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शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

कैंसर रोगी ध्यान दे, #cancersymptoms #कैंसरकेलक्षण #कैंसरकेशुरुआतीलक्षण

*कैंसर रोगी ध्यान दे*
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✍कैंसर शब्द ऐसे रोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिसमें असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं। कैंसर की कोशिकाओं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं।
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*कैंसर के मुख्य श्रेणियां -*
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*कार्सिनोमा* : ऐसा कैंसर जो कि त्वचा में या उन ऊतकों में उत्पन्न होता है, जो आंतरिक अंगों के स्तर या आवरण बनाते हैं।
*सारकोमा* : ऐसा कैंसर जो कि हड्डी, उपास्थि, वसा, मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं या अन्य संयोजी ऊतक या सहायक में शुरू होता है।
*ल्युकेमिया* : कैंसर जो कि रक्त बनाने वाले अस्थि मज्जा जैसे ऊतकों में शुरू होता है और असामान्य रक्त कोशिकाओं की भारी मात्रा में उत्पादन और रक्त में प्रवेश का कारण बनता है।
*लिंफोमा और माएलोमा* : ऐसा कैंसर जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं में शुरू होता है।
*केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के कैंसर:* कैंसर जो कि मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ऊतकों में शुरू होता हैं।
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              *कैंसर की उत्पत्ति -*
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✍सभी प्रकार के कैंसर कोशिकाओं में शुरू होते है, जो शरीर में जीवन की बुनियादी इकाई होती हैं। कैंसर को समझने के लिए, यह पता लगाना उपयोगी है कि सामान्य कोशिकाओं के कैंसर कोशिकाओं में परिणत होने पर क्या होता है।

✍शरीर कई प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ये कोशिकाओं वृद्धि करती हैं और नियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं। कोशिकाएं जब पुरानी या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो वे मर जाती हैं और उनके स्थान पर नई कोशिकाएं आ जाती हैं।

✍हालांकि कभी कभी यह व्यवस्थित प्रक्रिया गलत हो जाती है। जब किसी सेल की आनुवंशिक सामग्री (डीएनए) क्षतिग्रस्त हो जाती है या वे बदल जाती हैं, तो उससे उत्परिवर्तन (म्युटेशन) पैदा होता है, जो कि सामान्य कोशिकाओं के विकास और विभाजन को प्रभावित करता है। जब ऐसा होता है, तब कोशिकाएं मरती नहीं, और उसकी बजाए नई कोशिकाएं पैदा होती हैं, जिसकी शरीर को जरूरत नहीं होती। ये अतिरिक्त कोशिकाएं बड़े पैमाने पर ऊतक रूप ग्रहण कर सकती हैं, जो ट्यूमर कहलाता है। हालांकि सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते, ट्यूमर सौम्य या घातक हो सकता हैं।

*सौम्य ट्यूमर:* ये कैंसर वाले ट्यूमर नहीं होते। अक्सर शरीर से हटाये जा सकते है और ज्यादातर मामलों में, वे फिर वापस नहीं आते। सौम्य ट्यूमर में कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलते।
*घातक ट्यूमर:* ये कैंसर वाले ट्यूमर होते हैं, और इन ट्यूमर की कोशिकाएं आसपास के ऊतकों पर आक्रमण कर सकती हैं तथा शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं। कैंसर के शरीर के एक भाग से दूसरे फेलने के प्रसार को मेटास्टेसिस कहा जाता है।
*ल्युकेमिया* : यह अस्थिमज्जा और रक्त का कैंसर है इसमें ट्यूमर नहीं।
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           *कैंसर के कुछ लक्षण -*
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स्तन या शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ।
एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन।
कोई ख़राश जो ठीक नहीं हो पाती।
स्वर बैठना या खाँसी ना हटना।
आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन।
खाने के बाद असुविधा महसूस करना।
निगलने के समय कठिनाई होना।
वजन में बिना किसी कारण के वृद्धि या कमी।
असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज।
कमजोर लगना या बहुत थकावट महसूस करना।

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कैंसर के लक्षण || कैंसर के शुरुआती लक्षण || कैंसर किस कारण होता है || Cancer ke shuruati lakshan

शनिवार, 29 सितंबर 2018

कैंसर रोगी ध्यान दे , Cancer patients pay attention , कैंसर से बचने के उपाय, Measures to Avoid Cancer

