#100 साल जीने के अचूक उपाय #स्वास्थ्य लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
#100 साल जीने के अचूक उपाय #स्वास्थ्य लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 15 मार्च 2021

#आयुर्वेद की इन 8 चीज़ों को आज ही अपनाएं, #100 साल जीने के अचूक उपाय #स्वास्थ्य


 ज़िंदगी में बेहतरी चाहते हैं, तो आयुर्वेद की इन 8 चीज़ों को आज ही अपनाएं!

 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏

🌹🙏आयुर्वेद एक प्राचीन और प्राकृतिक चिकित्सा का तरीका है। कई हज़ार वर्षों से आयुर्वेद का इस्तेमाल स्वास्थ्य के तमाम गंभीर रोगों के उपचार के लिए होता चला आ रहा है। आयुर्वेद में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जिनके अभ्यास से हमारे स्वास्थ्य को खास लाभ मिलता है।

🙏🌹ज़बान को रोज़ाना साफ करने से लेकर, आंखों को गुलाब जल से धोना और रोज़ सुबह नींबू डालकर गुनगुना पानी पीने जैसी आसान चीज़ें आयुर्वेद की ही देन हैं। तो अगर भी अपनी लाइफस्टाइस को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आज से ही अपने रुटीम में आयुर्वेद की इन 8 चीज़ों को शामिल कर लें।

🙏🙏🌹घी 🌹🙏🙏

🌹🙏घी आयुर्वेदिक चिकित्सा के मुख़्य आभूषणों में से एक है। यह दिल के स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा होता ही है, साथ ही इसमें फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं।  और इसमें मध्यम, लंबी श्रृंखला वाली फैटी घी आयुर्वेदिक दवा के ताज रत्नों में से एक है। यह दिल से स्वस्थ है और इसमें मध्यम, लंबी श्रृंखला फैटी एसिड होता है। घी में उस तरह के कारक नहीं होते, जो दूध से एलर्जी और वज़न बढ़ने का कारण बनते हैं।

 🙏🌹ध्यान 🌹🙏

🌹🙏ध्यान की क्रिया हज़ारों वर्षों पुरानी है। ये हृदय स्वास्थ्य, रक्त शर्करा को सपोर्ट करने से लेकर, एथलेटिक प्रदर्शन को बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य तक, ध्यान के विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं।

  🙏🌹प्रणायाम🌹🙏

🌹🙏🌹सांस लेने के इस व्यायाम को योग और आयुर्वेद में प्रणायाम कहा जाता है। प्राण शरीर की प्राण शक्ति है और यम का अर्थ है विस्तार करना। प्राणायाम करने का अर्थ है शरीर की प्रत्येक कोशिका में प्राण शक्ति का विस्तार करना।

🙏🌹अश्वगंधा🙏🌹

🌹🙏🌹अश्वगंधा तनाव, बेचैनी और नींद में काफी मददगार साबित होता है। इसमें एडाप्टोजेन नाम का एक हर्बल होता है, जो आपके शरीर को एक व्यस्त दिन में ऊर्जा देता है।

🌹🙏हल्दी

🌹🙏🌹हल्दी शरीर के हर हिस्से को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। काली मिर्च के एक हिस्से को जब 16 भाग हल्दी के साथ मिलाया जाता है, तो ये हल्दी के अवशोषण को 2000 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।

🌹🙏🌻पाचन के लिए मसाले

🌹🙏🌹अदरक, जीरा, इलायची, धनिया और सौंफ के बीज जैसे मसाले पाचन को बढ़ावा देते हैं और इन्हें रोज़ाना खाने में शामिल करना आसान है।

🙏🌹तेल मालिश🌹🙏

🌹🙏तेल मालिश, जिसे अभ्यंग भी कहा जाता है, त्वचा को शांत करता है और ऑक्सीटोसिन जैसे स्वस्थ हार्मोन के उत्पादन को बढ़ता है।

