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शुक्रवार, 13 मई 2022

उल्टी रोकने के कारगर नुस्खे | effective home remedies to stop vomiting | उल्टी रोकने के घरेलू उपाय

☘️ *_उल्टी (वमन) जानिए कारण, परहेज, निदान और उपचार प्राकृतिक रूपो से_*

1️⃣प्रथम भाग : 101 उपाय


रोग एक उपचार अनेक यह तो सिर्फ आयुर्वेद के घरेलू परम्परागत दादी नानी के चिकित्सा पैथी में ही सम्भव है वो भी दुष्प्रभाव रहित

*उल्टी | vomiting*
 
खाने-पीने में गड़बड़ी, पेट में कीड़े होना, खांसी, जहरीले पदार्थों का सेवन करना तथा शराब पीना आदि कारणों से उल्टी आती है। यह कोई बड़ा रोग नहीं है बल्कि पेट की खराबी का ही एक कारण है। जब कभी कोई अनावश्यक पदार्थ पेट में अधिक एकत्रित हो जाता है तो उस अनावश्यक पदार्थ को निकालने के लिए पेट प्रतिक्रिया करती है जिससे पेट में एकत्रित चीजे उल्टी के द्वारा बाहर निकल जाता है। कभी-कभी अधिक उल्टी होने से रोगी के शरीर में पानी की कमी होने के साथ अधिक कमजोरी आ जाती है।

*विभिन्न भाषाओं में नाम :*
हिंदी          वमन (उल्टी)।
अंग्रेजी             वोमिटिंग।
पंजाबी             बमी।
कन्नड़        वान्ति।
मद्रासी        छर्दि।
तेलगु         वान्तुलु।
असमी        वोमिटिंग।
गुजराती       वमी।
मराठी         उल्टी।
उड़िया         उल्टी, वान्ति।

*कारण*
:ज्यादा भोजन करना, भूख न लगना, पेट में गैस बन जाना, स्त्री के यकृत (जिगर) का दर्द होना, गर्भावस्था, जहर या जहर मिली हुई चीजों का पेट में पहुंच जाना, कमजोरी के कारण, जरायु की पीड़ा, कार, रेल, बस आदि में सफर करते समय, पाचन संस्थान की खराबी और उल्टी होना आदि उल्टी की कारण होती है। उल्टी करने से जब सारी चीजे पेट से बाहर आ जाती है तब सूखी उल्टी होने लगती है। सूखी उल्टी होने से रोगी को ज्यादा परेशानी होती है। इस तरह की सूखी उल्टी पाचन संस्थान में खराबी होने के कारण होता है और ऐसी सूखी उल्टी में बाहर कुछ भी नहीं निकलता केवल दर्द होता रहता है।

*लक्षण :-*
 उल्टी दो रूपों में आती है- पहला वह जिसमें उल्टी के साथ खाया-पिया पदार्थ उसी रूप में निकल जाता है और दूसरा वह जिसमें अधपचा खाना उल्टी के साथ निकलता है। उल्टी की दूसरी अवस्था में डकारें आती हैं, जी मिचलाता है, सिर में बहुत तेज दर्द होने लगता है और बेहोशी के दौर पड़ने लगते हैं। रोगी को ऐसा महसूस होता है कि अंदर से आंतों में जलन पैदा होकर सब कुछ बाहर आने के लिए पलटने लगा है। आंख, कान और नाक में भी दर्द होने लगता है। उल्टी के समय व्यक्ति को लगता है कि वह अब नहीं बचेगा। इलाज के लिए रोगी को उल्टी बंद करने की औषधि तुरंत ही देनी चाहिए। घबराहट अधिक होने पर धनिये का पानी पिलाना चाहिए और धनिये का लेप सिर पर लगाना चाहिए। इससे बेचैनी दूर हो जाती है। प्याज का रस तथा धनिये का रस पानी में मिलाकर देने से उल्टी रुक जाती है।

*लक्षणों के आधार पर उल्टी को 5 भागों में बांटा गया है- 1. वातज 2. कफज 3. पित्तज 4. त्रिदोषज और 5. आगन्तुज।*
 
*गैस के कारण होने वाली उल्टी :*
 इसमें रोगी कम मात्रा में कडुवी, झागवाली और पानी के जैसी उल्टी करता है। इसके साथ ही रोगी में अन्य लक्षण भी होते हैं, जैसे- सिर का दर्द, सीने में जलन, नाभि में जलन, खांसी और आवाज का खराब होना आदि।

