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शनिवार, 17 अक्तूबर 2020

जानिए #गोमुखासन के लाभ Know the benefits of #Gomukhasana #योग करने का सही तरीका



 गोमुखासन : जानिए गोमुखासन के लाभ व सावधानियां और जाने योग करने का सही तरीका

स्वस्थ जीवनयापन के लिए योग और पौष्टिक खान-पान अच्छा तरीका है। अगर आप अपनी दिनचर्या में सुबह या शाम कुछ मिनट योग के लिए निकालते हैं, तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। प्रतिदिन कुछ मिनट का योगाभ्यास न सिर्फ शरीर से तदुंरुस्त रखता है, बल्कि मन को भी शांत रखने में मदद कर सकता है।

गोमुखासन
 गोमुखासन को इंग्लिश में काऊ फेस पॉज के नाम से जाना जाता है। यह दो शब्द गौ और मुख से मिलकर बना है। गौ का मतलब गाय और मुख का मतलब चेहरे से है। इस आसन को करते समय जांघें और दोनों हाथ एक छोर से पतले और दूसरे छोर से चौड़े दिखाई देते है, जो गाय के मुख की तरह दिखाई देते हैं। यही कारण है कि इस आसन को गोमुखासन कहा जाता है

गोमुखासन के फायदे –

योग का फायदा तभी होगा, जब उसे सही तरीके से और नियमित उचित समय तक किया जाए।

1. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए
गोमुखासन के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखना शामिल है। दरअसल, इस आसन को करते समय शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। इससे उच्च रक्तचाप की समस्या से बचा जा सकता है। उच्च रक्तचाप ऐसी स्थिति है, जो हृदय संबंधी समस्या को उत्पन्न कर सकती है। इस प्रकार यह आसन हृदय के लिए लाभकारी हो सकता है।

2. शरीर के लचीलेपन को बढ़ावा
गोमुखासन करने से शरीर में लचीलापन आ सकता है। इसकी पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक ने शोध किया और बाद में यह शोध एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। इस शोध में 50 से 79 वर्ष की करीब 56 महिलाओं को शामिल किया। इन सभी को हफ्ते में एक बार 90 मिनट तक हठ योग कराया गया। इसमें गोमुखासन सहित कई प्रकार की योगासन शामिल थे। यह योग प्रक्रिया करीब 20 हफ्ते तक चली। इसके बाद इन महिलाओं के स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी में लचीलापन पाया गया। इस आधार पर माना जा सकता है कि गोमुखासन करने से शरीर में लचीला आ सकता है

3. मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए
 गोमुखासन करने पर मधुमेह की समस्या को नियंत्रण में किया जा सकता है।  

4. मांसपेशियों की मजबूती
प्रतिदिन योगाभ्यास करने से सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूती मिल सकती है।  

5. तनाव और चिंता से राहत के लिए
यह योग करने पर होने वाली श्वसन क्रिया के माध्यम से मन शांत होता है। इससे हर तरह के मानसिक तनाव से छुटकारा मिल सकता है। तनाव से राहत मिलने से कई अन्य शारीरिक समस्याएं भी दूर होने लगती हैं

गोमुखासन करने का तरीका –
1 एक समतल स्थान पर योग मैट बिछा लें और दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं।
2 इस स्थिति में दोनों पैर सामने की तरफ फैला होंगे और हाथ शरीर से सटे हुए जमीन के पास रहेंगे।
3 फिर उसके बाद दाएं पैर को मोड़कर बाईं जंघा के नीचे से ले जाते हुए बाएं नितंब के पास जमीन पर रख दें।
4 इसी तरह बाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए दाईं जंघा के ऊपर से बाएं नितंब के पास जमीन पर रख दें।
5 अब दाएं हाथ को ऊपर उठाएं और कोहनी से मोड़कर पीठ के पीछे की तरफ ले जाएं।
6 इसके बाद बाएं हाथ को पीठ के पीछे ले जाकर कोहनी से मोड़ते हुए दाएं हाथ की उंगलियों को पकड़ने का प्रयास करें।
7 इस स्थिति में आपकी पीठ बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए।
कुछ सेकंड इसी स्थिति में बने रहें और नियमित रूप से सांस लेते रहें।
8 फिर गोमुखासन से बाहर आने के लिए प्रक्रिया को विपरीत क्रम में करें।
9 यह गोमुखासन का आधा चक्र है। फिर इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी करें।

शुरुआत में इस आसन को तीन से चार बार तक कर सकते हैं।

 सावधानियां
अगर गोमुखासन करते समय हाथ को पीछे की तरफ ले जाने में दर्द होता है, तो ऐसे में इस आसन को नहीं करना चाहिए।
इस आसन को करने के लिए दोनों पैर को मोड़ने पर घुटनों में दर्द होता है, तो इस आसन को करने से बचें।
मांसपेशियों में दर्द महसूस होने पर इस आसन को करने से बचना चाहिए।
अगर रीढ़ की हड्डी से संबंधित किस तरह की शिकायत है, तो भी इस योगासन को नहीं करना चाहिए।
अगर गोमुखासन करने का तरीका सही न हो, तो इसके फायदे के जगह नुकसान हो सकता है। पहले इसे विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए। उसके बाद ही स्वयं से अभ्यास करना सही है।

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गोमुखासन योग के फायदे और विधि | Swami Ramdev

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