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बुधवार, 5 दिसंबर 2018

Due to rupture of hemorrhage, नकसीर फूटना के कारण

                      नकसीर फूटना के कारण 
नाक की लाइनिंग में कई छोटी-छोटी रक्त नलिकाएँ होती हैं, जो सतह के बिल्कुल पास होती हैं और आसानी से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। नकसीर फूटने के कई कारण हो सकते हैं।
एलर्जिक राइनिटिस 
: एलर्जी के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया के कारण, मुलायम ऊतक, जो नाक की सबसे अंदरूनी परत बनाते हैं, फूल जाते हैं। इसके कारण नलिकाएँ फैल जाती हैं और कभी-कभी फट भी जाती हैं, जिसके कारण नकसीर फूट सकती है।

साइनस इन्फेक्शन या ट्यूमर : साइनस इन्फेक्शन या ट्यूमर के कारण भी नाक से खून निकल सकता है, लेकिन इनके कारण निकलनेवाला रक्त गहरे रंग का होता है और उसमें से तेज़ दुर्गंध आती है।
गर्भावस्था
अकसर गर्भवती महिलाओं में शरीर में हो रहे बदलावों के कारण नकसीर फूटने की समस्या हो जाती है। अगर उन्हें पीआईएच (प्रेग्नेंसी रिलेटेड हइपरटेंशन) है तो उन्हें तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।स्नेहा समुह

उच्च रक्त दाब 
: उच्च रक्त दाब के कारण भी नकसीर फूटने की समस्या हो जाती है, विशेषकर उन लोगों में जिनका रक्त दाब एकदम बढ़ जाता है। रक्त को पतला करनेवाली दवाइयों का सेवन ऐसी दवाइयों जैसे एस्प्रिन का सेवन करना, जो रक्त को पतला कर उसका थक्का बनने से रोकती हैं, नकसीर फूटने की आशंका को बढ़ा देती हैं। ऐसे लोगों में जरा से मानसिक आघात से नोज ब्लीडिंग हो सकती है।

मौसमी कारक :
नकसीर फूटने की समस्या में मौसम भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नकसीर फूटने के मामले गरम और सूखे वातावरण में भी काफी होते हैं, जब आर्द्रता कम होती है।
सर्दियों के मौसम में भी नोज़ ब्लीडिंग के मामले बढ़ जाते हैं, क्योंकि इस दौरान श्वास मार्ग के ऊपरी हिस्से में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

अन्य कारण :
• नशा (कोकीन और दूसरी ड्रग्स) सँघना।
• नाक में कोई नुकीली चीज डालना (अकसर बच्चे ऐसा करते हैं)।
• नाक का दबाव के साथ बहना।
• नाक में फैंसी किसी चीज़ को फोर्स से निकालना।
• नसिका का किसी रसायन के संपर्क में आना।
• बार-बार छींक आना।
• नेज़ल स्प्रे का प्रयोग करना।
• नाक या नाक के आसपास हुई कोई सर्जरी।
• किसी दुघर्टना में नाक पर चोट लग जाना।
•नाक में ट्यूमर हो जाना।
• ब्लड कैंसर।
• लगातार छींकना। शराब का अत्यधिक सेवन।
• कुछ रसायनों जैसे अमोनिया का एक्सपोजर।
• अचानक ऊँचाई में बदलाव आना जैसे मैदानी इलाकों से पहाड़ी इलाकों पर जाना।
• अनुवांशिक कारण।
              नाक से खून बहने पर क्या न खाएं :

1)   मांस, मछली, अन्डे, लहसुन, तथा गरम युक्त (भोजन) खाने में न दें।
2)   रोगी को धूप, गर्मी में या अग्नि के पास न बैठने दें।

नाक से खून बहने पर क्या खाएं :
1)    तरबूज, लौकी, सेब, सन्तरा, अंगूर आदि ठन्डी वस्तुएँ खाने में देनी चाहिए।
2)   नाक से खून आने पर रोगी को सीधे लिटाकर सिर पर शीतल जल के छींटे मारने चाहिएं।
3)   मुलायम मलमल की मोटी लम्बी बत्ती बनाकर नथुने के अन्दर रखना चाहिए।
4)   बरफ का टुकड़ा एक नथुनों के पास, दूसरा मुँह में तथा तीसरा गर्दन के पीछे लगाने से रोगी को आराम मिलता है।
5)   पानी में खूब नमक या फिटकरी, डालकर एवं घोलकर नाक में चढ़ाना लाभप्रद रहता है।
6)   रुई के फाहे को तारपीन के तेल से तर करके नाक के भीतर कुछ देर रखना हितकारी है।
7)   रोगी का मुँह खुला रखें, ताकि वह आसानी से सांस ले सके। रोगी को नाक से सांस नहीं लेने दें क्योंकि नाक द्वारा सांस लेने से नाक से रक्त आना चालू रहता है।स्नेहा समुह
8)   रोगी के पैर गरम पानी में डुबो दें, क्योंकि ऐसा करने से खून का बहाव पैरों की तरफ हो जायेगा और नकसीर रुक जायेगी।
9)   नाक में बार-बार खुश्की या फुन्सियां पैदा न हो, इसके लिए नाक को स्वच्छ रखें तथा नाक में तेल या घी का प्रयोग करें।
आइये जाने नाक से बार बार खून आना रोकने के घरेलु उपाय