 *पित्त की गर्मी के कारण होने वाली उल्टी :*
इस रोग की हालत में पीले, हरे रंग की उल्टी आती है जिसका स्वाद बहुत ज्यादा गंदा होता है और रोगी को जलन महसूस होती है। इसके साथ-साथ रोगी का सिर घूमने लगता है, बेहोशी सी छा जाती है और मुंह का स्वाद भी खराब हो जाता है।

*कफ के कारण होने वाली उल्टी :*
इस तरह की हालत में रोगी को अपने आप ही गाढ़ी और सफेद रंग की उल्टी होती है जिसका स्वाद मीठा होता है। इसके साथ ही मुंह में पानी भरना, शरीर का भारी हो जाना, बार-बार नींद आना

*त्रिदोष (वात, पित और कफ) के कारण होने वाली उल्टी :*
 इस रोग में रोगी गाढ़ी, नीले रंग, स्वाद में नमकीन या खट्टी और खून वाली उल्टी करता है। इसके साथ ही दूसरे लक्षण भी होते है जैसे- पेट में तेज दर्द, भूख न लगना, जलन महसूस होना, सांस लेने में परेशानी और बेहोशी छा जाना।

*आगन्तुज छर्दि :*
 कोई ऐसी जगह जाने का मन न करें या बदबू के कारण, गर्भावस्था, ऐसा भोजन जो अच्छा न लगता हो या पेट में कीड़े होने के कारण पैदा हुए रोग को आगन्तुज छर्दि कहते हैं।

*भोजन और परहेज :*

*पानी को उबालकर उसे ठंडा करके इसमें नींबू निचोड़कर रोगी को पिलाना चाहिए।*

*अगर रोगी को भूख न लग रही हो तो मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर दही या लस्सी के साथ खिलाना चाहिए*

*भोजन को पेट भर न खाकर थोड़ी-थोड़ी देर के बाद थोड़ा-थोड़ा भोजन करते रहना चाहिए।*

*गर्भावस्था के दौरान उल्टी होने पर सूखा आलूबुखारा चूसना चाहिए।*

*मौसमी का रस निकालकर इसमें 1 चुटकी सेंधानमक मिला लें। यह रस थोड़ी-थोड़ी देर बाद 1-1 चम्मच रोगी को पिलाते रहें।*

*नींबू को काटकर उसके ऊपर थोड़ी सी कालीमिर्च और सेंधानमक का चूर्ण चूसने के लिए रोगी को दें।*

*गर्मी के मौसम में हल्के गर्म पानी से रोगी को नहाना चाहिए।*



☘️ *_उल्टी (वमन) जानिए कारण, परहेज, निदान और उपचार प्राकृतिक रूपो से_*

4️⃣ चतुर्थ भाग : 101 उपाय


रोग एक उपचार अनेक यह तो सिर्फ आयुर्वेद के घरेलू परम्परागत दादी नानी के चिकित्सा पैथी में ही सम्भव है वो भी दुष्प्रभाव रहित


*उल्टी vomiting हेतु विभिन्न प्राकृतिक औषधियों से उपचार :*

*31 जामुन :*
 जामुन के पेड़ की छाल को आग में जलाकर इस राख को शहद के साथ खिलाने से खट्टी उल्टी बंद हो जाती है।

*32 बेल :*
बेल के हरे पत्तों को सोंठ के साथ पानी में उबालकर पीने से उल्टी और दस्त बंद हो जाता है।

*बेल के फूलों का सेवन करने से प्यास, उल्टी और दस्त खत्म हो जाता है।*

3 ग्राम बेल के सूखे फूलों को 100 मिलीलीटर पानी में भिगोकर 2 घंटे बाद फूलों को थोड़ा सा पीसकर पानी में छानकर पानी में 20 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में कई बार रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी व जी मिचलाना बंद हो जाती है।

*33 फूलगोभी :*
 फूलगोभी में क्षारीय तत्त्व मौजूद होते हैं। यह खून को भी साफ करते है। खून की उल्टी होने पर इसकी सब्जी खाने या फूलगोभी को कच्चा खाने से आराम आ जाता है। इसके अलावा क्षय रोग (टी.बी) के रोगी के लिए भी यह बहुत लाभकारी होता है।