                                          *कैंसर रोगी ध्यान दे*

                      आयुर्वेद के अनुसार कर्क रोग में विचारणीय बिन्दु

                                           *कैंसर में क्या खाएं*


1. *हरी सब्जियां खाएं* :– कैंसर रोग में हरी सब्जियां जैसे फूलगोभी,पत्तागाोभी और ब्रोकली , पालक, मेथी आदि को सेवन में सामिल करना चहिये क्यूंकि ये हरी सब्जियां डिटोक्सीफिकेशन एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जो कैंसर की कोशिकाओं को मारते हैं।

2. *ताजे फल खाएं* :- कैंसर रोग में ताजे फल जैसे अंगूर , पपीता , तरबूज , अमरुद आदि का सेवन करना चहिये क्यूंकि ये फल कैंसर को होने से रोकते हैं।
3. *ताजा रस पियें* :- सुबह-सुबह प्रतिदिन नीबू , संतरा , मौसमी का जूस पीना चहिये ये भी कैंसर के खतरे को टालते हैं।
4. *ड्राई फ्रूट्स खाएं* :- ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, किसमिस, छुआरे, मुनक्का आदि का सेवन करना चहीये ये सभी कैंसर के फैलाब को रोकते हैं।
5. *लहसुन के सेवन करें* :- कैंसर रोग में रोगी का लहसुन का सेवन करना चहिये ये कैंसर रोग के खत्म होने की क्षमता रखता है क्यूंकि ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखता है।
6. *गो मूत्र पिए* :- कैंसर रोग में गौ मूत्र और ज्वारे का रस पीना चहिये क्यूंकि ये कैंसर को खत्म करते।
7. *ग्रीन टी पिए* :- ग्रीन टी पीने से भी ब्रैस्ट कैंसर से छुटकारा मिलता है।
8. *प्रोटीन का सेवन* :- कैंसर रोग में प्रोटीन का अधिक सेवन करना चहिये प्रोटीन के स्रोत्र जैसे चना, मटर, मूंग, मसूर, उड़द, सोयाबीन, राजमा, लोभिया, गेहूँ, मक्का प्रमुख हैं।

                                    *कैंसर में क्या नही खाएं*

1. *नशीले पदार्थ* :- नशीले पदार्थ जैसे तम्बाकू, कुबेर, गुटका, सिगरेट बिंडी, इत्यादि का सेवन न करें। क्यूंकि ये सभी कैंसर को बढ़ावा देते हैं।
2. *कैलोरी वाला भोजन* :- ज्यादा केलोरी वाले का खाने का सेवन जितना हो सकें उतना ही कम करें। क्यूंकि कैंसर रोग में जादा कैलोरी का सेवन परेशानी बढ़ा सकता है।
3. *स्वादनुसार नमक* :- कभी भी खाना पकने के बाद ऊस पर ऊपर से नमक नहीं डालना चहिये खाना बनते समय ही नमक डालना चहिये केवल स्वादनुसार ही नमक खाना चहिये।
4. *मॉस का सेवन न करें* :- ज़्यादा चर्बी वाला भोजन न करें। माँस, तला भुना खाना आदि को अपने सेवन में सामिल न करें क्यूंकि ये आसानी से पचते नहीं हैं।
5. *मीठे पदार्थ का सेवन* :- कैंसर रोग में मीठे पदार्थों का सेवन नहीं करना चहिये क्यूंकि ये परेशानी बढ़ा सकते हैं।
6. *सैचुरेटिड फूड्स न खाएं* :- कैंसर होने पर सैचुरेटिड फूड्स बहुत हाई एमाउंट में नहीं खाने चाहिए अगर आप खाना चाहते हैं तो कम मात्रा में खाएं।

                                    *कैंसर से बचने के उपाय*

1. *तली हुई चीजो का सेवन न* *करें* :-।
2. *जाँच कराएँ* :- जब भी आपको लक्षण को देखकर लगे की ये कैंसर के लक्षण है तो समय पर जाँच करा लेनी चहिये।
3. *योन सम्बन्ध* :-
4. *पैन किलर दवा* :- पैन किलर या दर्द निवारक दवा का सेवन बहुत कम मात्रा में करना चहिये या फिर इनकी आदत छोडनी चहिये।
5. *योगासन करें :-* सुबह-सुबह जग कर योग करने चहिये घूमना चहिये इनसे व्यक्ति बीमारियों से दूर रहता है।
6. *वेग न रोकें* :- कभी भी अपने वेग नहीं रोकने चहिये वेग मतलब छींक आना , बाथरूम आना , हंसी आना आदि इनको कभी भी नही रोकना चहिये।
7. *वजन कम करें :-*
8. *तनावमुक्त रहें* :- कभी भी चिंता न करें और कोई भी मानसिक कार्य जादा न करें और खुश रहें।
Amwey

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