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रविवार, 26 अगस्त 2018

स्तंभन दोष【Erectile dysfunction】, स्तंभन दोष के लक्षण, Symptoms of erectile dysfunction

Ayurvedic
                            *स्तंभनदोष का आयुर्वेदिक इलाज*

                        ♂ * स्तंभन दोष【Erectile dysfunction】* ♂

इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष पुरुषों द्वारा यौन संबंध बनाने के लिए लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाएं रखने में असमर्थता होने की समस्या है। यह समस्या कपल्स (जोड़ों) के लिए एक महत्वपूर्ण संकट पैदा कर सकती है।

कभी-कभी लिंग में उत्तेजना न आना असामान्य नहीं है। स्तंभन होने या उसे बनाएं रखने में अगर कभी-कभी विफलता हो जाए उसके बारे में चिंता ना करें, यह सामान्य समस्या होती है। कई पुरुष तनाव के दौरान ऐसा अनुभव करते हैं। बार-बार होने वाला स्तंभन दोष स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जिनके इलाज की आवश्यकता होती है। यह भावनात्मक या रिलेशनशिप संबंधी कठिनाइयों का संकेत भी हो सकता है, जिन्हें डॉक्टर को दिखाना पड़ सकता है। इसके कुछ कारणों में बहुत अधिक शराब पीना, चिंता और थकावट आदि शामिल हैं। अगर यह जारी नहीं रहता को चिंता करने की कोई बात नहीं है। हालांकि नपुंसकता की समस्या अगर जारी रहती है, तो इसकी जांच एक डॉक्टर द्वारा करवानी चाहिए। जिन पुरूषों को अपने यौन प्रदर्शन से संबंधित समस्याएं हैं, उनको डॉक्टर से इस बारे में बात करने में हिचक हो सकती है। क्योंकि उनको लगता है कि यह एक शर्मनाक मसला हो सकता है। अगर आपको स्तंभन दोष या नपुंसकता से संबंधी समस्या है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें, भले ही आपको शर्म आ रही हो। कई बार इस समस्या के अंतर्निहित कारण का इलाज करना ही नपुंसकता को ठीक करने के लिए काफी होता है।

*नपुंसकता के दो प्रकार होते हैं:-*

*Primary Erectile dysfunction –* इस में वे पुरुष आते हैं, जो कभी भी स्तंभन प्राप्त या उसे बनाए नहीं रख पाते।
*Secondary Erectile dysfunction–* जो व्यक्ति स्तंभन प्राप्त करने में शुरू में सक्षम होते हैं, लेकिन बाद में अक्षम हो जाते हैं। उस स्थिति को द्वितीय नपुंसकता के नाम से जाना जाता है। द्वितीय स्तंभन दोष अधिक सामान्य स्थिति है।

                               ⚜ *स्तंभन दोष के लक्षण* ⚜

▪लिंग में उत्तेजना लाने में परेशानी।
▪यौन गतिविधियों के दौरान उत्तेजना को बनाए रखने में कठिनाई।
▪सेक्स करने की इच्छा में कमी।
▪समय से पहले स्खलन।
▪स्खलन में देरी।
▪प्रयाप्त उत्तेजना होने के बाद भी संभोग सुख प्राप्त करने में असमर्थता
कुछ अन्य भावनात्मक लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे शर्म, लज्जा या चिंता महसूस होना और शारीरिक संभोग में रूचि कम होना।
अगर किसी व्यक्ति को ये लक्षण नियमित रूप से हो रहे हैं, तो उसमें नपुंसकता से ग्रस्त मान लिया जाता है।

                      *स्तंभन दोष  या नामर्दी के कारण* 

नपुंसकता के कई संभावित कारण हैं। इसमें भावनात्मक और शारीरिक दोनों विकारों को शामिल कर सकते हैं। अधिकांश स्तंभन दोष वाहिकाओं, न्यूरोलॉजिक, साइकोलॉजिक और हार्मोन संबंधी विकारों से संबंधित होते है। ड्रग आदि का इस्तेमाल करना भी इसका एक कारण हो सकता है। कुछ सामान्य कारण हैं:

 *परिसंचरण संबंधी समस्याएं –* स्तंभन तब होता है जब लिंग में खून भर जाता है। खून भरने के बाद लिंग के आधार में लगी वाल्व बंद हो जाती है जिससे खून अंदर ही रुक जाता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का अकड़ना) आदि ये रोग लिंग स्तंभन की इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

 *सर्जरी –* पेल्विस की सर्जरी और विशेष रूप से प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट की सर्जरी करने से वे नसें क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिनकी स्तंभन प्राप्त करने और बनाए रखने में आवश्यकता पड़ती है।

