संयम रखना बहुत जरूरी है। बहुत से व्यक्ति जब देखते हैं कि घर में कोई नहीं है तो वह तुरंत ही मौके का फायदा उठाकर अपनी पत्नी के साथ संबंध बनाना चाहते हैं और तुरंत ही जल्दबाजी में संबंध लेते हैं। पत्नी भी इस चीज का विरोध नहीं कर पाती। इस प्रकार संबंध बनाते समय पुरुष की उत्तेजना शुरुआती दौर में ही चरम की स्थिति तक पंहुच जाती है। फिर किसी के आ जाने का डर उसे सबकुछ जल्दी-जल्दी करने पर मजबूर कर देती है। ऐसे समय में पुरुष का नाता संयम से बिल्कुल टूट जाता है और वीर्य जल्दी ही निकल जाता है। इसके अलावा और भी कई मौके आते हैं जब पति अपनी पत्नी के साथ संबंध बनाने का मौका छोड़ना नहीं चाहता जिसके कारण व्यक्ति शीघ्र स्खलन का शिकार हो जाता है। इसलिए थोड़े से मजे के चक्कर में अपने आपको शीघ्र स्खलन का रोगी न बनने दें। अगर इस स्थिति को संभाला नहीं जाता तो संभोग के नाम पर पुरुष सिर्फ स्खलन की क्रिया ही पूरी करेगा। इसमें स्त्री को संतुष्टि सिर्फ नाम के लिए ही मिल पाती है। इसलिए सेक्स के समय संयम के महत्व को समझना बहुत जरूरी है।
सांसों को सयंमित रखें-
            संभोग करते समय सांसों की गति को सयंमित रखकर चरम की तरफ तेजी से बढ़ती हुई उत्तेजना को कम किया जा सकता है। उत्तेजना के बढ़ने पर जब आपको महसूस हो कि आपके न चाहते हुए भी आपका वीर्यपात होने को है तो उसी समय अपनी शारीरिक गतिविधियों को बंद कर देना चाहिए। शरीर को एकदम ढीला छोड़ दें और आंखे बंद करके लंबी सांस भरें। सांस को एकदम से बाहर नहीं छोड़ना चाहिए। जितना समय सांस को लेने में लगे उससे दुगने समय तक सांस को रोककर रखना चाहिए। सांस को छोड़कर फिर थोड़ी देर तक रुकना चाहिए। इसके बाद दुबारा जितनी लंबी सांस ले सकते हैं लें। सांस लेकर कुछ देर तक रुकें और फिर धीरे-धीरे सांस को छोड़े। 2-3 बार ऐसा करने से बढ़ी हुई उत्तेजना धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसा करने में अगर व्यक्ति सफल हो जाता हो तो उसके सेक्स संबंधों के समय में बढ़ोत्तरी होती जाती हैं।       
 
 
" *सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस* "
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सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस जड़ी-बूटी और भस्मों से बनी स्वर्णयुक्त बेजोड़ दवा है जिसके इस्तेमाल से पुरुषों के हर तरह के यौन रोग दूर होते हैं। *शीघ्रपतन, वीर्य विकार, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, नामर्दी दूर करने और भरपूर जोश और जवानी लाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है.* तो आईये जानते हैं रसेन्द्र चूड़ामणि रस का कम्पोजीशन, बनाने का तरीका, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल:-

💠संभोग का नाम लेते ही नामर्दी को दूर करने और जोश बढ़ाने के लिए हमारे मन में आने वाला सबसे पहला नाम है वियाग्रा। वियाग्रा हमें एक बार के लिए चुस्ती फुर्ती और काम शक्ति तो देता है परंतु साथ ही साथ वह हमें कमजोर भी करता है। *वियाग्रा लेने वालों को ऐसी आदत पड़ जाती है कि वह वियाग्रा लेने के अलावा संभोग कर ही नहीं सकते* । उन्हें उन्हें ह्रदय व गुर्दों के रोग हो जाते हैं।

💠 *राजा महाराजाओं की काम शक्ति का राज है सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस।* जो राजा महाराजा अनेक रानियां रखते थे वे सबके साथ संभोग करने के लिए है अपनी शक्ति को रसेंद्र चूड़ामणि रस के माध्यम से बढ़ाते थे।

💠 *जो जोड़े आपस में प्रेम संबंध को बढ़ाना चाहते हैं वे सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस का प्रयोग अवश्य करें।* 

💠सुवर्णा रस रसेंद्र चूड़ामणि रस  संभोग की शक्ति को बढ़ाने का प्राकृतिक उपाय है इसलिए वह बहुत ही असरकारक है और सिर्फ *20 दिन के सेवन मात्रा से स्थाई असर देता है।* 