*34 अंगूर :*
 अंगूर का रस चूसने से छाती की जलन और उल्टी आनी बंद हो जाती है।

*35 गाजर :*
गाजर का रस शहद में मिलाकर पीने से खून की उल्टी बंद हो जाती है।

*36 दालचीनी :*
दालचीनी के 1 से 2 ग्राम चूर्ण को 3 बराबर-बराबर भाग में बांटकर शहद में मिलाकर दिन में 3 बार लें। इससे उल्टी बंद हो जाती है।*

*गर्मी के कारण अगर उल्टी हो रही हो तो दालचीनी को पीसकर शहद में मिलाकर चाटना चाहिए।*

दालचीनी के तेल की 5 बूंद को ताल मिश्री के चूर्ण या बताशे में डालकर खाने से पेट का दर्द व उल्टी दूर होती है।

*37 एरण्ड :*
 10 ग्राम एरण्ड की जड़ को छाछ के साथ पीसकर उल्टी से पीड़ित रोगी को पिलाने से उल्टी व दस्त में आराम मिलता है।

*38 मुलेठी :*
उल्टी होने पर मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखने से उल्टी बंद हो जाती है।

*39 सौंफ :*
20 ग्राम सौंफ और 10 पोदीने के पत्ते को एक लीटर पानी में उबालकर छान लें और ठंडा करके थोड़ी-थोड़ी देर पर रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी बार-बार आने में बहुत आराम मिलता है।*

*अगर बार-बार उल्टी हो रही हो तो 20 ग्राम सौंफ और थोड़ी सी पोदीने के पत्ते को 2 कप पानी में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर रोगी को पिलाएं। इससे थोड़ी देर में रोगी की उल्टी बंद होकर दर्द व जलन में आराम मिलता है।*

*40 मिश्री :*
दूध में थोड़ा-सा नींबू का रस डालकर फाड़ लें और इसमें मिश्री मिलाकर रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाती है।*

*41 चमेली :*
10 ग्राम सफेद चमेली के पत्तों के रस में 2 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर रोगी को चाटना चाहिए। इससे उल्टी बंद हो जाती है।*

*42 आंवला :*
हिचकी तथा उल्टी में आंवले के 10-20 मिलीलीटर रस में 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।

*त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) से पैदा होने वाले उल्टी के रोग में आंवला तथा दाख पीसकर 40 ग्राम चीनी, 40 ग्राम शहद और 160 मिलीलीटर पानी मिलाकर पीएं।*

आंवले के 20 मिलीलीटर रस में एक चम्मच शहद और 10 ग्राम सफेद चंदन का चूर्ण मिलाकर पीने से वमन बंद होता है।

*आंवले के रस में पिप्पली का बारीक चूर्ण और थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से उल्टी में आराम मिलता है।*

आंवला खाने या आंवला के पेड़ की छाल या पत्तों का काढ़ा बनाकर 40 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम पीने से गर्मी के कारण उल्टी व दस्त आना बंद हो जाता है।

*43 पोदीना :*
10 बूंद पोदीने के रस में पानी व चीनी मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।

*44 सोंठ :*
सोंठ, पीपर, हरड़, दारूहल्दी और कचूर 10-10 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें। यह 2-2 ग्राम चूर्ण छाछ के साथ सुबह-शाम खाने से जी मिचलाना बंद होता है।

*सोंठ और बेलफल के गूदा का काढ़ा बनाकर सेवन करने से हैजा रोग में होने वाले पेट दर्द, दस्त और उल्टी में लाभ मिलता है।*

सोंठ को पीसकर घृतकुमारी के रस में मिलाकर चाटने से उल्टी रुक जाती है।

*45 ककड़ासिंगी*
ककड़ासिंगी व नागरमोथा बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण आधे से 2 ग्राम की मात्रा में रोगी को चटाएं। इससे कफज मिचली व उल्टी में लाभ मिलता है।



☘️ *_उल्टी (वमन) जानिए कारण, परहेज, निदान और उपचार प्राकृतिक रूपो से_*

3️⃣ तृतीय भाग : 101 उपाय



रोग एक उपचार अनेक यह तो सिर्फ आयुर्वेद के घरेलू परम्परागत दादी नानी के चिकित्सा पैथी में ही सम्भव है वो भी दुष्प्रभाव रहित


