- *मधुमेह【Diabetes/Suger*
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- तेजी से बदलती जीवनशेली, तनाव, डिप्रेशन और चिंता ने अनेको बिमारियों को जन्म दिया है और उन्ही में से एक गंभीर बीमारी है Diabetes जिसे मधुमेह या आम भाषा में sugar ki bimari (शुगर की बीमारी) भी कहा जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है जो सिर्फ बड़ो को ही नहीं बच्चो को भी अपना तेजी से शिकार बना रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आज दुनियां भर में करीब 422 million लोग डायबिटीज की समस्या से पीड़ित है जिसमे से करोड़ो लोग भारत में है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में करीब 1.5 million लोगो की जाने Diabetes के कारण गयी. अक्सर लोग जानकारी के आभाव में कई गंभीर बिमारियों के लक्षण पहेचानने में देरी कर देते है और समस्या को बड़ी बना देते है. इस लेख में हम आपको Diabetes के कारण, लक्षण और प्रकार के बारे में बताएँगे जो आपकी जानकारी के लिए उपयोगी साबित हो सकते है.
*मधुमेह क्या है*
जब हमारे शरीर की Pancreas (अग्न्याशय) में इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण खून में ग्लूकोज स्तर समान्य से अधिक बढ़ जाता है तो उस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है. insulin एक हार्मोन (hormone) है जो पाचक ग्रन्थि द्वारा बनता है और जिसकी जरुरत भोजन को एनर्जी बदलने में होती है. इस हार्मोन के बिना हमारा शरीर शुगर का मात्रा को कण्ट्रोल नहीं कर पाता. इस स्थिति में हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा (Energy) लेने में काफी कठिनाई होती है. जब ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल हमारे रक्त में लगातार बना रहता है तो यह शरीर के कई अंगो को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है जिसमे आँखे, मस्तिष्क, हृदय, धमनियां और गुर्दे प्रमुख है.
*मधुमेह के प्रकार*
वैसे तो डायबिटीज के 6 प्रकार है लेकिन 80 से 90 प्रतिशत लोग डायबिटीज के दो प्रकार से सबसे ज्यादा पीड़ित होते है.- *Type 1 diabetes –* इस प्रकार की डायबिटीज ज्यादातर छोटे बच्चो या 20 साल के निचे तक के लोगो में पाई जाती है. जब हमारी Pancreas (अग्न्याशय) इंसुलिन नहीं बना पाती तब टाइप 1 डायबिटीज की शुरुआत होती है. इसमें रोगी को अपने खून में ग्लूकोज का लेवल नार्मल बनाय रखने के लिए समय समय पर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं
- *Type 2 diabetes –* टाइप 2 डायबिटीज में शरीर के अन्दर इन्सुलिन का निर्माण तो होता है पर वह शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होता. दुनियां भर में सबसे ज्यादा लोग इसी प्रकार के मधुमेह से पीड़ित है. यह अनुवांशिक भी हो सकती है और मोटापे के कारण भी.⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜▪ संभोग शक्ति में कमी आना।
मधुमेह के दुष्परिणाम
⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜⚜
▪ ह्रदय रोग।
▪ किडनी का फेल होना।
▪ ध्वजभंग या लिंग में कड़कपन ना आना।
▪ घाव या कोई चोट का ठीक ना होना जिससे रक्त स्राव से मृत्यु हो सकती है।
▪ नपुंसकता
*डायबिटीज के लक्षण*
▪बार-बार पेशाब का आना
▪आँखों की रौशनी कम होना
▪ज्यादा प्यास लगना
▪कमजोरी महसूस होना
▪कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
▪रोगी के हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
▪स्कीन पर बार बार इन्फेक्शन होना और बार-बर फोड़े-फुँसियाँ निकलना
भूख ज्यादा लगना
▪ज्यादा खाना खाने के बाद भी रोगी का भार कम होना
▪चक्कर आना और हृदय गति अनियमित होने का खतरा
▪किडनी खराब होना
*डायबिटीज के कारण*
*Genetic (अनुवांशिक) –* डायबिटीज एक अनुवांशिक रोग है यानी अगर किसी के माता पिता को डायबिटीज है तो उनके बच्चो हो भी मधुमेह होने की सम्भावना ज्यादा होती है. - *खान पान और मोटापा–* जंक फ़ूड या फ़ास्ट फ़ूड खाने वाले लोगो में मधुमेह के सम्भावना ज्यादा पाई जाती है. क्योकि इस तरह के खाने में वसा (fat) ज्यादा पाया जाता है जिससे शरीर में कैलोरीज की मात्रा जरुरत से ज्यादा बढ़ जाती है और मोटापा बढ़ता है जिसके कारण इन्सुलिन उस मात्रा में नहीं बन पाता जिससे शरीर में शुगर लेवल में बढ़ोतरी होती है.
- *डायबिटीज के अन्य कारण है –*
▪ज्यादा शारीरिक क्षम न करना
▪मानसिक तनाव और डिप्रेशन
▪गर्भावस्था
▪ज्यादा दवाइयों के सेवन
▪ज्यादा चाय, दूध, कोल्ड ड्रिंक्स और चीनी वाले खाने के सेवन
▪धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒
*मधुमेह की जांच*
✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒- मधुमेह की जांच के लिए मूत्र या खून की जाँच की जाती है।
*डायबिटीज की जांच को दो हिस्से में बाटा जाता है–*- *खाली पेट –* खाली पेट खून में शुगर कि 80 से 110 mg/dl तक की मात्रा एक नार्मल इंसान में पाई जाती है.
