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गुरुवार, 17 सितंबर 2020

#नटराजासन के लाभ, Benefits of #Natarajasana #Yoga

 ☘️ योग अपनावे सुंदर जीवन पायें :नटराजासन : लेटकर किए जाने से इस योग के लाभ और विधि

#नटराजासन के लाभ, Benefits of #Natarajasana #Yoga



'नटराज' भगवान शंकर का नर्तक रूप को कहा गया है। योग की यह मुद्रा रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत ही लाभप्रद है। नटराजासनउन लोंगो के लिए भी है जो इसे खड़ा होकर नही कर सकते । जहां तक इस आसन के फायदे क़ी बात है लेटकर करने पर भी इस योग के फायदे कम नही होते ।

नटराजासन के लाभ

शरीर क़ी अकड़ने खत्म हो मांसपेशियों को आराम मिलता है

मन और शरीर मैं गहरी शांति महसूस होती हैं।

रीढ़ की हड्डी में खिंचाव होने से दर्द में मुक्ति मिलती है।

जोड़ो के सही संतुलन व उपयोग से दर्द दूर होता है

नटराजासन क़ी विधि

सर्व प्रथम आप शांत साफ और समतल स्थान पर आसान लगाकर उस पर पीठ के बल लेट कर दोनों हाथो को फैला ले।

हथेली फर्श की ओर रखे और कंधो के समान सीधा रखे।

अब पैर को मोड़ते हुए एड़ी को दूसरे पैर के जंघा के पास लाये।

घुटने आसमान की ओर रखे और गहरी सांस ले। तलवा पूरी तरह ज़मीन को छूते हुए हो

सांस छोड़ते हुए घुंटने को दाई तरफ झुकाये और अपनी बाई तरफ देखे।

सांस लेते रहे और हर सांस के साथ अपने घुटनो और कंधो को ज़मीन की और लाने की कोशिश करे।

ध्यान रखे की कंधे फर्श को छूते रहे। इस अवस्था में अक्सर कंधे फर्श से ऊपर उठ जाते है , इसपर ध्यान रखे।

जांघों, कमर, हाथ, गर्दन, पेट और पीठ में खिंचाव महसूस करें। प्रत्येक सांस छोड़ते हुए आसन में विश्राम करें।

सांस ले और घुंटने को उठाये, ऊपर देखे और सांस छोड़ते हुए घुटनो को बाई तरफ झुकाये और दाई तरफ देखे। इसी अवस्था में रुके और सांस लेते रहे।

धीरे धीरे सर और घुटने को सीधा कर ले। पैरो को फर्श पर सीधा फैला ले।

इस आसन को दूसरी पैर से भी दोहराएं।

नटराजासन में सावधानियां
रीढ़ की हड्डी की चोटों के मामले में इस आसन को न करे।

नटराज' शिव के 'तांडव नृत्य' का प्रतीक है। नटराज का यह नृत्य विश्व की पांच महान क्रियाओं का निर्देशक है- सृष्टि, स्थिति, प्रलय, तिरोभाव (अदृश्य, अंतर्हित) और अनुग्रह। शिव की नटराज की मूर्ति में धर्म, शास्त्र और कला का अनूठा संगम है। उनकी इसी नृत्य मुद्रा पर एक आसन का नाम है- नटराज आसन ( नटराजा आसन)

तनाव कम करने के अलावा स्वास्थ्य समस्याओं के लिए लाभकारी है ये योगासन नटराजासन करने से आपके शरीर के संतुलन और पोस्चर में सुधार होता है साथ ही आप इसके अभ्यास से तनाव को दूर कर सकते हैं और वजन भी कम कर सकते हैं

नटराजासन के लाभ

1 नटराज आसन का अभ्यास करने से आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।

2. यह आपके शरीर की मुद्रा में सुधार करता है और शरीर के संतुलन को बढ़ाता है

3. नटराजासन करने से थाई, हिप्स, टखनों और सीने की मसल्स को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है।जांघों की अतरिक्त चर्बी को कम करके इसे शुडाल बनाता है और साथ ही साथ जांघों की मोटापा को भी कम करता है।

