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शनिवार, 3 अप्रैल 2021

#सेक्स, #Sex सेक्स समस्याओं के लिए बेहतरीन फार्मूला बाजीकरक

 


कामशक्ति को बढ़ाने वाले उपाय  (संभोगशक्ति बढ़ाना) 

परिचय - कोई भी स्त्री या पुरुष जब दूसरे लिंग के प्रति आर्कषण महसूस करने लगता है तो उसी समय से सेक्स उनके लिए एक बहुत ही खास विषय बन जाता है। उनके मन में सेक्स के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है और शादी से पहले यह लोग सेक्स करने से भी पीछे नहीं हटते। सेक्स करने में जितना आनंद मिलता है उतनी ही उसके प्रति संवेदनशीलता बनी रहती है। इसी वजह से चाहे स्त्री हो या पुरुष दोनों में ही सेक्स के प्रति हमेशा एक भूख सी रहती है वह ज्यादा से ज्यादा सेक्स का मजा लेना चाहता है।
            ऐसे बहुत से लोग हैं जो सेक्स का मजा लेना चाहते हैं लेकिन सेक्स करते समय वह कुछ ही देर में ठंडे हो जाते हैं। ऐसे मामलों में उनके मन में यह बात घर कर जाती है कि उन्हें शीघ्रपतन का रोग है। ऐसे लोग वैसे तो पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं लेकिन दिमागी रूप से बीमार हो जाते हैं। उनके मन में यह विचार भी आने लगते हैं कि अगर मैं संभोगक्रिया के समय अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाता तो वह मुझसे नफरत करने लग सकता है या मुझे छोड़कर जा सकता है।
            यह एक ऐसी दिमागी समस्या है जिसके कारण आज लगभग हर वर्ग का व्यक्ति परेशान है। संभोगक्रिया के समय जब पुरुष का वीर्य निकल जाता है तभी उसकी संभोगक्रिया और संतुष्टि का चक्र पूरा हो गया मान लिया जाता है क्योंकि चरम आनंद के साथ ही वीर्य के निकलने का संबंध भी जुड़ा है लेकिन इसके बाद भी पुरुष की अंदर की प्यास नहीं बुझती। इसी वजह से वह अंदर ही अंदर शर्मिंदगी से घुटता रहता है।
            यह कोई रोग नहीं है इसमें अगर पुरुष सही तरह से और सही तरीके से संभोग करे तो वह इस क्रिया को इच्छा के अनुसार बढ़ा सकता है। इसके लिए उसे किसी तरह की दवा आदि न खाकर और उल्टे-सीधे नीम हकीमों के चक्कर में न पड़कर सिर्फ कुछ खास बातों की ओर ध्यान देने की जरुरत है।

संभोग करते समय जल्दबाजी न करें-
            संभोग करते समय किसी भी तरह की जल्दी करना या हड़बड़ाहट मचाना जल्दी वीर्यपात का कारण बनता है। किसी भी पति और पत्नी के बीच सेक्स संबंध सिर्फ खानापूर्ति के लिए या किसी भी काम को जल्दी से निपटाने के मकसद से नहीं होने चाहिए। ऐसे बहुत से व्यक्ति होते हैं जो संभोग करते समय तुरंत ही पूरे जोश में आ जाते हैं। उनकी उत्तेजना समय से पहले ही चरम सीमा तक पंहुच जाती है और जल्दी ही उनका वीर्यपात हो जाता है। कुछ समय में ही पुरुषों की ऐसी आदत से उनकी पत्नियां भी परेशान रहने लगती हैं क्योंकि उनको भी अपने पति की आदत से सेक्स में पूरी तरह से संतुष्टि नहीं मिल पाती है। इसलिए पुरुषों को संभोग करते समय किसी तरह की जल्दबाजी न करके धैर्यपूर्वक इस क्रिया को करनी चाहिए। इससे न सिर्फ पुरुष इस क्रिया को लंबा और संतुष्टि के साथ कर सकता है बल्कि स्त्री को पूरी तरह से यौन संतुष्टि मिलती है।

उत्तेजना पर ध्यान-
            पुरुष को अगर अपनी संभोगक्रिया को काफी देर तक करना  चाहता है तो उसे अपनी उत्तेजना का खासतौर पर ध्यान रखना जरूरी है। संभोगक्रिया के समय उत्तेजना का बढ़ना और काफी समय तक रहना पुरुष की शारीरिक क्रियाओं पर निर्भर करता है। जैसे ही महसूस हो कि शरीर में उत्तेजना बढ़ रही है, लिंग सख्त होता जा रहा है तो उसी समय अपनी शारीरिक क्रियाएं बंद कर देनी चाहिए, एकदम से शांत हो जाए। इससे बढ़ी हुई उत्तेजना सामान्य होने लगती है। अगर उत्तेजना ज्यादा बढ़ जाती है और शारीरिक आघात जारी रहते हैं तो वीर्य को निकलने से रोक पाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए उत्तेजना को ज्यादा नहीं बढ़ने देना चाहिए।