 *रीढ़ की हड्डी या पेल्विक में चोट लगना–* इनमें चोट लगने से स्तंभन को उत्तेजित करने वाली नस कट सकती है।

 *हार्मोनल विकार–* टेस्टिक्युलर फेलियर, पिट्यूटरी ग्रंथि संबंधी समस्याएं या अन्य कुछ प्रकार की दवाओं के सेवन से टेस्टोस्टेरोन (पुरुष सेक्स हार्मोन) में कमी हो सकती है।

 *डिप्रेशन (Depression)–* यह नपुंसकता का एक सामान्य कारण है। डिप्रेशन एक शारीरिक डिसऑर्डर है और साथ ही साथ एक मनोरोग (मानसिक रोग) भी है। डिप्रेशन के शारीरिक प्रभाव भी हो सकते हैं। अगर आप यौन स्थितियों में असहज महसूस करते हैं, तो इसके शारीरिक प्रभाव हो सकते हैं।

 *शराब की लत*
 *पेरोनी रोग–* लिंग के अंदर निशान वाले ऊतक (Scar tissue) विकसित होना।

 *प्रदर्शन की चिंता-* संभोग के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने आदि को लेकर चिंतित होने के कारण अधिकांश पुरुषों में कुछ बिंदुओं पर स्तंभन दोष की समस्या हो सकती हैं।

 *कैंसर –* कैंसर उन नसों व वाहिकाओं के कार्यों में हस्तक्षेप कर सकता है, जो स्तंभन प्रक्रिया के लिए जरूरी होती हैं।

 *दवाएं –* नीचे कुछ ऐसे प्रकार के ड्रग्स के बारे में बताया गया है, जो नपुंसकता का कारण बन सकते हैं।

▪एंटी कैंसर मेडिकेशन (कैंसर-विरोधी दवाएं)
▪एंटीडिप्रैसेंट्स (जैसे साइटेलोप्राम, पैरोक्सेटीन, सर्टेलीन, एमीट्रिप्टिलीन)
▪कोकीन, हेरोइन, गांजा
▪नशीले पदार्थ (opioids)
▪डाइयुरेटिक्स (स्पायरोनोलैक्टोन, क्लोरथैलीडॉन)

                                   ✒ *स्तंभन दोष से बचाव* ✒

स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करे।
धूम्रपान बंद करे।
शराब की मात्रा में कमी करे।
वजन कम करे।
तनाव का स्तर कम करना।

                             *स्तंभन दोष या नामर्दी का इलाज* 

*1) प्रोस्टेटिक मालिश -* कुछ पुरुष प्रोस्टेटिक मालिश नामक मालिश चिकित्सा के एक तरीके का उपयोग करते हैं। डॉक्टर आपके लिंग में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए आपके ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच का भाग) में और आसपास के ऊतकों को मालिश करते हैं।

*2) पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की एक्सरसाइज –*
सबसे पहले पेल्विक की मांसपेशियों की पहचान करें। इनको पहचानने के लिए पेशाब करने के दौरान प्रवाह को बीच में ही रोकने की कोशिश करें। जब आप पेशाब की धारा को बीच में ही रोकने की कोशिश करते हैं, तो रोकने के लिए इस्तेमाल की गई मांसपेशियां पेल्विक फ्लोर की ही होती हैं। इन मांसपेशियों को 5 से 20 सेकंड संकुचित (सिकोड़ना) करें और उसके बात सामान्य स्थिति में छोड़ दें।
इस इस प्रक्रिया को लगातार 10 से 20 बार अवश्य करें। इस व्यायाम को पूरे दिन में कम से कम तीन से चार बार अवश्य करें।

*3) टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट –* कुछ पुरूषों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का निम्न स्तर होने के कारण स्तंभन दोष और जटिल हो सकता है। ऐसी स्थिति के लिए अक्सर टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी का सुझाव दिया जाता है। इस थेरेपी को पहली थेरेपी के रूप में या किसी अन्य थेरेपी के साथ संयोजन के रूप में किया जा सकता है।

*4) अपनी दवाएं बदलें -* कुछ मामलों में, अन्य बिमारियों का इलाज करने वाली दवाएं इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण हो सकती हैं। उन दवाइयों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें जो आप ले रहे हैं। इनके बदले कोई अन्य दवाएं हो सकती हैं जिन्हें आप ले सकते हैं।

*स्तंभन दोष के जोखिम और जटिलताएं*
▪असंतोषजनक सेक्स जीवन।
▪तनाव या चिंता।
▪आत्मसम्मान में कमी या शर्मिंदगी महसूस होना।
▪रिलेशनशिप सबंधी समस्याएं।
▪साथी को गर्भवती बनाने में असमर्थता।
Ayurvedic

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