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गुरुवार, 19 नवंबर 2020

#वृश्चिकासन : #मोटापे की समस्या से छुटकारा #Scorpio: Get rid of the problem of #obesity


 संस्कृत में वृश्चिक का अर्थ बिच्छू होता है । इस आसन में साधक की मुद्रा बिच्छु जैसी होती है इसी कारण इस आसन को वृश्चिकासन  (Scorpion Pose)का नाम दिया गया है|

वृश्चिकासन के लाभ

1.इस आसन द्वारा मोटापे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है और शरीर को हल्का व फुर्तीला बनाया जा सकता है     

2 इस आसन द्वारा हाथों, बाँहों और कन्धों को शक्ति प्रदान की जा सकती है|

3 इससे रीढ़ की हड्डी और कमर को मजबूत व लचीला बनाया जाता है|

4 वृश्चिकासन से गर्दन के स्नायुओं का खिंचाव हो जाता है जिससे गले के रोग दूर हो सकते है|

5 इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पेट व आंतों के रोग दूर किये जा सकते है और भूख भी बढ़ाई जा सकती है|

6 इस आसन से तिल्ली, यकृत और पीलिया आदि रोग भी ठीक किये जाते है|   

वृश्चिकासन योग विधि

इस आसन को दो प्रकार से किया जा सकता है| पहली विधि में दोनों हाथों की कोहनी और हथेली ही ज़मीन पर रहती है बाकी सारा शरीर ज़मीन से ऊपर रहता है| दूसरी विधि में ठोड़ी, छाती और कंधे भी जमीन से स्पर्श हो जाते है|

सबसे पहले आप स्वच्छ आसान समतल भूमि पर बिछाकर उसपर पेट के बल लेट जाएं|

इसके बाद दोनों हाथों हथेलियों और कोहनियों को ज़मीन पर फैला कर रख दें|

अब संतुलन रखते सीने और गर्दन को सामने की तरफ बढ़ाये और शरीर को धीरे धीरे ज़मीन से ऊपर उठाने का प्रयास करें|

जब शरीर ज़मीन से पूरी तरह उठ जाये तब पैरों को घुटनों से नीचे की तरफ मोड़ दें|

इस दौरान आपकी मुद्रा धनुष की तरह हो जाएगी|

अपने पैरों को नीचे लाकर पंजो को सिर से स्पर्श करने का प्रयास करें, अगर सिर से स्पर्श ना कर पायें तो थोड़ी ऊपर कर सकते है|

कुछ समय इसी मुद्रा में बिताकर पुनः धीरे धीरे पाँवो को सीधा करते हुए शरीर को पूर्ववत अवस्था में जमीन पर लाये

इस प्रकार यह एक चक्र पूरा हुआ

आप अपनी क्षमतानुसार 2-3 चक्र कर सकते है पर अत्यधिक यौगभास नुकसान भी दे सकता है

योग में रखी जाने वाली सावधानियां
 
यह आसन बहुत मुश्किल है इसलिए इसका अभ्यास सावधानी और क्षमता के अनुसार करना चाहिए|

उचित मागदर्शन के अनुसार आसन नहीं किया जाए तो दुर्घटना होने की संभावना हो सकती है|

शुरुआत में अभ्यास के दौरान किसी मित्र की सहायता लेनी चाहिए कुछ समय तक अभ्यास करने पर अकेला व्यक्ति भी इसे आसानी से कर सकता है|

इस आसन का अभ्यास ज्यादा देर तक नहीं करना चाहिए|

इसके अलावा ज्वर, हृदय रोग, रक्तचाप , मधुमेह , हर्निया , पेट के विकार , शल्य क्रिया य़ा हड्डी जोड़ दर्द के रोगी इसका अभ्यास कदापि ना करें


Vyaghara Vruschikasana(Scorpion pose)/व्याघ्र वृश्चिकासन/વ્યાઘ્ર વૃશ્ચિકાસન

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