वातावरण का ध्यान-
            संभोगक्रिया करते समय वातावरण का भी खासतौर पर ध्यान देना पड़ता है। संभोगक्रिया में पूरी तरह आनंद और संतुष्टि तब तक नहीं मिल पाती जब तक इस क्रिया को बिना किसी डर के और निश्चिंत होकर न किया जाए। शादी के बाद सोने के लिए पति और पत्नी के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था कर दी जाती है फिर भी कई बार इस व्यवस्था में अचानक किसी तरह की रुकावट आ जाती है तो ऐसे में उन्हें सेक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए। कई बार पति-पत्नी अपने कमरे में आकर संभोगक्रिया करने लगते हैं तभी उन्हें अगर कोई आवाज दे देता है तो उस समय उनकी सेक्स संबंधों के दौरान बनी मानसिकता को तेज आघात पहुंचता है और यही जल्दी वीर्यपात का कारण बनता है। अगर पति और पत्नी अपने कमरे में आते हैं तो उन्हें तुरंत ही संभोगक्रिया में नहीं लग जाना चाहिए। कमरे में आते ही सबसे पहले आपस में किसी भी टाँपिक को लेकर बातें आदि करने लग जाएं। जैसे ही लगे कि अब घर में सब लोग सो गए हैं तब संभोगक्रिया करने के लिए तैयार हो जाए। कमरे में हरे रंग या आसमानी रंग का बल्ब जलाकर संभोगक्रिया करने से आनंद मिलता है।

संभोगक्रिया के समय विभिन्न आसनों का प्रयोग हानिकारक है-
            संभोगक्रिया के समय बहुत से पुरुष अपनी बीवियों को सेक्स के अलग-अलग आसनों को प्रयोग करने की प्रयोगशाला बना देते हैं। पुरुष अक्सर किताबों या फिल्मों में सेक्स करने के अलग-अलग तरीकों को देखकर अपनी पत्नी के साथ भी उसी तरह सेक्स करने के लिए जोर डालते हैं। लेकिन सेक्स करने के यह तरीके या आसन जो दिखाए जाते हैं उनको करना लगभग नामुनकिन होता है। इन अलग-अलग आसनों को करते समय या संबंध बनाते समय पुरुष इस कदर उत्तेजित हो जाते हैं कि उसके लिए संबंध बनाए रखना मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से वे शीघ्र स्खलित हो जाते हैं। पत्नी को भी ऐसा महसूस होता है कि उसका पति तो उसे किसी खिलौने की तरह प्रयोग कर रहा है जिसके कारण वह शारीरिक और दिमागी रूप से पीड़ित रहने लगती है। वैसे भी सेक्स संबंधों का जितना आनंद सामान्य आसन से मिलता है उतना अलग-अलग आसनों का प्रयोग करने से नहीं मिलता। बहुत से विद्वानों का कहना है कि जो व्यक्ति सामान्य आसनों का प्रयोग करके सेक्स संबंधों का आनंद उठा रहा है उन्हें भूलकर भी अलग-अलग आसनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके लिए सबसे अच्छा आसन है कि संभोगक्रिया के समय पत्नी को नीचे और पति को उसके ऊपर लेटना चाहिए। इस आसन को करते समय पुरुष का लिंग बहुत ही आसानी के स्त्री की योनि में प्रवेश कर जाता है और पुरुष संभोग के समय स्त्री के चेहरे के भावों को पढ़ सकता है। विराम के समय स्त्री के शरीर पर निश्चल लेटने से एक अनोखा सुख प्राप्त होता है। 
इसके बाद सिर्फ विपरीत रति वाले आसन को ही अच्छा माना गया है। इस आसन में पति नीचे लेटता है और पत्नी उसके ऊपर लेटती है। इसमें शरीर संचालन स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर कर सकते हैं। इस आसन में भी सारी स्थितियां पहले आसन के ही जैसी होती हैं लेकिन विराम के समय आराम का सुख स्त्री को ही मिलता है। इन दोनों आसनों की खासियत यह है कि इसमें जब तक संभोगक्रिया चलती है तब तक बिना किसी परेशानी के चलती है। दूसरे किसी आसन में यह सुविधा नजर नहीं आती है। बाकी सारे आसनों में जो कमी नजर आती है वह यह है कि उनमें संभोग और विराम काल में स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के सीने से लगकर आनंद नहीं उठा पाते। दूसरे आसनों में लिंग योनि में इतनी आसानी से प्रवेश नहीं कर पाता जितनी आसानी से पहले वाले आसन में हो जाता है। कई बार लिंग को योनि में प्रवेश कराने से पुरुष की उत्तेजना इतनी बढ़ जाती है कि योनि में प्रवेश के साथ ही पुरुष का वीर्य निकल जाता है। इसके लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि जो व्यक्ति शीघ्रपतन रोग से ग्रस्त होता है उन्हें पहले वाले आसन में ही संभोग करना चाहिए।