                   नाक से खून आना घरेलू उपचार :
1)   जंगली तुलसी के पत्तों का रस थोड़ा कर्पूर मिलाकर नाक में टपकाने से तथा जिस ओर के नथुने में खून आ रहा है, उस ओर का हाथ ऊपर उठाकर दूसरे हाथ की ऊँगली से उस नथुने को दबाने से आराम मिलता है।
2)   अनार की कली का रस 3 ग्राम, असली कपूर 1 ग्राम लें। दोनों को मिलाकर नकसीर के रोगी को नस्य देने से कैसा भी तेज गति वाला धाराप्रवाह नकसीर का रक्त बहा रहा हो, 1 या 2 बार के नस्य देने से ही रुक जाता है। अत्यन्त आश्चर्यजनक योग है।

3)   बेर के पत्तों को बिना जल डाले ही सिल पर पीसकर सिर पर गाढ़ा-गाढ़ा लेप लगाने से नकसीर में तुरन्त लाभ होता है। 

4)   नकसीर के रोगी के दोनों नथुनों में केले के पत्तों का रस 10-10 बूंद डालकर सुंघाने से लाभ होता है।
5)   यदि नकसीर किसी प्रकार से बन्द न होती हो तो आँवले का रस नाक में टपकायें तथा आंवले को पीसकर सिर पर लेप करें अवश्य लाभ होगा। यदि ताजा आँवला न मिले तो सूखे आंवले का पानी तैयार कर लें। उन्हीं को पीसकर सिर पर लगायें। 
6)   ताजा नीबू का रस निकालकर, नाक में पिचकारी मारें। एक ही बार के प्रयोग से रक्त बन्द हो जायेगा। नोट:-नीबू के रस से हर प्रकार का बहता हुआ रक्त बहना बन्द हो जाता है।
7)   मुलतानी मिट्टी 10 ग्राम को रात्रि के समय मिट्टी के बर्तन में आधा किलो पानी में भिगों दें। प्रात:काल पानी को निथार कर पिलाने से कई वर्षों का नकसीर रोग कुछ दिनों के प्रयोग से ही समूल नष्ट हो जाता है।
8)   सुहागा 3 ग्राम को पानी में घोलकर नासिका रन्ध्रों पर लेप करें नकसीर में तुरन्त लाभ होगा।
9)   2 ग्रेन कपूर हरे धनियां के रस में घोटकर नाक में टपकाने से नकसीर शीघ्र रुक जाती है।
10)   कहरवा सनई (यह सुनहरी रंग की गोंद होती है।) इसे बारीक पीस कर शीशी में सुरक्षित रखलें। एक ग्राम दवा शीतल जले के साथ रोगी को खिलायें, यदि एक बार के प्रयोग से पूर्ण लाभ न हो तो ऐसी ही दूसरी खुराक खिला दें। यह दवा नकसीर, बबासीर, रक्त प्रदर या घाव अर्थात् कहीं से भी खून निकलता हो, उसे रोकने में रामबाण है।
11)   यदि नकसीर का रक्त बन्द न होता हो तो फिटकरी के पानी में कपड़ा तर करके ललाट पर रख देने से 10 मिनट में ही रक्त बन्द हो जाता है।
12)   दही 125 ग्राम, पानी 250 ग्राम में लस्सी बनाकर उसमें 1 ग्राम की मात्रा में पिसी फिटकरी मिलाकर पिलाने से रक्त बन्द हो जाता ह
13)   रक्त चाहे कहीं से भी गिर रहा हो। प्याज का काट कर निकाला हआ रस 4-4 बंद दोनों नथनों में डालने से भी कई बार लाभ देखने में आया है।
14)   नकसीर में दूब का अर्क या अनार का रस डालना हितकारी है। दूब का अर्क जिस नथुने से रक्त आ रहा हो, उससे विपरीत कान में डालें। यदि दोनों शुओं से आ रहा हो, तो दोनों कानों में डालें। नकसीर बन्द हो जायेगी।
15)   दाख और अँगूर के रस की नस्य देने से नाक की नकसीर बन्द हो जाती है ।