- *खाना खाने के बाद –* खाना खाने के 2 घंटे बाद अगर खून की जांच में शुगर लेवल 140 mg/dl से कम पाया जाता है तो यह सामान्य है।
*मधुमेह का इलाज़ और बचाव*
Diabetes का एक कारण चिंता या तनाव भी है इसलिए जितना हो सके उतना तनाव न ले. इसके लिए आप एक्सरसाइज या मैडिटेशन भी कर सकते है. जितना हो सके उतना physical work करे. अच्छी नींद ले. साथ ही अपने वजन को कण्ट्रोल में रखे.
जितना हो सके उतनी balance diet (हरी सब्जियां, अनाज, दाले) ले. फ़ास्ट फ़ूड, घी तेल से बनी चीजे, ज्यादा मीठी चीजे या fat वाले भोजन काफी कम खाए. साथ ही मीठे फलो और जूसो से भी परहेज करे. इसमें आम, लीची, केला, अंगूर, चीकू, शरीफा शामिल है जिन्हें न खाए.
डायबिटीज के रोगियों को कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati pranayama), अनुलोम विलोम और मंडूकासन करने की सलाह दी जाती है.
अगर आप डायबिटीज से पीड़ित है तो अपने पैरो की हिफाजत करे. चोट से बचाव के लिए नंगे पैर न चले. साथ ही अगर चोट लगे तो नजरंदाज बिलकुल न करे क्योकि ऐसी स्थिति में इन्फेक्शन फैलने की सम्भावना ज्यादा होती है.
डायबिटीज के रोगी नियमित रूप से अपने शुगर लेवल की जांच करवाए. साथ ही पैरो में सुन्नपन आने को चेतावनी के रूप में ले.* डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज*मधुमेह के शुरूआती लक्षणों की पहचान अगर हो जाए तो इसका इलाज बहुत ही जल्दी और आसानी से हो सकता है। आजकल मधुमेह एक आम समस्या बन गई है। कई लोगों में यह बीमारी शुरू में हो जाती है लेकिन, उनको इस बात का पता नहीं चल पाता है जिसके कारण यह बीमारी बहुत ही खतरनाक हो जाती है। दरअसल डायबिटीज लाइफस्टाइल संबंधी या वंशानुगत बीमारी है। जब शरीर में पैंक्रियाज नामक ग्रंथि इंसुलिन बनाना बंद कर देती है तब मधुमेह की समस्या होती है। इंसुलिन ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद करता है। आइए हम आपको बताते हैं कि मधुमेह के शुरूआती लक्षण क्या हैं।डायबिटीज होने पर इसके शुरुआती दिनों में आपको सारा दिन थकान महसूस होगी। हर रोज भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आपको ऐसा लगेगा कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है और शरीर में थकान सी महसूस होगी। इससे यह पता चलता है की खून में शुगर का लेवल लगातार बढ़ रहा है।*लगातार पेशाब लगना*
मधुमेह होने पर बार-बार पेशाब आने लगता है। जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर इकट्ठा हो जाता है तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है, जिसके कारण मधुमेह रोगी को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत शुरू हो जाती है।*अत्यधिक प्यास लगना*
मधुमेह रोगी को बार-बार प्यास लगती है। चूंकि पेशाब के रास्ते से शरीर का पानी और शुगर बाहर निकल जाता है जिसके कारण हमेशा प्यास लगने जैसी स्थिति बनी रहती है। लोग अक्सर इस बात को हल्के में ले लेते हैं और समझ ही नहीं पाते कि उनकी बीमारी की शुरुआत अब हो चुकी है।*आंखें कमज़ोर होना*
मधुमेह रोग की शुरूआत में आंखों पर काफी प्रभाव पडता है। डायबिटीज के मरीज में रोग की शुरूआत में ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई पडने लगता है। किसी भी वस्तु को देखने के लिए उसे आंखों पर ज़ोर डालना पडता है।
*अचानक वज़न कम होना*
मधुमेह रोग की शुरूआत में ही अचानक वज़न तेजी से कम होने लगता है। सामान्य दिनों की अपेक्षा आदमी का वजन एकाएक कम होने लगता है।*जोर से भूख लगना*
डायबिटीज के मरीज का वजन तो कम होता है लेकिन भूख में बढोतरी भी होती है। अन्य दिनों की अपेक्षा आदमी की भूख कई गुना बढ जाती है। बार-बार खाना खाने की इच्छा होती है।*घाव का जल्दी न भरना*
अगर आपके शरीर में चोट या कहीं घाव लग जाए और यह जल्दी ना भरे, चाहे कोई छोटी सी खरोंच क्यों ना हो, वह धीरे-धीरे बडे़ घाव में बदल जाएगी और उसमें संक्रमण के लक्षण साफ-साफ दिखाई देने लगेंगे।*त्वचा के रोग होना*
मधुमेह की शुरूआत में त्वचा संबंधी कई रोग होने शुरू हो जाते हैं। त्वचा के सामान्य संक्रमण बडे घाव बन जाते हैं।*आनुवंशिक कारण*
आपके परिवार में किसी अन्य सदस्य को भी मधुमेह की समस्या रही हो तब भी आपको सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यह एक आनुवांशिक बीमारी है।हालांकि डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि अपने डॉक्टर से सलाह लें और समय-समय पर शुगर लेवल का चेकअप करवाते रहे ।
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मधुमेह (Diabities) का आयुर्वेदिक इलाज : Swami Ramdev लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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रविवार, 21 अक्तूबर 2018
मधुमेह सम्पूर्ण विवरण 【Diabetes/Suger】Diabetes Allotment
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