💠इसमें सोना, चाँदी, सिका (नाग) वंग व अभ्रक आदि वीर्य वर्धक औषधियों का मिश्रण होने के कारण अफीम से होने वाले नुकसान बहुत कम हो जाते हैं। *लेकिन फिर भी इसका सेवन 20 दिनों से जयादा न करने की सलाह दूँगा।* 

💠 *शूगर के मरीजों को हमेशा शीघ्रपतन की शिकायत रहती है उनके लिये यह "सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस " वरदान है।* जबकि दूसरी बाजीकरक व वीर्य सतंभक आयुर्वेदिक औषधियाँ 40-45 दिनों बाद अपना असर दिखाना शुरू करती हैं वहीं यह योग तुरंत प्रभाव से असर दिखाता है व इसका प्रभाव भी काफी समय तक रहता है।
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➡ बनाने की विधी :
• पारा भस्म 1 ग्राम।
• स्वर्ण भस्म 2ग्राम।
• नाग भस्म 100 पुटी 3 ग्राम।
• अभ्रक भस्म 100 पुटी 4 ग्राम।
• वंग भस्म 5 ग्राम।
• अतुल शकतिदाता योग (खुद तैयार किया) 6 ग्राम।
• चाँदी भस्म 7 ग्राम।
• स्वर्ण माक्षिक भस्म 8 ग्राम।
सबको मिलाकर धतूरे के पतों के रस और भंग के पतों के रस में तीन दिन खरल करें। फिर मघाँ, गिलोय, भड़िंगी, अंबरबेल, खस, नागरमोथा, शुद बचनाग, मुलठी, शतावर, कौंच के रस जा काड़े की सात- सात भावना देवें। जब सारी दवाई सूख जाये तो इसके कुल वजन की आधी अफीम मिलाकर तुलसी के रस में घोटकर 1-1 रती की गोली बनाकर छाया में सुखा लें।
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➡ मात्रा :
1 या 2 गोली तक दूध से लेवें। तुरंत प्रभाव हेतू संभोग से 2 घंटे पहले गर्म दूध से लेवें।
यह नामर्दी, वीर्य की कमजोरी और शीघ्रपतन दूर करने के लिये उतम योग है। ज्यादा औरतों के साथ संभोग करने वाले विलासी पुरूषों के लिये उतम औषधि है।

🌹 *सेक्स समस्याओं के लिए दुनिया का सबसे बेहतरीन फार्मूला* 🌹

*हर तरफ से निराश औरभ परेशान Sex रोगी एक दफा जरूर मिलें*

*नया खुन,नया जौश और नई जवानी दुवार से पाएं।*

*हर तरह की Sex Problem का इलाज है*

*नामर्दी, वीर्य की कमजोरी और शीघ्रपतन दूर करने के लिये उतम योग।*

         
छोटी उम्र में कामोत्तेजना जागने पर मनुष्य जब संभोग, हस्तमैथुन या स्वप्नदोष का शिकार हो जाता है तो काम केंद्र लिंग और वीर्य उतपादक ग्रंथियाँ पूरी तरह ताकत में आने से पहले ही कमजोर हो जाती हैं और वीर्य बिलकुल पतला हो जाता है। जिस कारण स्तंभन शक्ति कमजोर हो जाती है।
मर्द औरत के साथ तसल्ली और मनमौजी तरीके से संभोग रचाने के काबिल नहीं रहता।
कई मर्दों की हालत तो इतनी खराब हो जाती है कि औरत के साथ में उनको स्पर्श करते ही प्यार सिरे से खारिज हो जाता हैं और शर्मिंदगी महसूस करनी पढ़ती है।
ऐसे रोगियों के लिये  अमृत समान है।
संभोग करते वक़्त समय इतना बढ़ जाता है कि सारी रात संभोग रचाकर भी आदमी थकता नहीं।
जब तक आप कोई खटाई नही खाते तब तक इसका असर कम नहीं होता।
अगर नियम और संयम रखकर इसका सेवन एक महीना कर लिया जाये तो शीघ्रपतन की समस्या का स्थाई समाधान हो जाता है। जिससे आप फिर से अपने बैडरूम के सुपरमैन बन जायेंगे आर जीवन आनंद ही आनंद होगा।

