आपके पास ही है रोगो को दूर करने के उपाय :
अपनाये उपाय 20 उपयोगी , बनाये अपना जीवन निरोगी
अपने जीवन में खानपान संबंधित कुछ आदतों को आप व्यवस्थित कर निरोगी, आनंददायक और चीर जीवन पा सकते है . थोड़ा आप ध्यान देंगे तो पाएंगे की ये उपाय आपके पास और सर्व सुलभ सस्ते ही है ।
तो जानते है की ये क्या क्या है
1- केवल सेंधा नमक का प्रयोग करने पर आप थायराइड और ब्लडप्रेशर से बचे रह सकते हैं, यही नहीं, आपका पेट भी ठीक रहेगा ।
2- कोई भी रिफाइंड न खाकर तिल, सरसों, मूंगफली या नारियल के तेल का प्रयोग आपके शरीर को कई बीमारियों से बचायेगा, रिफाइंड में कई हानिकारक कैमिकल होते हैं ।
3- ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें, सभी का स्वास्थ्य सही रहेगा ।
4- करेले, मेथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएं, रक्त शुद्ध होता रहेगा ।
5- भोजन का समय निश्चित करें, पेट ठीक रहेगा ।
6- भोजन के बीच बात न करें, भोजन ज्यादा पोषण देगा ।
7- भोजन से पहले पिया गया पानी अमृत, बीच का सामान्य और अंत में पिया गया पानी ज़हर के समान होता है ।
8- बहुत ही आवश्यक हो तो भोजन के साथ गुनगुना पानी ही पियें, यह निरापद होता है ।
9- सवेरे दही का प्रयोग अमृत, दोपहर में सामान्य व रात के खाने के साथ दही का प्रयोग ज़हर के समान होता है ।
10- नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें, पोषण, विटामिन व फाईबर मुफ्त में प्राप्त होते रहेंगे ।
11- चीनी कम-से-कम प्रयोग करें, ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी । भोजन में गुड़ व देशी शक्कर का प्रयोग बढ़ायें ।
12- बिना कलौंजी वाला अचार न खायें, यह हानिकारक होता है ।
13- छौंक में राई के साथ कलौंजी का प्रयोग भी करें, फायदे इतने कि लिखे नहीं जा सकते ।
14- खाने की ठंडी चीजें ( आइस क्रीम) कम से कम खायें, ये पेट की पाचक अग्नि कम करती हैं, दांत खराब करती हैं ।
15- सोयाबीन की बड़ी को दो घंटे भिगोकर मसलकर झाग निकालने के बाद ही प्रयोग करें, यह झाग जहरीली होती है ।
16- पानी मटके के पानी से अधिक ठंडा न पियें, पाचन व दांत ठीक रहेंगे ।
17- पानी का फिल्टर
RO वाला हानिकारक है, UV वाला ही प्रयोग करें ।सस्ता भी , बढ़िया भी ।
18- एक डस्टबिन रसोई के अंदर और एक बाहर रखें, सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्टबिन में डालना न भूलें ।
19- रसोई में एग्जास्ट फैन अवश्य लगवायें, इससे प्रदूषित हवा बाहर निकलती रहेगी ।
20- माइक्रोवेव, ओवन का प्रयोग न करें, यह कैंसर कारक है ।
क्या आप भी बिना चम्मच शुरू नहीं करते खाना? तो जरूर पढ़ें हाथ से खाने के 5 फायदे
1 चम्मच से खाना खाने के बजाए अगर हम हाथ से खाना खाते हैं तो मुंह नहीं जलता क्योंकि चम्मच का तापमान खाने के अनुसार बदलता है और इसका पता हमें नहीं चलता, जबकि हाथ से खाना खाते वक्त हमें तापमान का आभास होता है।
2 जब हम हाथ से खाना खाते हैं तब उंगुलियां और हाथ के उंगूठे आपस में मिलने से जो मुद्रा बनती है, उसके कारण शरीर में विशेष रूप से ऊर्जा पैदा होती है जो शरीर को स्वस्थ्य रखने में सहायक है।
3 हाथ से खाना खाते समय हम हाथ धोने पर विशेष ध्यान देते हैं, जबकि चम्मच से खाना खाते वक्त हम रखा हुआ चम्म्च प्रयोग करते हैं, जिसमें जीवाणुओं की उपस्थिति की संभावना अधिक होती है।
4 जब हम हाथ से खाना खाते हैं, तो हमारे शरीर में पंचतत्वों का संतुलन सही होता है, जबकि चम्मच से खाना खाने पर यह लाभ हमें नहीं मिल पाता।
5 हाथ से खाना खाना स्पर्श चिकित्सा समान है। इसमें हमारे हाथ, मुंह, पेट और दिमाग में भी एक तरह का संबंध बनता है शरीर के आंतरिक संकेतों के जरिए ही खाना पचता है। इससे शरीर सुपोषित होता है।
क्या जल्दबाजी में खड़े-खड़े खाना खाते हैं आप? तो जानिए इसके 5 नुकसान
1 खड़े होकर खाना, सबसे पहले तो आपको कंफर्ट नहीं देता, जिससे आप खाना तो खाते हैं लेकिन यह अंदाजा नहीं लगा पाते कि आपने भूख से ज्यादा खाया है या कम। इसके अलावा बैठ कर खाने जितना आनंद और संतुष्टी नहीं पाते।