आयुर्वेद की इन 8 चीज़ों को आज ही अपनाएं, 100 साल जीने के अचूक उपाय

🚩🕉️🌷🌹🌺🍁🚩🕉️🌷🌹🌺

🕉️🚩100 साल जीने के अचूक उपाय

🚩🕉️🌺🌹🌷🚩🕉️🌺🌹🌷🚩

🚩🌹स्वास्थ्य का सीधा संबंध हमारी जीवनशैली, खान-पान, आदतों और चिंतन-मनन आदि से है। यदि इनमें खामियां हों, तो दुनिया की कोई भी दवा हमें निरोग नहीं रख सकती। हम सुबह से लेकर शाम तक जो खाते हैं, पीते हैं, उठते हैं, बैठते हैं या अन्य जो भी गतिविधियां करते हैं, उन सबका सम्मिलित प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि दिनचर्या असंतुलित हो, तो स्वास्थ्य चौपट हो जाता है और यदि इसमें सुधार कर लिया जाए, तो दवाओं की गुलामी से छुटकारा मिल जाता है और शरीर स्वस्थ-सबल बना रहता है।
अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए कुछ चुनिंदा उपाय इस प्रकार हैं:

🚩🌹सुबह में जल्दी उठें

🚩🌹सुबह में सूर्योदय से कम-से-कम 1 घंटा पहले उठने से न केवल हम ऊर्जा से भरपूर बने रहते हैं, बल्कि शरीर में हल्कापन, स्फूर्ति व ताजगी महसूस होती है। पक्षियों की चहचहाहट व ताजी हवा से स्ट्रैस (तनाव) दूर होता है। बायोलॉजिकल क्लॉक सुबह में आंतों की सफाई करती है और समय पर शरीर से मल-मूत्र बाहर निकल जाने से शारीरिक विषाक्तता (टॉक्सिसिटी) दूर होती है। सुबह में जल्दी उठने मात्र से एसिडिटी व अपच की समस्या से छुटकारा मिल जाता है और मेटाबॉलिज्म (चयापचय) में सुधार होता है।

🚩🌹उष:पान करें

🌹🚩सुबह में उठते ही जो पानी पिया जाता है, उसे उषापान या उष:पान कहा जाता है। तांबे के बर्तन में रातभर रखा हुआ पानी अमृत के समान गुणकारी है। शोध में यह सिद्ध हो चुका है कि तांबे के बर्तन में रखे पानी में 200 प्रकार के बैक्टीरिया अपने आप नष्ट हो जाते हैं।

🌹🚩सुबह में तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से धीरे-धीरे सभी प्रकार के रोग-विकार ठीक होने लगते हैं। अत: सुबह उठते ही पानी जरूर पीना चाहिए।

🚩🌹व्यायाम करें

🚩🌹नित्यक्रिया से निवृत्त होकर रोजाना 30 से 45 मिनट तक कोई भी व्यायाम करें। रोजाना व्यायाम करने से न केवल शरीर, बल्कि मनोमस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है, बुद्धि बढ़ती है, अनेक बीमारियों से बचाव होता है और वजन कंट्रोल में रहता है। व्यायाम करने से नींद अच्छी आती है, ऑक्सीजन भरपूर मिलने पर शरीर की सारी क्रियाएं सुचारू रूप से होती हैं, ऊर्जा का संचार होता है और जीवनी शक्ति बढ़ती है। अत: रोजाना नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें।

🌹🚩मालिश और स्नान जरूर करें

🚩🌹रोजाना मालिश और स्नान स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायी है। मालिश और स्नान से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे त्वचा में ग्लो बढ़ जाता है, बदन दर्द व थकान दूर होती है, खुलकर भूख लगती है, मेटाबॉलिक रेट (चयापचय दर) बढ़ जाता है, जिससे शरीर में जमा चर्बी (फैट) पिघलने लगती है, त्वचा पर मौजूद धूल-मिट्टी के कण, मृत कोशिकाएं (डैड सैल्स), कीटाणु व पसीना आने के बाद जमी परत हट जाती है और त्वचा में निखार आ जाता है तथा त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं और स्किन प्रॉब्लम्स से बचाव होता है।