संभोगक्रिया में अपने आप पर काबू रखें-
            सेक्स और संयम का आपस में बहुत ही गहरा संबंध है। बिना संयम के  संभोगक्रिया चल ही नहीं सकती। वैसे भी कहते है कि संयम ही सेक्स की धुरी है और संयम हर क्रिया में बहुत जरूरी है। युवा वर्ग के लिए संयम रखना बहुत जरूरी है। बहुत से व्यक्ति जब देखते हैं कि घर में कोई नहीं है तो वह तुरंत ही मौके का फायदा उठाकर अपनी पत्नी के साथ संबंध बनाना चाहते हैं और तुरंत ही जल्दबाजी में संबंध लेते हैं। पत्नी भी इस चीज का विरोध नहीं कर पाती। इस प्रकार संबंध बनाते समय पुरुष की उत्तेजना शुरुआती दौर में ही चरम की स्थिति तक पंहुच जाती है। फिर किसी के आ जाने का डर उसे सबकुछ जल्दी-जल्दी करने पर मजबूर कर देती है। ऐसे समय में पुरुष का नाता संयम से बिल्कुल टूट जाता है और वीर्य जल्दी ही निकल जाता है। इसके अलावा और भी कई मौके आते हैं जब पति अपनी पत्नी के साथ संबंध बनाने का मौका छोड़ना नहीं चाहता जिसके कारण व्यक्ति शीघ्र स्खलन का शिकार हो जाता है। इसलिए थोड़े से मजे के चक्कर में अपने आपको शीघ्र स्खलन का रोगी न बनने दें। अगर इस स्थिति को संभाला नहीं जाता तो संभोग के नाम पर पुरुष सिर्फ स्खलन की क्रिया ही पूरी करेगा। इसमें स्त्री को संतुष्टि सिर्फ नाम के लिए ही मिल पाती है। इसलिए सेक्स के समय संयम के महत्व को समझना बहुत जरूरी है।
सांसों को सयंमित रखें-
            संभोग करते समय सांसों की गति को सयंमित रखकर चरम की तरफ तेजी से बढ़ती हुई उत्तेजना को कम किया जा सकता है। उत्तेजना के बढ़ने पर जब आपको महसूस हो कि आपके न चाहते हुए भी आपका वीर्यपात होने को है तो उसी समय अपनी शारीरिक गतिविधियों को बंद कर देना चाहिए। शरीर को एकदम ढीला छोड़ दें और आंखे बंद करके लंबी सांस भरें। सांस को एकदम से बाहर नहीं छोड़ना चाहिए। जितना समय सांस को लेने में लगे उससे दुगने समय तक सांस को रोककर रखना चाहिए। सांस को छोड़कर फिर थोड़ी देर तक रुकना चाहिए। इसके बाद दुबारा जितनी लंबी सांस ले सकते हैं लें। सांस लेकर कुछ देर तक रुकें और फिर धीरे-धीरे सांस को छोड़े। 2-3 बार ऐसा करने से बढ़ी हुई उत्तेजना धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसा करने में अगर व्यक्ति सफल हो जाता हो तो उसके सेक्स संबंधों के समय में बढ़ोत्तरी होती जाती हैं।       
 
 
" *सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस* "
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सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस जड़ी-बूटी और भस्मों से बनी स्वर्णयुक्त बेजोड़ दवा है जिसके इस्तेमाल से पुरुषों के हर तरह के यौन रोग दूर होते हैं। *शीघ्रपतन, वीर्य विकार, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, नामर्दी दूर करने और भरपूर जोश और जवानी लाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है.* तो आईये जानते हैं रसेन्द्र चूड़ामणि रस का कम्पोजीशन, बनाने का तरीका, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल:-