*क्या आप निम्न सेक्स समस्याओं से परेशान हैं..................?*

💁🏻‍♂लिंग का आकार आदि सामान्य होने के बावजूद भी सेक्स की इच्छा ही न होना.जिस कारण Wife का बुरा व्यवहार आपके सामने आ रहा है या अचानक पत्नी आपसे लड़ रही है.
💁🏻‍♂सेक्स करते-करते बीच में ही उत्तेजना Errection समाप्त होकर लिंग penis का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना Orgasm ना मिलना.सेक्स से पूर्व वीर्य ज्यादा गुदगुदी होकर निकल जाता है तो इसका इलाज अति शीघ्र करवाएं.
💁🏻‍♂सेक्स क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े.
💁🏻‍♂एक बार यदि सेक्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिंग में सेक्स करने लायक उत्तेजना Erection का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कमउम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है.
💁🏻‍♂वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य का पानी की तरह पतला होना.
💁🏻‍♂सेक्स के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों.
💁🏻‍♂लिंग में सेक्स करने लायक कठोरता Hardness का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना.
💁🏻‍♂जवानी शुरू होते ही हस्तमैथुन करके वीर्य का सत्यानाश करा और लिंग को भी बीमार बना डाला है.
💁🏻‍♂सेक्स के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो.

👨🏻‍⚕ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं। पत्निया तलाक मांगने लगती हैं या उनके कदम बहक जाते हैं.

👨🏻‍⚕ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके और नामर्द impotent या शीघ्रपतन का शिकार होजाता है या नीम-हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर और नुकसान उठा बैठते हैं।

👨🏻‍⚕बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है। ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति देने वाली आयुर्वेदिक वाली औषधि (दवाई). आपके पास हों। न कि थोड़ी उत्तेजना Errection देकर heart atek ,B.P problems, आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करने वाली अंग्रेजी दवाइयां।

👨🏻‍⚕मैने गहन अध्ययन और अनुभव के बाद ..कीमती जड़ी बूटी और बहूमूल्य जवाहरात की भस्मो(कुश्ता)सोना चांदी भस्मो ईत्यादि से तैयार कि हैं।

👨🏻‍⚕शीघ्रपतन जैसी नामुराद बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिये आप एक बार  इस्तेमाल जरूर करके देखें।

👨🏻‍⚕  का इस्तेमाल करने वाला मर्द जिस औरत के साथ संभोग कर लेगा वह औरत जीवन भर उसी मर्द की दासी बनकर रह जायेगी।

👨🏻‍⚕ताकतवर समझकर कभी भी बताई गई मात्रा से जयादा इस्तेमाल न करें कयोंकि जयादा मात्रा में सेवन करने से कामोत्तेजना बहुत बढ जाती है।

👉🏼 इतना प्रभावशाली है कि इसका सेवन करने से रोम- रोम नाचने लगता है।

▪मस्ती से भरा हुआ मर्द जब औरत के साथ सेज साँझी करता है तो दोनों की रूह एक दूसरे में इस तरह समा जाती है जैसे तुम और मैं का भेद समाप्त हो जाता है।
▪इसका उपयोग एक दूसरे से बहुत प्यार करने वाले जोड़ों को जरूर करना चाहिए। वही इसकी सही उपयोग करके एक दूसरे के हो सकते हैं।

*Married peoples इसका इस्तेमाल जरूर करें।*

👨🏻‍⚕यह औषधि अति विलासी "राजे- महाराजे" इस्तेमाल करते थे। क्योंकि उनके एक से अधिक औरतों के साथ संबंध होते थे।
▪इसके कुछ दिन सेवन करने से वीर्य बहुत गाढा हो जाता है।
▪इसके कुछ दिनों के इसतेमाल से नाड़ीतंत्र को ताकत मिलती है।

🔹इसमें सोना, चाँदी, सिका (नाग) वंग व अभ्रक आदि वीर्य वर्धक औषधियों का मिश्रण हैं।

🔹शूगर के मरीजों को हमेशा शीघ्रपतन की शिकायत रहती है उनके लिये यह वरदान है।

🔹दूसरी बाजीकरक व वीर्य सतंभक आयुर्वेदिक औषधियाँ 40-45 दिनों बाद अपना असर दिखाना शुरू करती हैं वहीं यह योग 10-15 दिनों में ही असर दिखाना शुरू कर देता है व इसका प्रभाव भी काफी समय तक रहता है।


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*सेक्स के बारे में कुछ रोचक *

1. एक बार के मैथून में जो वीर्य निकलता है उसमें 30 से 45 करोड़ तक शुक्राणु होते हैं।