2 खड़े होकर खाने का दूसरा बड़ा नुकसान है सही पाचन न होना। जी हां, इससे आपका पाचन तंत्र सही तरीके से काम नहीं कर पाता और आपकी पाचन शक्ति भी कमजोर होती है।
3 जैसा कि ऊपर बताया कि पाचन नहीं होता, ऐसी स्थिति में अपच के साथ कब्ज की समस्या हो सकती है।
4 आपकी एकाग्रता में कमी का एक बड़ा कारण हो सकता है खड़े होकर खाना। जी हां, यह आदत आपके फोकस को कमजोर कर एकाग्रता में कमी लाती है और इसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
5 खड़े होकर खाना, आंतों के लिए भी नुकसानदायक है। रोजाना की ये आदत आंतों के सिकुड़ने का कारण बन सकती हैं जिससे सेहत की अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
🚩ज्ञान वर्धक उपाय आजमाने योग्य उपयोगी🚩
🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔹🔸🔸
1👉 दांतों में कीडे लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएँ। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे।
2👉 यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा।
3👉 हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है।
4👉 हींग का लेप बवासीर, तिल्ली में लाभप्रद है।
5👉 कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा।
6👉 पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा।
7👉 पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।
8👉 जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
9👉 प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है।
10👉 मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियां जैसे पेट में दर्द और मरोड़ या अनियमित मासिक धर्म में हींग का सेवन करने से फायदे होते हैं। यह औषधि कैंडिडा संक्रमण और ल्यूकोरहोइया से भी छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है।
11👉 सूखी खांसी, अस्थमा, काली खांसी के लिए हींग और अदरक में शहद मिलाकर लेने से काफी आराम मिलता है।
12👉 हींग की मदद से शरीर में ज्यादा इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है। ब्लड शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग में पका कड़वा कद्दू खाना चाहिए।
13👉 हींग में कोउमारिन होता है जो खून को पतला करने में मदद करता है और इसे जमने से रोकता है। हींग बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को भी घटाता है।
14👉 यह औषधि विचार शक्ति को बढ़ाती है और इसलिए उन्माद, ऐंठन और दिमाग में खून की कमी से बेहोशी जैसे लक्षण से बचने के लिए भी हींग खाने की सलाह दी जाती है।
15👉 अफीम के असर को कम करने में हींग मदद करता है। इसलिए इसे विषहरण औषधि भी कहा जाता है।
16👉 शोध के अनुसार हींग में वह शक्ति होती है जो कर्क (कैंसर) रोग को बढ़ावा देने वाले सेल को पनपने से रोकता है।
रोग से बचने के लिए
१. कैल्शियम की कमी के लिए भोजन के बाद जीरा, तिल व कढ़ी पत्ता खाये।
२. हार्टअटैक से बचने के लिए अदरक, लहसुन, पीपल पत्ते या अर्जुनारिष्ट लें।
३. बवासीर से बचने के लिए खाली पेट भूपत्री बूटी या पत्थरचट्टा लें।
४. किडनी को बचाने के लिए हरा धनिया खाये।
५. लीवर को बचाने के लिए भूमि आँवला लें।
६. पित्त प्रकोप से बचने के लिए सुबह - शाम आँवला, मिश्री पियें।
७. बालों को बचाने के लिए प्रतिदिन वट जटाएँ, अमरबेल, आँवला, कलौंजी को नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाये, नाभि में घी लगाये। शैम्पू छोड़े।
८. दाँतों को बचाने के लिए ब्रश, ठंडे पानी छोड़े, अंगुलियों से सरसों तेल, अकरकरा राख, नमक, हल्दी, का मंजन करे।
९. डायबिटीज से बचने के लिए तनावमुक्त, 45 मिनट व्यायाम, 8 घंटे की नींद, व शुद्ध गुड़ खाते रहे।
१०. वेरिकोज, अनिद्रा से बचने के लिए प्रतिदिन तेल मालिश, भोजन बाद अश्वगंधा रिष्ट लें।
११. लकवा से बचने के सोडियम, रात को पानी पीकर सोये।
१२. कैंसर से बचने के लिए सप्ताह में एक उपवास करें व रोज़ाना कढ़ीपत्ते का रस पीते रहें।
१३. जीवन् जीने के लिए प्रातः संगीत गुनगुनाये, ३४० बार ताली बचाये, ११ बार ठहाका लगाये।
(आयुर्वेद व पंचतत्व)
स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या (Daily Routine) | Swami Ramdev