*उल्टी | vomiting*
खाने-पीने में गड़बड़ी, पेट में कीड़े होना, खांसी, जहरीले पदार्थों का सेवन करना तथा शराब पीना आदि कारणों से उल्टी आती है। यह कोई बड़ा रोग नहीं है बल्कि पेट की खराबी का ही एक कारण है। जब कभी कोई अनावश्यक पदार्थ पेट में अधिक एकत्रित हो जाता है तो उस अनावश्यक पदार्थ को निकालने के लिए पेट प्रतिक्रिया करती है जिससे पेट में एकत्रित चीजे उल्टी के द्वारा बाहर निकल जाता है। कभी-कभी अधिक उल्टी होने से रोगी के शरीर में पानी की कमी होने के साथ अधिक कमजोरी आ जाती है।

*विभिन्न प्राकृतिक औषधियों से उपचार :*
*16 आंवले का मुरब्बा :*
 यदि गर्भावस्था में उल्टी आती हो तो आंवले का 2-2 ग्राम मुरब्बा दिन में 4 बार खिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।

*17 प्याज :*
 5-5 मिलीलीटर प्याज और नींबू के रस में नमक मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।

*18 इमली :*
इमली को रात में पानी में डालकर रख दें और सुबह इमली को उसी पानी में मसलकर थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाएं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाती है।

*इमली को छिलके सहित जलाने के बाद राख को 10 ग्राम की मात्रा में पीसकर 15 मिलीलीटर पानी में डालकर पिलाएं। इससे उल्टी तुरंत बंद हो जाती है। अम्लपित्त की जलन और उल्टी होने पर यह पानी भोजन के बाद देना चाहिए।*

पकी हुई इमली को पानी में भिगोकर इसके रस को पीने से उल्टी के रोग में लाभ मिलता है।

*19 पीपल :*
यदि उल्टी होती हो और अधिक प्यास लगती हो तो पीपल के पेड़ की छाल को जलाकर पानी में बुझाकर रख लें। उस पानी को छानकर थोड़ा-थोड़ा पीएं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाती है।

*20 सुपारी :*
सुपारी और हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें। यह 2 ग्राम चूर्ण पानी के साथ लेने से उल्टी बंद हो जाती है।

*सुपारी और हल्दी के चूर्ण को चीनी के साथ मिलाकर फांकी लेनी चाहिए। इससे उल्टी बंद हो जाती है।*

*21 हरड़ :*
 हरड़ का चूर्ण और शहद मिलाकर चाटने से उल्टी व जी मिचलाना बंद हो जाता है।

*22 जायफल :*
कब्ज या अपच के कारण यदि उल्टी आती हो तो 10 ग्राम जायफल के चूर्ण को 1 किलो पानी में उबालकर थोड़ा-थोड़ा पानी रोगी को पिलाएं। यह उल्टी व कब्ज को दूर करता है।*

*उल्टी के रोग से पीड़ित रोगी को जायफल को पानी के साथ पीसकर पिलाना चाहिए।*

*23 चना :*
रात को एक मुट्ठी चने को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर रोगी को पिलाएं। यदि गर्भवती स्त्री को उल्टी हो तो भुने हुए चने का सत्तू सेवन कराना चाहिए। इससे गर्भवती की उल्टी बंद हो जाती है।

*कच्चे चने को पानी में भिगोकर रख दें और फिर कुछ समय बाद उसी पानी को छानकर उल्टी से पीड़ित रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाती है।*

*24 नारियल*
नारियल की जटा को जलाकर इसकी राख बना लें और 10 ग्राम राख को 10 ग्राम बड़ी इलायची के चूर्ण को मिलाकर लगभग आधा ग्राम शहद के साथ मिलाकर चाटने से उल्टी बंद हो जाती है।

*नारियल का पानी पीने से उल्टी आना और ज्यादा प्यास लगना कम होता है।*

*25 इलायची :*
इलायची के छाल को तवे पर भूनकर पीस लें और इसे शहद के साथ चाटने से उल्टी बंद हो जाती है।

*चौथाई चम्मच इलायची के चूर्ण को आधे कप अनार के रस में मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*

पुदीना और इलायची को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से वमन (उल्टी) बंद होती है।

*इलायची का चूर्ण 1-2 ग्राम या इलायची का तेल 5 बूंद अनार के शर्बत में मिलाकर पीने से जी मिचलाना व उल्टी बंद जाती है।*

