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सोमवार, 21 सितंबर 2020

#वक्रासन करने से लाभ-#मधुमेह Benefits of #Vakrasana - #Diabetes

 वक्रासन के बारे मे वो सब कुछ जो आप जानना चाहते है वक्रासन (Vakrasana) योग करने सही की विधि | Swami Ramdev

 


वक्रासन बैठ कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन 'वक्र' शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है। यह आसन रीढ़ की सक्रियता को बढ़ाता है, मधुमेह से आपको बचाता है, डिप्रेशन में बहुत अहम भूमिका निभाता है,

वक्रासन क्या है

 हिंदी के वक्र शब्द से लिया गया है वक्र का अर्थ होता है मुड़ा हुआ या "टेढ़ा" वक्रासन करते समय हमारी रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो जाती है इसी कारण इस आसन का नाम वक्रासन पड़ा वक्रासन बहुत ही सरलता से सीखा जा सकता है वक्रासन करने के बहुत से अनेकों लाभ हैं वक्रासन करने से पीठ हड्डी मजबूत होती है और डिप्रेशन दूर होता है

वक्रासन करने से लाभ

वक्रासन मधुमेह और डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए बहुत ही उत्तम आसन है

 वक्रासन करते समय हमारे पेनक्रियाज पर बल लगता है जिससे पेनक्रियाज इंसुलिन सही मात्रा में रिसाव करता है

वेट संतुलन बनाए रखता है

इस आसन के लगातार अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम हो जाती है शरीर में सबसे ज्यादा चर्बी पेट पर होती है

रीड की हड्डी को मजबूत बनाता है वक्रासन रीड की हड्डी के लिए रामबाण आसन है

शरीर में लचीलापन आता है
 
वक्रासन के निरंतर अभ्यास से हमारे शरीर में तंत्रिका तंत्र मजबूत हो जाता है और स्फूर्ति प्रदान करता है

इसके साथ साथ गर्दन का दर्द कमर दर्द में भी लाभदायक है

वक्रासन करने की सही विधि

सबसे पहले आप साफ सुथरी जगह पर खुले स्थान में समतल स्थान पर आसन बिछाकर उस पर बैठ जाए

उसके बाद अपने पैरों को सामने की ओर फैला दें पैरों के बीच में कोई गैप नहीं रखे

इसके बाद बाएं पैर को मोडते हुए दाहिने पैर के घुटने के बगल में बाहर कि ओर ले आए

बाये हाथ को पीठ के पीछे 1 फुट की दूरी पर जमीन पर स्पर्श करते हुए रखें

इसके बाद दाहिने हाथ से दाहिने पैर के बाये साइड से हाथ को डालते हुए दाहिने पैर के पास कि जमीन छूने का प्रयास करें

ऐसा करने पर हमारे पेट में खिंचाव होगा

इस स्थिति में सांसों की गति सामान्य रहेगी ।

वक्रासन की मुद्रा बनाई है वैसे ही इस मुद्रा से धीरे धीरे वापस मूल स्वरूप में आ जाए

अब इसी प्रक्रिया को दाहिने पैर से वैसे ही करें

शुरुआत में यह आसन 3 से 5 बार तक करें

वक्रासन करते समय सावधानियां

पेट ,कमर ,कोहनी ,घटना  और गर्दन दर्द वाले व्यक्ति यह आसन नहीं करें!

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