गुप्त पद्मासन : एक विशेष योग जो निचले शरीर क़ी मांसपेशियां मजबूत करें जानिए इस योग के और फायदे और कायदे
गुप्त पद्मासन 2शब्दो से मिलकर बना है जब मूल पद्मासन को शरीर के तले किया जाए और प्रकट रूप से पाँवो क़ी स्थिति नही दिखे तो वह योग गुप्त पद्मासन कहलाता है ।
मुख्य पद्मासन के अतिरिक्त लाभों के लिए यह योग किया जाता है जिसके द्वारा यह जांघ की मांसपेशियों को मजबूत और लंबा करते हुए लचीलापन बढ़ाय़ा जाता है। इसके अलावा, आसन रीढ़ के आधार से भौं केंद्र तक ऊर्जा प्रवाह को प्रोत्साहित करता है।
शरीर का स्वाधिष्ठान चक्र गुर्दे और जननांग क्षेत्र के आसपास स्थित होता है। यह रचनात्मकता, आनंद, सेक्स और नैतिकता की ऊर्जा को नियंत्रित करता है। जैसे ही पीठ के निचले हिस्से को ऊपर उठाया जाता है, त्रिक चक्र को उत्तेजित किया जाता है। एक संतुलित स्वाधिष्ठान चक्र का मतलब है कि आप एक व्यक्ति के रूप में परिपूर्ण हो सकते हैं।
गुप्त पद्मासन के लाभ
यह आसन आधासीसी (Migraines) में सहायक है और पूरी रीढ़ पर सार्थक प्रभाव डालता है।
मुड़ी ऐंठन वाली पीठ एवं कूल्हे खिसकने वाली अवस्था में यह विशेष रूप से लाभदायक है।
लचीलापन बढ़ाता है: पैर और जांघ की सभी मांसपेशियाँ कोमल हो जाती हैं।
पाचन में सुधार करता है: जैसे पेट में रक्त प्रवाह निर्देशित होता है, पाचन में सुधार होता है।
पीठ को मजबूत करता है: निरंतर अभ्यास से रीढ़ अच्छी तरह से संरेखित होती है और पीठ के निचले हिस्से मजबूत हो जाते हैं।
पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को सक्रिय करता है: जैसा कि आसन चुनौतीपूर्ण है और गहरी-धीमी सांसों पर ध्यान केंद्रित करता है, पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय होता है। इस प्रकार, विश्राम और बेहतर एकाग्रता में मदद करता है।
एड़ियों को मजबूत बनाता है
गुप्त पद्मासन क़ी विधि
सबसे पहले आप स्वच्छ समतल और शांतिपूर्ण स्थान पर आसन लगाकर पद्मासन में बैठें।
हाथों की सहायता से घुटनों के बल आ जायें और आहिस्ता से पेट के बल लेट जायें।
ठोडी को फर्श पर लगायें। बाजुओं को पीठ के पीछे लायें
हथेलियों को इकट्ठा रखें जिसमें अंगुलियां सिर की ओर इंगित करेंगी।
फर्श पर पूरी तरह सपाट लेट जायें और सारे शरीर को आराम देने का प्रयास करें।
श्वास सामान्य और सहजता से ले और कुछ समय इस स्थिति में रहें। धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आयें।
इस प्रकार ये एक चक्र हुआ सुविधानुसार आप इसे अवधि बढ़ाकर का चक्रों क़ी संख्या बढ़ाकर कर इस आसन को कर सकते है ।
गुप्त पद्मासन में सावधानिया
शारीरिक शल्य क्रिया हुए व्यक्ति विशेषज्ञ क़ी सलाह पर ही यह आसन करें
कूल्हों, घुटनों या कंधों में पीड़ा होने पर या जब ग्रीवा रीढ़ की समस्या हो तो इस आसन का अभ्यास नहीं करें।
गंभीर रोग से ग्रस्त रोगी को इस अभ्यास से वचन चाहिए
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