💠संभोग का नाम लेते ही नामर्दी को दूर करने और जोश बढ़ाने के लिए हमारे मन में आने वाला सबसे पहला नाम है वियाग्रा। वियाग्रा हमें एक बार के लिए चुस्ती फुर्ती और काम शक्ति तो देता है परंतु साथ ही साथ वह हमें कमजोर भी करता है। *वियाग्रा लेने वालों को ऐसी आदत पड़ जाती है कि वह वियाग्रा लेने के अलावा संभोग कर ही नहीं सकते* । उन्हें उन्हें ह्रदय व गुर्दों के रोग हो जाते हैं।

💠 *राजा महाराजाओं की काम शक्ति का राज है सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस।* जो राजा महाराजा अनेक रानियां रखते थे वे सबके साथ संभोग करने के लिए है अपनी शक्ति को रसेंद्र चूड़ामणि रस के माध्यम से बढ़ाते थे।

💠 *जो जोड़े आपस में प्रेम संबंध को बढ़ाना चाहते हैं वे सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस का प्रयोग अवश्य करें।* 

💠सुवर्णा रस रसेंद्र चूड़ामणि रस  संभोग की शक्ति को बढ़ाने का प्राकृतिक उपाय है इसलिए वह बहुत ही असरकारक है और सिर्फ *20 दिन के सेवन मात्रा से स्थाई असर देता है।* 

💠इसमें सोना, चाँदी, सिका (नाग) वंग व अभ्रक आदि वीर्य वर्धक औषधियों का मिश्रण होने के कारण अफीम से होने वाले नुकसान बहुत कम हो जाते हैं। *लेकिन फिर भी इसका सेवन 20 दिनों से जयादा न करने की सलाह दूँगा।* 

💠 *शूगर के मरीजों को हमेशा शीघ्रपतन की शिकायत रहती है उनके लिये यह "सुवर्णा रस  रसेंद्र चूड़ामणि रस " वरदान है।* जबकि दूसरी बाजीकरक व वीर्य सतंभक आयुर्वेदिक औषधियाँ 40-45 दिनों बाद अपना असर दिखाना शुरू करती हैं वहीं यह योग तुरंत प्रभाव से असर दिखाता है व इसका प्रभाव भी काफी समय तक रहता है।
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➡ बनाने की विधी :
• पारा भस्म 1 ग्राम।
• स्वर्ण भस्म 2ग्राम।
• नाग भस्म 100 पुटी 3 ग्राम।
• अभ्रक भस्म 100 पुटी 4 ग्राम।
• वंग भस्म 5 ग्राम।
• अतुल शकतिदाता योग (खुद तैयार किया) 6 ग्राम।
• चाँदी भस्म 7 ग्राम।
• स्वर्ण माक्षिक भस्म 8 ग्राम।
सबको मिलाकर धतूरे के पतों के रस और भंग के पतों के रस में तीन दिन खरल करें। फिर मघाँ, गिलोय, भड़िंगी, अंबरबेल, खस, नागरमोथा, शुद बचनाग, मुलठी, शतावर, कौंच के रस जा काड़े की सात- सात भावना देवें। जब सारी दवाई सूख जाये तो इसके कुल वजन की आधी अफीम मिलाकर तुलसी के रस में घोटकर 1-1 रती की गोली बनाकर छाया में सुखा लें।
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➡ मात्रा :
1 या 2 गोली तक दूध से लेवें। तुरंत प्रभाव हेतू संभोग से 2 घंटे पहले गर्म दूध से लेवें।
यह नामर्दी, वीर्य की कमजोरी और शीघ्रपतन दूर करने के लिये उतम योग है। ज्यादा औरतों के साथ संभोग करने वाले विलासी पुरूषों के लिये उतम औषधि है।