*26 बर्फ :*
बार-बार उल्टी होने पर बर्फ चूसने से उल्टी बंद हो जाती है। इससे हैजा में उल्टी अधिक आना बंद होता है।

*27 तरबूज :*
अगर खाना खाने के बाद सीने में जलन हो और फिर पीली-पीली उल्टी आती हो तो रोगी को तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर पीना चाहिए। इसके उपयोग से तेज प्यास भी शान्त होती है।

*28 केला :*
कदली के पेड़ के रस में शहद मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*पका हुआ केला खाने से खून की उल्टी बंद हो जाती है।*

*29 पिस्तादाना :*
4 पिस्तादाना खाने से जी मिचलाना व उल्टी बंद हो जाती है।*

*3 से 6 ग्राम पिस्ता के बीजों को छिलका सुबह-शाम सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*30 हल्दी :*
3 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को यदि उल्टी होती हो तो उसे कच्ची हल्दी का रस निकालकर 10 से 15 बूंद रस दिन में 2 से 3 बार पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।।

.... अगले अंक 4 में लगातार

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

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2️⃣ द्वितीय भाग : 101 उपाय



रोग एक उपचार अनेक यह तो सिर्फ आयुर्वेद के घरेलू परम्परागत दादी नानी के चिकित्सा पैथी में ही सम्भव है वो भी दुष्प्रभाव रहित

*उल्टी | vomiting*
खाने-पीने में गड़बड़ी, पेट में कीड़े होना, खांसी, जहरीले पदार्थों का सेवन करना तथा शराब पीना आदि कारणों से उल्टी आती है। यह कोई बड़ा रोग नहीं है बल्कि पेट की खराबी का ही एक कारण है। जब कभी कोई अनावश्यक पदार्थ पेट में अधिक एकत्रित हो जाता है तो उस अनावश्यक पदार्थ को निकालने के लिए पेट प्रतिक्रिया करती है जिससे पेट में एकत्रित चीजे उल्टी के द्वारा बाहर निकल जाता है। कभी-कभी अधिक उल्टी होने से रोगी के शरीर में पानी की कमी होने के साथ अधिक कमजोरी आ जाती है।

*विभिन्न प्राकृतिक औषधियों से उपचार :*

*1 पोदीन हरा :*

 *6 मिलीलीटर पोदीने का रस और लगभग एक चौथाई ग्राम सेंधानमक पीसकर ताजे पानी के साथ थोड़े-थोड़े पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*अगर पेट के खराब होने की वजह से छाती पर भारीपन महसूस हो और बेचैनी के कारण उल्टी हो रही हो तो 1 चम्मच पुदीने के रस को पानी के साथ रोगी को पिलाएं।*

*पोदीने का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में 3-4 बार रोगी को पिलाने से उल्टी का बार-बार आना बंद होता है।*

*आधा कप पोदीना का रस 2-2 घण्टे के अंतर पर पिलाने से उल्टी, दस्त और हैजा ठीक होता है।*

*10-10 मिलीलीटर पोदीना, प्याज और नींबू का रस मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाने से हैजे के रोग में उल्टी में बहुत लाभ होता हैं। वमन (उल्टी) भी जल्दी बंद हो जाती है*

*पोदीना, छोटी पीपल और छोटी इलायची 2-2 ग्राम की मात्रा में पीसकर खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*4 पोदीने के पत्ते और 2 आम के पत्ते को एक कप पानी में डालकर उबालें और जब पानी आधा कप बाकी रह जाए तो उस पानी में मिश्री डालकर काढ़े की तरह पीने से उल्टी के रोग में लाभकारी होता है।*

*2 कपूर :*

*कपूर के रस की 3-4 बूंदे पानी में मिलाकर रोगी को पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*कपूर, नौसादर और अफीम बराबर की मात्रा में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर शहद के साथ 1-1 गोली दिन में 3 से 4 बार पानी के साथ रोगी को खिलाने से उल्टी रोग में आराम मिलता है।*

*उल्टी के रोग से पीड़ित रोगी को चीनी में थोड़ा सा कपूर मिलाकर खिलाना चाहिए। यह उल्टी का बार-बार आना बंद करता है।*

*कपूर कचरी को पानी के साथ पीसकर मूंग के बराबर की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर 2 से 3 गोली खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*3 तुलसी :*