🌹🚩सुबह नाश्ता जरूर लें

🚩🌹सुबह नाश्ता लेना बहुत जरूरी है। रात के भोजन के बाद सुबह तक काफी समय का अंतराल हो जाता है और सुबह में शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है। अत: नाश्ता करके यह ऊर्जा की जरूरत पूरी की जा सकती है। सुबह के नाश्ते में दूध, फल, कॉर्नफ्लैक्स, रोटी, दही, रबड़ी, दलिया, ड्राई फ्रूट्स, सेब, केला, संतरा आदि लिए जा सकते हैं।

🌹🌹समय पर गहरी नींद लें

🌹🚩समय पर नींद लेना भी हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेने वालों का हृदय ज्यादा स्वस्थ रहता है। भरपूर नींद लेने से ब्रेन की अलर्टनैस बढ़ती है और ब्रेन को दिनभर के कार्यों को  याद करके सही रूप में सहेजने तथा फिर से याद करने में मदद मिलती है। नींद पूरी तरह शरीर को तरोताजा करती है। सैल्स की रिपेयरिंग का काम (नवनिर्माण) नींद में ही होता है। गहरी नींद से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। कुल मिलाकर यूं कहें कि स्वस्थ रहने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है।

🌹🚩प्रकृति के नजदीक रहें

🌹🚩रोजाना थोड़ा समय प्रकृति के बीच गुजारें, जहां कृत्रिम प्रकाश, कृत्रिम हवा, कृत्रिम जल आदि न हो। मिट्टी, पानी, धूप, हवा-ये सभी प्रकृति के वे भाग हैं जो हमें स्वास्थ्य देते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रकृति के नजदीक रहने वालों को नींद अच्छी आती है, मन प्रसन्न रहता है, मानसिक थकान दूर होती है और शरीर निरोग रहता है। इसलिए प्राकृतिक जलस्रोत, मिट्टी, पहाड़, जंगल, बगीचे व हरियाली में रोजाना थोड़ा समय जरूर बिताना चाहिए।

🌹🚩क्रोध से बचें

🌹🚩क्रोध से रक्त प्रवाह तेज हो जाता है, हार्ट रेट व स्ट्रैस बढ़ जाता है तथा टिशु व आर्गंस कमजोर होते हैं। क्रोध से पित्त बढ़ता है और यह मैटाबॉलिक सिस्टम को, जोकि कोशिका के लैवल पर होता है, बिगाड़ देता है। इस प्रकार इम्यून सिस्टम  कमजोर होकर रोगों के लिए आधार मिल जाता है। अत: क्रोध न करें, हमेशा शांत व प्रसन्न रहने का प्रयास करें।

🌹🚩नशीले पदार्थों से दूर रहें

🌹🚩आयुर्वेद में मद्य (मदिरा) यानी शराब को ओज का नाशक बताया गया है। शराब इम्युनिटी का नाश करके तन-मन के लिए विष का काम करती है। शराब शरीर की उष्णता बढ़ाकर टैम्प्रेचर बढ़ाती है, एक्जिमा व अन्य स्किन डिजीज का कारण बनती है तथा लिवर, किडनी, हार्ट व वेसल्स को नुक्सान पहुंचाती है। इसी प्रकार धूम्रपान, गुटखा, तंबाकू, स्मैक आदि सभी नशीले पदार्थों का प्रयोग भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

*💯सौ साल जीने की आयुर्वेदिक सरल विधियाँ *

🔆मनुष्य अपने भाग्य का विधाता स्वयं होता है और उसके काम, रहन-सहन, दिनचर्या और खानपान पर ही उसका भविष्य तथा स्वास्थ्य निर्भर करता है।

🔆भगवान ने मनुष्य को कम-से-कम 100 साल की आयु दी है परन्तु यह मनुष्य विशेष पर निर्भर करता है कि वह अपने को कितने दिनों तक स्वस्थ रखता है। इसके लिए कुछ नियम हैं जो कि हमारे पूज्य ऋषि-मुनियों तथा आयुर्वेदाचार्यों द्वारा बनाये गये हैं। इन नियमों का पालन करने वाला पूरी क्षमता और नीरोग रहकर 100 साल तक जीवित रहता है।

💯सौ साल जीने के उपाय :