🌹 *सेक्स समस्याओं के लिए दुनिया का सबसे बेहतरीन फार्मूला* 🌹

*हर तरफ से निराश औरभ परेशान Sex रोगी एक दफा जरूर मिलें*

*नया खुन,नया जौश और नई जवानी दुवार से पाएं।*

*हर तरह की Sex Problem का इलाज है*

*नामर्दी, वीर्य की कमजोरी और शीघ्रपतन दूर करने के लिये उतम योग।*

         
छोटी उम्र में कामोत्तेजना जागने पर मनुष्य जब संभोग, हस्तमैथुन या स्वप्नदोष का शिकार हो जाता है तो काम केंद्र लिंग और वीर्य उतपादक ग्रंथियाँ पूरी तरह ताकत में आने से पहले ही कमजोर हो जाती हैं और वीर्य बिलकुल पतला हो जाता है। जिस कारण स्तंभन शक्ति कमजोर हो जाती है।
मर्द औरत के साथ तसल्ली और मनमौजी तरीके से संभोग रचाने के काबिल नहीं रहता।
कई मर्दों की हालत तो इतनी खराब हो जाती है कि औरत के साथ में उनको स्पर्श करते ही प्यार सिरे से खारिज हो जाता हैं और शर्मिंदगी महसूस करनी पढ़ती है।
ऐसे रोगियों के लिये  अमृत समान है।
संभोग करते वक़्त समय इतना बढ़ जाता है कि सारी रात संभोग रचाकर भी आदमी थकता नहीं।
जब तक आप कोई खटाई नही खाते तब तक इसका असर कम नहीं होता।
अगर नियम और संयम रखकर इसका सेवन एक महीना कर लिया जाये तो शीघ्रपतन की समस्या का स्थाई समाधान हो जाता है। जिससे आप फिर से अपने बैडरूम के सुपरमैन बन जायेंगे आर जीवन आनंद ही आनंद होगा।

*क्या आप निम्न सेक्स समस्याओं से परेशान हैं..................?*

💁🏻‍♂लिंग का आकार आदि सामान्य होने के बावजूद भी सेक्स की इच्छा ही न होना.जिस कारण Wife का बुरा व्यवहार आपके सामने आ रहा है या अचानक पत्नी आपसे लड़ रही है.
💁🏻‍♂सेक्स करते-करते बीच में ही उत्तेजना Errection समाप्त होकर लिंग penis का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना Orgasm ना मिलना.सेक्स से पूर्व वीर्य ज्यादा गुदगुदी होकर निकल जाता है तो इसका इलाज अति शीघ्र करवाएं.
💁🏻‍♂सेक्स क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े.
💁🏻‍♂एक बार यदि सेक्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिंग में सेक्स करने लायक उत्तेजना Erection का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कमउम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है.
💁🏻‍♂वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य का पानी की तरह पतला होना.
💁🏻‍♂सेक्स के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों.
💁🏻‍♂लिंग में सेक्स करने लायक कठोरता Hardness का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना.
💁🏻‍♂जवानी शुरू होते ही हस्तमैथुन करके वीर्य का सत्यानाश करा और लिंग को भी बीमार बना डाला है.
💁🏻‍♂सेक्स के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो.

👨🏻‍⚕ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं। पत्निया तलाक मांगने लगती हैं या उनके कदम बहक जाते हैं.

👨🏻‍⚕ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके और नामर्द impotent या शीघ्रपतन का शिकार होजाता है या नीम-हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर और नुकसान उठा बैठते हैं।

👨🏻‍⚕बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है। ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति देने वाली आयुर्वेदिक वाली औषधि (दवाई). आपके पास हों। न कि थोड़ी उत्तेजना Errection देकर heart atek ,B.P problems, आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करने वाली अंग्रेजी दवाइयां।

👨🏻‍⚕मैने गहन अध्ययन और अनुभव के बाद ..कीमती जड़ी बूटी और बहूमूल्य जवाहरात की भस्मो(कुश्ता)सोना चांदी भस्मो ईत्यादि से तैयार कि हैं।

👨🏻‍⚕शीघ्रपतन जैसी नामुराद बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिये आप एक बार  इस्तेमाल जरूर करके देखें।

👨🏻‍⚕  का इस्तेमाल करने वाला मर्द जिस औरत के साथ संभोग कर लेगा वह औरत जीवन भर उसी मर्द की दासी बनकर रह जायेगी।

👨🏻‍⚕ताकतवर समझकर कभी भी बताई गई मात्रा से जयादा इस्तेमाल न करें कयोंकि जयादा मात्रा में सेवन करने से कामोत्तेजना बहुत बढ जाती है।

👉🏼 इतना प्रभावशाली है कि इसका सेवन करने से रोम- रोम नाचने लगता है।

▪मस्ती से भरा हुआ मर्द जब औरत के साथ सेज साँझी करता है तो दोनों की रूह एक दूसरे में इस तरह समा जाती है जैसे तुम और मैं का भेद समाप्त हो जाता है।
▪इसका उपयोग एक दूसरे से बहुत प्यार करने वाले जोड़ों को जरूर करना चाहिए। वही इसकी सही उपयोग करके एक दूसरे के हो सकते हैं।