16)   नीम के पत्ते और अजवायन को बारीक पीसकर कनपटियों पर लेप करें,
17)   अफीम और गोदरू के गोंद को समान भाग लेकर पानी मे पीस लें। इसे हूँघने से नकसीर बन्द हो जाती है ।
18)   सूखे आँवलों को पानी में भिगो दें, नरम होने पर पीसकर टिकिया बना लें। इसे सिर के तालु पर बाँघने से नाक से खून आना बन्द जाता है ।
19)   आम की गुठली की गिरी पीसकर नस्य देने से नकसीर फूटना बन्द हो जाता है ।
20)   गन्ना के रस की नस्य देने से नकसीर बन्द हो जाता है ।  स्नेहा समुह
21)   प्याज का रस सँघने से नाक से खून गिरना बन्द हो जाता है ।
22)   गूलर का पका हुआ फल शहद या गुड़ के साथ खाने से नाक से रक्त बहना बन्द हो जाता है ।
23)   कटेरी का फल और उसके पत्ते या उसकी जड़ पीसकर रस निकालें। इसे सिर के तालु में लगाने से नाक से रक्त गिरना बन्द हो जाता है ।
24)   केला के पेड़ का रस निकाल कर सूंघने से नकसीर छूटना बन्द हो जाता है ।
25)   चित्रण के चूर्ण मे शहद मिलाकर चाटने से नकसीर फूटना बन्द हो जाता है ।
26)   ठण्डे पानी की नस्य देने से नाक से खून गिरना बन्द हो जाता है ।
27)   चौलाई और नीम के पत्ते पीसकर कनपटी पर लगाने से नकसीर फूटना बन्द हो जाता है ।
28)   अनार के लाल फूलों का रस नाक में डालने से या सँघने से नकसीर बन्द हो जाती है । 
29)   दाड़िम के पत्तों का रस सँघने से नकसीर होना बन्द हो जाता है ।
30)   स्त्री के दूध मे भौंरा के घर की मिट्टी मिलाकर सूंघने से नाक से खून गिरना बन्द हो जाता है ।
31)   गाय के दूध मे देशी शक्कर मिलाकर नस्य देने से नकसीर गिरना बन्द हो जाता है । ( और पढ़ें – देशी गाय व भैंस के दूध के 6 बड़े अंतर )
32)   दूघ मे घी मिलाकर पीने या सँघने से नकसीर होना बन्द हो जाता है ।
33)   गधे की लीद का रस नाक में टपकाने से नाक से रक्त गिरना बन्द हो जाता है ।
34)   नीम और चौलाई के पत्तों को पीसकर तालू पर बाँधने से नाक से रक्त गिरना बन्द हो जाता है ।स्नेहा समुह
35)   कुबूतर की बीट सूंघने से नकसीर होना बन्द हो जाती है ।
36)   रसौत जलाकर नस्य देने से नकसीर फूटना बन्द हो जाती है ।
37)   ऊँट के बालों को जलाकर. बनाई हुई भस्म को सूंघने से नकसीर गिरना बन्द हो जाता है ।
नाक से खून रोकने की प्राकृतिक चिकित्सा
चिकित्सा यदि नक्सीर फूटने पर रक्तस्राव कुछ क्षणों में ही बन्द हो जाए अथवा थोड़ा ही रक्त जाए तो रक्तस्राव को बन्द करने की चिकित्सा न करके नकसीर के मूलरोग की चिकित्सा करनी चाहिए। किन्तु यदि रक्तस्राव अधिक होने लगे और परेशानी बढ़ती दिखाई पड़े तो रोगी को किसी ठण्डी जगह पर आराम से बिस्तर पर तकियों के सहारे इस तरह लिटाना चाहिए कि गर्दन पीछे की ओर झुकी रहे।
1) उसके बाद गर्दन के पिछले भाग के नीचे ठण्डे पानी की पट्टी अथवा बर्फ की थैली रख देनी चाहिए और पैरों में सूखी गरम पट्टी बाँध देनी चाहिए या 5-6 मिनट तक पैरों को गरम स्नान देना चाहिए।
2) यदि इससे रक्त बहना बन्द न हो तो माथे, मुँह, गर्दन तथा ऊपरी मेरुदण्ड पर बर्फ के जल की पट्टी रखनी चाहिए। दोनों हाथों में बर्फ के टुकड़े अथवा हाथों को बर्फ के जल में डुबोए रखने से भी रक्त का बहना बन्द हो जाता है।
3) चौथी अँगुली और अँगूठे के बीच में नाक को पकड़कर दबाने से भी रक्तस्राव बन्द हो जाता है।
4) यदि बार-बार नक्सीर फूटती रहे तो सुबह व शाम को उदरस्नान करने तथा प्रतिदिन रातभर के लिए पेडू पर मिट्टी की पट्टी रखने से कुछ ही दिनों में इस रोग से सदैव के लिए मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
सिर पर चोट लगने से यदि नाक से रक्तस्राव होने लगे तो उसे रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
5) पीली बोतल का सूर्यतप्त जल 2 भाग, नीली बोतल का सूर्यतप्त जल 1 भाग और हरी बोतल का सूर्यतप्त जल 1 भाग मिलाकर आधा-आधा छटाँक की प्रति मात्रा में प्रतिदिन 4-6 बार पीने से तथा हरी बोतल के सूर्यतप्त जल में कपड़े की बत्ती को तर करके उसे नाक के नथुनों में रखने से अथवा उस जल का केवल नस्य लेने से भी रक्तस्राव बन्द हो जाता है।

अपने पैरों के तलवों में तेल लगाने से क्या फायदा होता है?

 1।  एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिरदर्द नहीं, दांतों का नुकसान...