🔆सुबह करीब 4 बजे सोकर उठे सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को देखें। फिर ईश्वर का स्मरण या प्रणाम करें। उसके बाद यह देखने की कौन सी नाक छिद्र से श्वास चल रही है। फिर जिस छिद्र से श्वास चल रही है उसके उल्टे पैर को धरती पर रखें तथा धरती माता को प्रणाम करें।

🔆रात में सोने से पहले ताँबे के साफ-सुथरे बर्तन में शुद्ध जल भरकर रख दीजिए। सुबह नित्य क्रिया के बाद ताँबे के बर्तन में रखे पानी को मुँह में पूरा भर लीजिए और दोनों आँखें खोलकर धीरे-धीरे उसी पानी से छीटें मारिये। इससे आँखों की ज्योति बढ़ती है।

🔆आँवला का रस और घृतकुमारी का रस दोनों एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में खाना खाने के आधा घण्टे बाद सेवन करने वाला व्यक्ति तो निस्सन्देह 100 साल तक स्वस्थ जीवन जी सकता है।

🔆शाम में तीन-चार गिलास शुद्ध पानी ताँबे के बर्तन में रख लें। सुबह उसे गुनगुना कर लें और पैरों के पंजों के बल बैठकर पानी को पी जायें। इससे अगर ठेहुना में दर्द है तो वह ठीक हो जाएगा। अगर नहीं है तो जिन्दगी भर होने की सम्भावना नहीं रहती है।

🔆स्नान करते समय सबसे पहले पानी माथे पर डाले। सिर से होते हुए पानी पैरों से बहेगा। इससे मस्तिष्क ठंडा रहता है। इसके बाद पैरों के तलवे को पत्थर के टुकड़ें या ईंट के टुकड़ें से रगड़-रगड़ कर साफ करना चाहिए। इससे चेहरा आकर्षक होकर सारा दिन खिला रहता है।इसके बाद साफ खादी या मोटिया कपडा के तौलिया से सारा शरीर को पोंछे। तौलिया से पीठ और गरदन का पिछला भाग रगड़-रगड़ कर साफ करें। इसके बाद साफ-सुथरा मोटा वस्त्र पहनें। इससे सारा दिन मन प्रसन्न रहता है।

🔆सुबह का नाश्ता हल्का, सुपाच्य तथा फलों का सेवन जरूर करना चाहिए। नाश्ता या खाना खाने के बाद सौ कदम चलकर 5 से 10 मिनट व्रजासन में अवश्य बैठें।पूर्व दिशा की ओर मुँह कर खाना चबा-चबा कर खाना चाहिए। इससे आयु बढ़ती है और उत्तर दिशा में मुँह कर खाना खाने से दुश्मन पर विजय मिलती है।

🔆भोजन करने से पहले हाथ और पैरों को ठण्डे पानी से धोकर पाँच-दस मिनट तक हँसना चाहिए। इससे अमृत के समान सभी तरह का लाभ मिलता है।

🔆 भोजन के बाद कुछ मिनटों तक अग्नि का ध्यान करना चाहिए।

🔆रात्रि में थोड़ा हल्का भोजन करना चाहिए। निद्रा में बाधा पड़ती है।

🔆रोज-रोज जो कार्य करते हैं, सप्ताह में कम-से-कम एक दिन उससे मुक्त रहकर आराम कीजिए। प्रतिदिन एक ही कार्य करने से शरीर थक जाता है और आयु भी कम हो जाती है।

🔆सूर्यास्त के समय सोना, नहाना, पढ़ना और भोजन नहीं करना चाहिए। इस समय जप, ध्यान और प्राणायामकरना चाहिए।

🔆आयुर्वेद के तीन उपस्तम्भ हैं-आहार, निन्द्रा और ब्रह्मचर्य। इनका पालन अवश्य करें।

🔆मानव को स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद, श्रम, व्यायाम और संतुलित आहार अत्यन्त ही आवश्यक है।

🔆आहार की गलतियाँ अत्यन्त हानिकारक होती हैं।गर्मी में गुनगुना तथा ठण्ड में ठण्डे पानी से स्नान करना चाहिए। यह आयुर्वेद का सिद्धान्त एलोपैथ से बिलकुल उल्टा है।