*Married peoples इसका इस्तेमाल जरूर करें।*

👨🏻‍⚕यह औषधि अति विलासी "राजे- महाराजे" इस्तेमाल करते थे। क्योंकि उनके एक से अधिक औरतों के साथ संबंध होते थे।
▪इसके कुछ दिन सेवन करने से वीर्य बहुत गाढा हो जाता है।
▪इसके कुछ दिनों के इसतेमाल से नाड़ीतंत्र को ताकत मिलती है।

🔹इसमें सोना, चाँदी, सिका (नाग) वंग व अभ्रक आदि वीर्य वर्धक औषधियों का मिश्रण हैं।

🔹शूगर के मरीजों को हमेशा शीघ्रपतन की शिकायत रहती है उनके लिये यह वरदान है।

🔹दूसरी बाजीकरक व वीर्य सतंभक आयुर्वेदिक औषधियाँ 40-45 दिनों बाद अपना असर दिखाना शुरू करती हैं वहीं यह योग 10-15 दिनों में ही असर दिखाना शुरू कर देता है व इसका प्रभाव भी काफी समय तक रहता है।


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*सेक्स के बारे में कुछ रोचक *

1. एक बार के मैथून में जो वीर्य निकलता है उसमें 30 से 45 करोड़ तक शुक्राणु होते हैं।

2. वीर्य को वीर्य बैंक में -196.9 डिग्री सेल्सीयस के तापमान पर रखा जाता है।

3. Sex करने से तनाव कम होने के साथ-साथ सिर दर्द भी गायब हो जाता है।

4. लगभग 25 प्रतीशत पुरूष वर्तमान समय मे सेक्स के बारे में सोच रहे होते हैं।

5. यौन क्रिया की चरम अवस्था के वक्त स्त्री-पुरूष दोनो के दिल की धड़कन 140 प्रति मिनट तक पहुँच जाती है।

6. महिलाएँ 45 साल तक उम्र तक औसतन 3000 बार काम(सेक्स) करती हैं।

7. 40 साल की उम्र तक के मर्दों के लिंग मात्र 10 सेकेंड में इरेक्टेड(खड़े) हो जाते हैं।

8. ग्रीक दंपत्ति एक वर्ष में सबसे ज्यादा औसतन 138 बार सेक्स करते है जबकि जापानी दंपत्ति सबसे कम केवल 45 बार ही करते हैं।

9. पुरूष के लिंग से वीर्य निकलने की गति 36.9 किलोमीटर प्रति घंटा होती है जो युसेन बोल्ट के 100 मीटर के रिकार्ड को तोड़ने के लिए काफी है।

10. एक व्यस्क पुरूष के अंडकोष में इतने शुक्राणु होते है कि इन्हें 404 मीटर तक फैला के रखा जा सकता है।

11. एक छोटे से कैप्सूल में इतने शुक्राणु आ सकते है जिनसे वर्तमान पृथ्वी पर मौजुद मनुष्यों से ज्यादा जनसंख्या बनाई जा सकती है।

12. संभोग करते समय महिलाओं के स्तन और यौनि के इलावा नाक का भीतरी भाग भी फूल जाता है।

13. सेक्स करते समय आदमी की दाढ़ी आम अवस्था के मुकाबले ज्यादा तेज़ी से बढ़ती है।

14. एक बार मैथून करने से पुरूष की 100 कैलोरी खप्त हो जाती है।

15. एक सर्वेक्षण के अनुसार ब्राजील के युवा-युवतियां किसी भी देश के मुकाबले सबसे पहले अपना कौमार्य खोते हैं। लेकिन भारत इस मामले में सबसे पीछे हैं।

16. ज्यादा शराब पीने वाले पुरुषों को महिलाएं सबसे पहले रिजेक्ट करती हैं।

17. Sex के समय पुरूषों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा पसीना आता है। स्त्रियों की शारीरिक संरचना में शरीर से निकलने वाले पसीने को कंट्रोल करने का गुण होता है।

18. 30 प्रतीशत पुरूष शीघ्र पतन के शिकार है।

19. 83 प्रतीशत स्त्रियां अपने साथी के लिंग के आकार से पुरी तरह संतुष्ट हैं।

20. मर्द औसतन अपने जीवन काल में 17 लीटर वीर्य निकालते हैं।

21. लगभग 75 प्रतीशत पुरूषों का वीर्यपतन 3 मिनट से भी कम समय में हो जाता है।

22. एक दिन में लगभग 100 करोड़ लोग सेक्स करते हैं।

23. अच्छी नींद के लिए सेक्स (काम) सबसे अच्छी दवा है। ये नींदवाली दूसरी दवाओं की तुलना में 10 गुना ज़्यादा कारगर है। जो महिलाएं रोमांटिक नावल पढ़ती है वो ऐसे नावल ना पढ़ने वाली महिलाओं के मुकाबले काम का ज़्यादा आनंद उठा सकती हैं।