*10 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों के रस में एक ग्राम छोटी इलायची को पीस लें। इसे 10 ग्राम चीनी के साथ खाने से पित्त की गर्मी के कारण होने वाली उल्टी में आराम मिलता है।*

*तुलसी के पत्तों का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोगी को पिलाने से उल्टी बंद होती है।*

*तुलसी के पत्ते का रस पीने से उल्टी बंद होती है। इससे पेट के कीड़े भी मर जाते हैं। शहद और तुलसी का रस मिलाकर चाटने से जी-मिचलाना और उल्टी ठीक होती है।*

*तुलसी का रस, पोदीना और सौंफ का रस मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*तुलसी के रस या ताजे प्याज के रस में शहद मिलाकर पीने से उल्टी का बार-बार आना बंद होता है।*

*4 लौंग :*

 *5 दाने लौंग, लगभग 25 ग्राम खील, 5 छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री को आधे लीटर पानी के साथ बनाए और जब यह 10-12 बार उबल जाए जो इसे उतारकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी बंद हो जाती है।*

*लौंग और दालचीनी का काढ़ा बनाकर पीने से उल्टी होना बंद हो जाती है।*

*अगर जी मिचलाता हो तो लौंग को मुंह में रखकर चूसते रहने से मिचली दूर होती है।*

*4 लौंग पीसकर 1 कप पानी में डालकर उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर इसमें चीनी मिलाकर उल्टी से पीड़ित रोगी को पिलाएं और करवट लेकर सो जाएं। यह दिन में 4 बार पानी से उल्टियां बंद हो जाती है।*

*अगर उल्टी बंद न हो रही हो तो 2 लौंग और थोड़ी-सी दालचीनी लेकर एक कप पानी में डालकर उबाल लें और जब पानी आधा कप बाकी रह जाए तो छानकर रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी का बार-बार आना बंद हो जाता है।*

*यदि गर्भावस्था में उल्टी आती हो तो 2 लौंग को पीसकर शहद के साथ देने से उल्टी व जी मिचलाना बंद होता है।*

*2 लौंग को आग पर गर्म करके जब भी उल्टी या जी मिचलाने के लक्षण दिखाई दे तब चूसें। इससे उल्टी व मिचली दूर होती है।*

*5 अमृतधारा :*

अमृतधारा 2 बूंद बताशे में डालकर पानी के साथ खिलाने से उल्टी रोग ठीक होता है। अधिक उल्टी के लक्षणों में कई बार अमृतधारा का सेवन कराना चाहिए।*

*6 गन्ना :*

*अगर गर्मी के कारण उल्टी हो रही हो तो एक गिलास गन्ने के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर पर रोगी को पिलाएं। इससे रोगी को आराम मिलता है।*

*गन्ने के रस को ठंडा करके पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*गर्मी के कारण उल्टी होने पर 1 गिलास गन्ने के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से जल्दी आराम आ जाता है।*

*पित्त की वजह से उल्टी हो तो गन्ने के रस में शहद मिलाकर पिलने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*7 धनिया :*

*उल्टी होने पर सुखा या हरा धनिया कूटकर पानी में डालकर फिर निचोड़कर 5 चम्मच रस निकाल लें। यह रस बार-बार रोगी को पिलाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है। इस प्रयोग से गर्भवती की उल्टी भी बंद होती है।*

*3 ग्राम धनिया और 3 ग्राम सौंफ को पीसकर 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर चीनी डालकर दिन में 2-3 बार रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाती है।*

*आधा चम्मच हरे धनिये का रस, चुटकी भर सेंधानमक और 1 चम्मच कागजी नींबू का रस को मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।*

*धनिया को पानी में उबालकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*

*हरा धनिया, पोदीने और सेंधानमक मिलाकर चटनी बनाकर नींबू का रस मिलाकर खाने से उल्टी नहीं आती है।*

*8 अदरक :*

*एक चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच पानी को मिलाकर पीने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*

*5 ग्राम अदरक के रस में थोड़ा सा सेंधानमक और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*अदरक, प्याज, लहसुन और नींबू का रस 20-20 ग्राम मिलाकर इनके 2 चम्मच रस को 125 मिलीलीटर पानी में मिलाकर इसके अंदर 1 ग्राम मीठा सोडा डालकर पीने से उल्टी में लाभ मिलता है।*