2. वीर्य को वीर्य बैंक में -196.9 डिग्री सेल्सीयस के तापमान पर रखा जाता है।

3. Sex करने से तनाव कम होने के साथ-साथ सिर दर्द भी गायब हो जाता है।

4. लगभग 25 प्रतीशत पुरूष वर्तमान समय मे सेक्स के बारे में सोच रहे होते हैं।

5. यौन क्रिया की चरम अवस्था के वक्त स्त्री-पुरूष दोनो के दिल की धड़कन 140 प्रति मिनट तक पहुँच जाती है।

6. महिलाएँ 45 साल तक उम्र तक औसतन 3000 बार काम(सेक्स) करती हैं।

7. 40 साल की उम्र तक के मर्दों के लिंग मात्र 10 सेकेंड में इरेक्टेड(खड़े) हो जाते हैं।

8. ग्रीक दंपत्ति एक वर्ष में सबसे ज्यादा औसतन 138 बार सेक्स करते है जबकि जापानी दंपत्ति सबसे कम केवल 45 बार ही करते हैं।

9. पुरूष के लिंग से वीर्य निकलने की गति 36.9 किलोमीटर प्रति घंटा होती है जो युसेन बोल्ट के 100 मीटर के रिकार्ड को तोड़ने के लिए काफी है।

10. एक व्यस्क पुरूष के अंडकोष में इतने शुक्राणु होते है कि इन्हें 404 मीटर तक फैला के रखा जा सकता है।

11. एक छोटे से कैप्सूल में इतने शुक्राणु आ सकते है जिनसे वर्तमान पृथ्वी पर मौजुद मनुष्यों से ज्यादा जनसंख्या बनाई जा सकती है।

12. संभोग करते समय महिलाओं के स्तन और यौनि के इलावा नाक का भीतरी भाग भी फूल जाता है।

13. सेक्स करते समय आदमी की दाढ़ी आम अवस्था के मुकाबले ज्यादा तेज़ी से बढ़ती है।

14. एक बार मैथून करने से पुरूष की 100 कैलोरी खप्त हो जाती है।

15. एक सर्वेक्षण के अनुसार ब्राजील के युवा-युवतियां किसी भी देश के मुकाबले सबसे पहले अपना कौमार्य खोते हैं। लेकिन भारत इस मामले में सबसे पीछे हैं।

16. ज्यादा शराब पीने वाले पुरुषों को महिलाएं सबसे पहले रिजेक्ट करती हैं।

17. Sex के समय पुरूषों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा पसीना आता है। स्त्रियों की शारीरिक संरचना में शरीर से निकलने वाले पसीने को कंट्रोल करने का गुण होता है।

18. 30 प्रतीशत पुरूष शीघ्र पतन के शिकार है।

19. 83 प्रतीशत स्त्रियां अपने साथी के लिंग के आकार से पुरी तरह संतुष्ट हैं।

20. मर्द औसतन अपने जीवन काल में 17 लीटर वीर्य निकालते हैं।

21. लगभग 75 प्रतीशत पुरूषों का वीर्यपतन 3 मिनट से भी कम समय में हो जाता है।

22. एक दिन में लगभग 100 करोड़ लोग सेक्स करते हैं।

23. अच्छी नींद के लिए सेक्स (काम) सबसे अच्छी दवा है। ये नींदवाली दूसरी दवाओं की तुलना में 10 गुना ज़्यादा कारगर है। जो महिलाएं रोमांटिक नावल पढ़ती है वो ऐसे नावल ना पढ़ने वाली महिलाओं के मुकाबले काम का ज़्यादा आनंद उठा सकती हैं।

24. अगर आपकी सेक्स में रूचि कम हो गई है तो सकेटिंग या कोई Exercise करें, आपमें सेक्स की इच्छा दोबारा जाग जाएगी।

25. ज्यादातर लड़किओं में ये गलतफहमी होती है कि पहली बार सेक्स करते समय दर्द होता है इसीलिए वे सेक्स को लेकर हमेशा डर में रहती हैं। लेकिन अगर वो इस गलतफहमी की जगह किसी से प्यार व रोमांस या यूं कह लें कि भावनात्मक लगाव के बाद बिना किसी डर से के किए गए सेक्स में ऐसी कोई शिकायत नहीं होती।

26. हफ्ते में दो या तीन बार काम करनेवाले लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ जाती है।

27. एक सर्वे के अनुसार 60 प्रतिशत पुरुष चाहते हैं काम के लिए औरत पहल करे। अगर कोई औरत अपने पति के साथ ऐसा करती है, तो वो बहुत खुश होता है।
 

अपने पैरों के तलवों में तेल लगाने से क्या फायदा होता है?

 1।  एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिरदर्द नहीं, दांतों का नुकसान...