24. अगर आपकी सेक्स में रूचि कम हो गई है तो सकेटिंग या कोई Exercise करें, आपमें सेक्स की इच्छा दोबारा जाग जाएगी।

25. ज्यादातर लड़किओं में ये गलतफहमी होती है कि पहली बार सेक्स करते समय दर्द होता है इसीलिए वे सेक्स को लेकर हमेशा डर में रहती हैं। लेकिन अगर वो इस गलतफहमी की जगह किसी से प्यार व रोमांस या यूं कह लें कि भावनात्मक लगाव के बाद बिना किसी डर से के किए गए सेक्स में ऐसी कोई शिकायत नहीं होती।

26. हफ्ते में दो या तीन बार काम करनेवाले लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ जाती है।

27. एक सर्वे के अनुसार 60 प्रतिशत पुरुष चाहते हैं काम के लिए औरत पहल करे। अगर कोई औरत अपने पति के साथ ऐसा करती है, तो वो बहुत खुश होता है।
 

शनिवार, 5 दिसंबर 2020

#सेक्स, #Sex इनसे मिलती है #शरीर को गर्मी These 8 things, they provide #bodyheat #Sexfood



 ये 8 चीजें, इनसे मिलती है शरीर को गर्मी
 ठंड के मौसम में सर्दी के असर से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शरीर को चाहे कितने ही गर्म कपड़ों से ढक लिया जाए ठंड से लड़ने के लिए बॉडी में अंदरूनी गर्मी होनी चाहिए। शरीर में यदि अंदर से खुद को मौसम के हिसाब से ढालने की क्षमता हो तो ठंड कम लगेगी और कई बीमारियां भी नहीं होंगी। यही कारण है कि ठंड में खानपान पर विशेष रूप से ध्यान देने को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है। सर्दियों में यदि खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाए तो शरीर संतुलित रहता है और सर्दी कम लगती है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जानिए कुछ ऐसे ही खाने की चीजों के बारे में
1. बाजरा
कुछ अनाज शरीर को सबसे ज्यादा गर्मी देते है। बाजरा एक ऐसा ही अनाज है। सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी बनाकर खाएं। छोटे बच्चों को बाजरा की रोटी जरूर खाना चाहिए। इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी होते है। दूसरे अनाजों की अपेक्षा बाजरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। इसमें वह सभी गुण होते हैं, जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता है। ग्रामीण इलाकों में बाजरा से बनी रोटी व टिक्की को सबसे ज्यादा जाड़ो में पसंद किया जाता है। बाजरा में शरीर के लिए आवश्यक तत्व जैसे मैग्नीशियम,कैल्शियम,मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, फाइबर, विटामिन- बी, एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
2. बादाम
बादाम कई गुणों से भरपूर होते हैं। इसका नियमित सेवन अनेक बीमारियों से बचाव में मददगार है।अक्सर माना जाता है कि बादाम खाने से याददाश्त बढ़ती है, लेकिन यह ड्राय फ्रूट अन्य कई रोगों से हमारी रक्षा भी करता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है, जो सर्दियों में सबसे बड़ी दिक्कत होती है। बादाम में डायबिटीज को निंयत्रित करने का गुण होता है। इसमें विटामिन - ई भरपूर मात्रा में होता है।
3. अदरक
क्या आप जानते हैं कि रोजाना के खाने में अदरक शामिल कर बहुत सी छोटी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। सर्दियों में इसका किसी भी तरह से सेवन करने पर बहुत लाभ मिलता हैै। इससे शरीर को गर्मी मिलती है और डाइजेशन भी सही रहता है।
4. शहद
शरीर को स्वस्थ, निरोग और उर्जावान बनाए रखने के लिए शहद को आयुर्वेद में अमृत भी कहा गया है। यूं तो सभी मौसमों में शहद का सेवन लाभकारी है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का उपयोग विशेष लाभकारी होता है। इन दिनों में अपने भोजन में शहद को जरूर शामिल करें। इससे पाचन क्रिया में सुधार होगा और इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ेगा।
5. रसीले फल न खाएं
सर्दियों के दिनों में रसीले फलों का सेवन न करें। संतरा, रसभरी या मौसमी आपके शरीर को ठंडक देते है। जिससे आपको सर्दी या जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
6. मूंगफली
100 ग्राम मूंगफली के भीतर ये तत्व मौजूद होते हैं: प्रोटीन- 25.3 ग्राम, नमी- 3 ग्राम, फैट्स- 40.1 ग्राम, मिनरल्स- 2.4 ग्राम, फाइबर- 3.1 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट- 26.1 ग्राम, ऊर्जा- 567 कैलोरी, कैल्शियम - 90 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 350 मिलीग्राम, आयरन-2.5 मिलीग्राम, कैरोटीन- 37 मिलीग्राम, थाइमिन- 0.90 मिलीग्राम, फोलिक एसिड- 20मिलीग्राम। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनिरल्स आदि तत्व इसे बेहद फायदेमंद बनाते हैं। यकीनन इसके गुणों को जानने के बाद आप कम से कम इस सर्दियों में मूंगफली से टाइमपास करने का टाइम तो निकाल ही लेंगे।
7. सब्जियां
अपनी खुराक में हरी सब्जियों का सेवन करें। सब्जियां, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और गर्मी प्रदान करती है। सर्दियों के दिनों में मेथी, गाजर, चुकंदर, पालक, लहसुन बथुआ आदि का सेवन करें। इनसे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
8. तिल
सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। तिल के तेल की मालिश करने से ठंड से बचाव होता है। तिल और मिश्री का काढ़ा बनाकर खांसी में पीने से जमा हुआ कफ निकल जाता है। तिल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे, प्रोटीन, कैल्शियम, बी कॉम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि। प्राचीन समय से खूबसूरती बनाए रखने के लिए तिल का उपयोग किया जाता रहा है।