*अदरक और प्याज का रस 1-1 चम्मच की मात्रा में मिलाकर पीने से उल्टी में आराम मिलता है।*

*अदरक के 10 मिलीलीटर रस और 10 मिलीलीटर प्याज का रस मिलाकर पीने से उल्टी बंद होती है।*

*अदरक का रस, तुलसी का रस, शहद और मोरपंख के चान्द वाला भाग की राख को एक साथ मिलाकर खाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*

*9 आलूबुखारा : आलूबुखारे को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर और इसमें कालीमिर्च, जीरा, सोंठ, कालानमक, सेंधानमक, धनिया व अजवायन बराबर मात्रा में मिलाकर चटनी की तरह बनाकर खाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*

*10 संतरा :*

*अगर ऐसा लगने लगे कि उल्टी आने वाली है तो संतरा खाएं या इसका रस पीएं। इससे उल्टी व जी मिचलाना ठीक होता है।*

 *2 ग्राम संतरे के सूखे छिलके का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी आनी तुरंत बंद हो जाती है।*

*संतरे के सूखे छिलके को पीसकर इसमें 2 गुना चीनी मिलाकर खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*11 नींबू :*

*उल्टी से पीड़ित रोगी को 250 मिलीलीटर शर्बत में एक नींबू निचोड़कर 2-3 बार पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*नींबू के सूखे छिलके को जलाकर या पीसकर लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*भोजन के बाद होने वाले वमन को रोकने के लिए ताजे नींबू का रस लगभग 1 ग्राम का चौथा की मात्रा में पीने से उल्टी में आराम मिलता है।*

*नींबू को काटकर इसमें चीनी और कालीमिर्च भरकर चूसने से उल्टी और जी मिचलाना बंद होता है।*

*लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग नींबू के रस में चीनी और थोड़ा नमक मिलाकर पीने से उल्टी बंद होती है।*

*गर्भावस्था में ज्यादा उल्टी आने के लक्षणों में सुबह नींबू के रस को पानी में मिलाकर थोड़ी सी मिश्री मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से उल्टी होनी बंद हो जाती है।*

*पोदीना और नींबू को एक साथ खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*अगर बच्चा दूध पीकर वापस निकाल देता हो तो नींबू का रस थोड़ी-थोड़ी पानी में मिलाकर बच्चे को पिलाने से लाभ होता है।*

*नींबू को काटकर इसमें इलायची का चूर्ण भककर चूसने से उल्टी में आराम मिलता है। उल्टी होने पर नींबू को गर्म करके सेवन नहीं करना चाहिए।*

 *नींबू के रस में चीनी, पिप्पली का चूर्ण और खील को मिलाकर खाने से उल्टी बंद होती है।*

*12 नींबू बिजौरा :*

*10-20 ग्राम बिजौरे नींबू की जड़ को 200 मिलीलीटर पानी में उबालें और पानी एक चौथाई बचने पर छानकर उल्टी से पीड़ित रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी बंद हो जाती है।*

*बिजौरे नींबू की जड़ और अनार की जड़ को पानी में पीसकर पिलाने से उल्टी और दस्त रोग ठीक होता है।*

*भोजन करने के बाद अगर उल्टी आती हो तो शाम के समय बिजौरे नींबू का ताजा रस 5-10 मिलीलीटर की मात्रा में रोगी को पिलाएं।*

*बिजौरे नींबू की जड़ को पानी में घिसकर शहद के साथ देने से उल्टी में लाभ मिलता है।*

*13 राई :*

*राई को पानी के साथ पीसकर पेट पर लेप करने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*काली राई के आटे को पानी मे घोलकर पीने से उल्टी तुरंत बंद हो जाती है। इसके लेप पेट और छाती पर करने से ज्यादा होने वाले उल्टी भी बंद हो जाती है।*

*14 चावल :*

*चावल के पानी में 3 चम्मच बेलगिरी का रस मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*

*गर्भावस्था उल्टी होने पर 50 ग्राम चावल को 250 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। आधे घंटे के बाद इसमें 5 ग्राम सुखा धनिया डालकर 10 मिनट बाद इसे मिलाकर छान लें। इस सारे पानी को पूरे दिन में 4 बार गर्भवती स्त्री को पिलाने से उल्टी बंद होती है।*

*15 कमल : कमल के बीज का रस बनाकर पीने से उल्टी आने का रोग दूर होता है।*


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