4. यह आपकी एकाग्रता बढ़ाने के लिए भी लाभकारी योगासन है। इससे याद्दास्त में इजाफा होता है।

5. तनाव को कम करने और दिमाग को शांत करने के लिए आपको नटराज आसन का अभ्यास करना चाहिए।

6. इस योगासन के अभ्यास से एब्डोमिनल ऑर्गन के फंक्शन को सुधारने में मदद मिलती है जिससे आपका पाचन बेहतर होता है।

7. यह हैमस्ट्रिंग, स्पाइन, कंधों के लचीलेपन को बढ़ाता है इसके प्रैक्टिस से आपके बाहें मजबूत एवं शुडूल बनती है।

8 इस आसन के करने से आपके पैर मजबूत होते हैं।

9 इस आसन के अभ्यास से आप कंधों एवं मस्तिष्क में कैल्शियम जमा होना  रोक सकते हैं।

10 यह आसन घुटने के लिए  बहुत ही उम्दा आसान है।  इसके नियमित अभ्यास से आप अपने घुटने को मजबूत करने के साथ साथ इसके दर्द को भी कम कर सकतें हैं।

नटराज आसन करने क़ी विधि

शांत स्वच्छ और समतल स्थान पर सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं।

अब आप अपने दायां पैर को उठाएं, उसे घुटनों से मोड़ें तथा शरीर को आगे झुकाते हुए  जितना संभव हो पीठ के पीछे ले जाएं।

दोनों बांहों को सामने से ऊपर उठाएं, फिर उन्हें पीछे ले जाएं।

अब आप बाएं पांव पर खड़े रहते  और अपने संतुलन बनाते हुए दाएं पैर को दोनों हाथों से पकड़े

अपने हाथो क़ी मदद से पैर को मजबूती से पकड़कर जितना संभव हो सिर के ऊपर ले जाएं।

ध्यान रहे आपका सिर स्थिर और दृष्टि सामने हो।

जहाँ तक हो सके इस अवस्था को बनाये रखें और फिर धीरे धीरे आरंभिक स्थिति में आ जाएं।

यह आधा चक्र हुआ।

इसी तरह से आप बायें पैर से भी इसे करें।

अब एक चक्र पूरा हुआ।

इस तरह से आप 5 से 7 चक्र करें।

नटराजासन में सावधानियां

नटराजासन उनको नहीं करनी चाहिए जिन्हें घुटनों में  बहुत दर्द हो।

वैरिकोस नस से परेशान वाले व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।

साइटिका के रोगियों को इससे परहेज करनी चाहिए।

रीढ़ की हड्डी में कोई परेशानी हो तो इन्हें करने से बचें



Swami Ramdev का Yoga Challenge | Natarajasana जाने नटराजासन करने की विधि और इसके फायदे... | Natrajasan Benefits | Yoga Benefits महोदय, कृपया ध्यान दें, यद्यपि इसे (पोस्ट) तैयार करने में पूरी सावधानी रखने की कोशिश रही है। फिर भी किसी घटनाएतिथि या अन्य त्रुटि के लिए मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है । अतः अपने विवेक से काम लें या विश्वास करें। Agreement सहमति :- हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारे उक्त शर्तों/स्वीकरण के लिए सहमति देते हैं और इसकी शर्तों से सहमत होते हैं। किसी भी प्रकार के विवाद के लिए लखनऊ जिला के अन्तर्गत न्यायालयों, फारमों, आयोगों, मध्यस्थ अथवा उच्च न्यायालय, लखनऊ में ही वाद की सुनवाई की जायेगी। यह पोस्ट में दी गयी जानकारी धार्मिक विश्वास एवं आस्था एवं ग्रन्थों से पर आधारित है जो पूर्णता वैज्ञानिक नहीं है

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