अधिकतर महिलाएं छोटे या बड़े स्तनों की समस्या को लेकर परेशान रहती हैं। सुदृढ़ और पुष्ट स्तन (Breast) स्त्री की सुन्दरता में चार चाँद लगाते हैं।
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*छोटे स्तनों की समस्या*
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स्तन छोटे रह जाने का सबसे प्रमुख कारण पोषण संबंधी गड़बड़ी होता है। जिस समय लड़की बचपन से युवावस्था की तरफ कदम बढ़ाती है वह समय शारीरिक विकास की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। इस समय शरीर को भरपूर पोषण की आवश्यकता होती है। अगर इस समय वह अपने खान पान पर ध्यान नहीं देती है और उसके शरीर को पूर्ण पोषण नहीं मिलता है तो उसका शारीरिक विकास अधूरा रह जाता है। इसी अपूर्णता या अधूरे पोषण के कारण कई युवतियों का वक्ष (Breast) अपना स्वाभाविक आकार नहीं ले पाता है।
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*होर्मोन की कमी के कारण छोटे स्तन*
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दूसरा सबसे प्रमुख कारण होर्मोनों की कमी और असंतुलन होता है। होर्मोनों की कमी भी पोषण में कमी के कारण ही होती है। होर्मोनों की कमी और असंतुलन का एक प्रमुख कारण मानसिक विषाद भी होता है। युवावस्था की दहलीज़ पर कदम रखते वक्त अगर लड़की के घर का पारिवारिक माहौल ठीक नहीं होता है और उसे अपने संबंधी और परिजनों से डांट-फटकार और तिरस्कार मिलता है तो वह मानसिक विषाद की अवस्था में चली जाती है और यह हॉर्मोन असंतुलन का सबसे प्रमुख कारण है।
🍂 *छोटे स्तनों का मुख्य कारण* 🍂
▪संतुलित पौष्टिक आहार न लेना।
▪व्यायाम न करना।
▪हार्मोनल समस्या।
▪ग्रोथ इयर यानि युवावस्था में तनाव लेना।
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*छोटे स्तनों की समस्या को कैसे करें दूर*
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🔹 *खान पान*
स्तन छोटे रह जाने पर उन्हें बड़ा करने के लिए विटामिन युक्त संतुलित पौष्टिक आहार लें।
🔹 *छोटे स्तनों के लिए व्यायाम*
तैरना, रस्सी कूटना, रॉड पकड़कर झूलना स्तन के संतुलित विकास के लिए व्यायाम है।
🔹 *पानी से बढ़ाएं स्तन*
स्तनों पर ठंडे पानी की बौछारें दें। इससे स्तनों (Stan) की कोशिकाओं में रक्त संचार अच्छी तरह होगा और स्तनों का विकास सही ढंग से होगा।
सथा ही नहाते समय स्तनों को गुनगुने पानी से धोएं। इसके तुरंत बाद ठंडे पानी से धोएं। ऐसा पांच-छह बार करें। तापमान के जल्दी से बदलने से स्तनों की कोशिकाओं में तेजी से रक्त संचार होता है और स्तन विकसित होते हैं।
🔹 *अंदर धंसे हुए निप्पल के लिए*
किसी-किसी महिला के स्तनों के निप्पल अंदर की तरफ रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में प्लास्टिक की एक बोतल में गरम पानी भरें। फिर इसे खाली कर दें। बोतल में भाप रह जाएगी। अब बोतल के मुंह में निप्पल को डालकर, बोतल को इस तरह से दबाकर रखें, जिससे बाहर की हवा अंदर न जा सके। जैसे-जैसे बोतल की भाप ठंडी होती जाएगी, वैसे-वैसे निप्पल बाहर की ओर खिंचता जाएगा। बोतल ठंडी होने पर हटा दें। पांच-छह बार ऐसा करें। यह उपाय नियमित करने से अंदर की ओर धंसे निप्पल बाहर निकल आते हैं। हालांकि ऐसी किसी भी प्रयोग से पहले डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।