🔆दूध का झाग बहुत लाभदायक होता है इसलिए दूध को गुनगुना कर खूब उलट-पुलट कर झाग पैदा कर ही पीना चाहिए।

🔆कम-से-कम 15-20 मिनट तक भोजन चबा-चबा कर प्रसन्नचित होकर करना चाहिए। इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि जल्दी-जल्दी भोजन करना अत्यन्त ही हानिकारक होता है।

🔆✅रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए।

🔆अगर किसी प्रकार का रोग शरीर में हो गया है तो शान्त तथा चुप रहना अत्यन्त ही लाभकारी होता है।

🔆सोने की थाली में खाना खाने से आयु बढ़ती है और आँखों की ज्योति भी बढ़ती है।चाँदी की थाली में खाना खाने से आँखों का तेज बढ़ता है। कफ, पित्त तथा वायु सन्तुलित रहता है।काँसे की थाली में खाना खाने से बुद्धि बढ़ती है, रक्त शुद्ध होता है।पत्थर या मिट्टी की थाली में कभी भी खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि धन तथा लक्ष्मी का नाश होता है।लोहे की थाली में खाना कभी भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि बुद्धि का नाश होता है।

🔆कफ, खाँसी और सर्दी तथा बुखार में शिवलिंग मुद्रा करनी चाहिए। इसके लिए दोनों हथेलियों की अंगुलियों को एक-दूसरे के साथ इस तरह मिलायें कि दायें हाथ का अंगूठा ऊपर की ओर रहे।

🔆सोना, चाँदी, ताँबा और लोहा का पानी अत्यन्त ही पौष्टिक और शरीर के विकास के लिए जेनरल Tonic है।ताँबा के पात्र में पानी पीना उच्च रक्त चाप, आर्थराइटिस, पोलियो, मानसिक तथा कुष्ठ रोग में अतीव लाभकारी है।चाँदी के बरतन में पानी पीने से पाचन क्रिया तथा मूत्राशय सम्बन्धी सभी रोगों का नाश होता है।

🔆सोने के पात्र में पानी पीने से श्वास क्रिया, फेफड़ा के रोग, हृदय और मस्तिष्क सम्बन्धी सभी रोगों में अत्यन्त लाभ री होता है।

🔆एक ग्राम सोना, 2 ग्राम चाँदी , 4 ग्राम ताँबा और 4 ग्राम लोहा का सिक्के बना कर 4 गिलास पानी में चारों को डाल कर उबालें जिससे की एक गिलास पानी जल जाए तो उसे छानकर गुनगुना ही सुबह में खाली पेट पंजे के बल बैठकर पी जाइए। यह सभी प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए, जेनरल टॉनिक का अद्वितीय कार्य करता है। इस पानी को पीते समय नींबू, छाछ आदि खट्टे पदार्थों का सेवन निषिद्ध है।इसके साथ ही प्रतिदिन भस्रिका, कपालभाति, बाह्य, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीत, नाड़ी शोधन पूरे आठ प्राणायाम और सात सूक्ष्म व्यायाम तथा सात योगासन प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए जिससे कि शरीर सदा स्वस्थ रहे।

🔆प्रकृति ने मानव शरीर में जितने भी अंग (Machine) बनाये हैं ठीक उन्हीं के आकार से मिलता-जुलता उसने हमें फल भी प्रदान किया है। जिनका सही तरीके से सेवन करने पर उन अंगों के रोग दूर हो जाते हैं। जैसे-अखरोट का आकार मस्तिष्क से, बादाम का आकार आँख से, सेव का आकार हृदय से, अंगूर का आकार फेफड़े से, काजू का आकार किडनी से, आम / पपीता का आकार जठर से, अमरूद / नाशपाती का आकार अंडपिंड और केला-यौन शक्ति के आकार का होता है।

👉इन बातों पर ध्यान देने और अपनाने से निस्संदेह व्यक्ति 100 साल तक नीरोग तथा स्वस्थ रह सकता है।
 



अपने पैरों के तलवों में तेल लगाने से क्या फायदा होता है?

 1।  एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिरदर्द नहीं, दांतों का नुकसान...