बथुवा को अंग्रेजी में (Lamb's Quarters) कहा जाता है तथा इसका वैज्ञानिक नाम (Chenopodium album) है।

साग और रायता बना कर बथुवा अनादि काल से खाया जाता  रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे और हमारी बुढ़ियां सिर से पपड़ी व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती थीं।
बथुवा गुणों की खान है और भारत में ऐसी ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो मेरा भारत महान है।

बथुवै में क्या क्या है?? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स??

बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम,लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं। 100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43  Kcal होती है।*

जब बथुवा शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है और साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डली हो तो इस खाने के लिए देवता भी तरसते हैं।

जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं ना ? गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व आयरन की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सब कुछ है ही, कहने का मतलब है कि बथुवा पहलवानो से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है।

यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है। बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें। नमक न मिलाएँ तो अच्छा है, यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो काला नमक मिलाएँ और देशी  गाय   के घी से छौंक लगाएँ। बथुए का उबाला हुआ पानी अच्छा लगता है तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है। किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें। बथुवै में  जिंक होता है जो कि शुक्राणुवर्धक है मतलब किसै भाई कै जिस्मानी कमजोरी हो तै उसनै बी दूर कर देता है बथुवा।

बथुवा कब्ज दूर करता है और अगर *पेट साफ रहेगा तो कोई भी बीमारी के शरीर में लगेगी ही नहीं,

कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुए का साग मिलता रहे, नित्य इसकी सब्जी खाएँ। बथुए का रस, उबाला हुआ पानी पीएँ और तो और यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है।
इसके किसी भी प्रकार से प्रयोग करने से,वात रोग अर्थात,गैस बनना, सर्वाइकल,फ्रोजन शोल्डर,मांसपेशियों का दर्द भी निश्चय ही ठीक होता है।

पथरी हो तो एक कप कच्चे बथुए के रस में शक्कर मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी घुल कर बाहर निकल आएगी।

मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें। आधा रहने पर छानकर पी जाएँ। मासिक धर्म खुलकर साफ आएगा। आँखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएँ।

पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर पानी छान लें । बथुए को निचोड़कर पानी निकालकर यह भी छाने हुए पानी में मिला लें। स्वाद के लिए नींबू, जीरा, जरा सी काली मिर्च और काला नमक लें और पी जाएँ।

आप ने अपने दादा दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली। उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुवा ही है।

मकान को रंगने से लेकर खाने व दवाई तक बथुवा काम आता है।

लेकिन अफसोस, किसान ये बातें भूलते जा रहे हैं और इस दिव्य पौधे को नष्ट करने के लिए अपने अपने खेतों में जहर डालते हैं।

तथाकथित कृषि वैज्ञानिकों (अंग्रेज व काले अंग्रेज) ने बथुवै को भी कोंधरा, चौलाई, सांठी, भाँखड़ी आदि सैकड़ों आयुर्वेदिक औषधियों को खरपतवार की श्रेणी में डाल दिया और हम भारतीय चूं भी ना कर पाये।

रोग से बचने के लिए
१. कैल्शियम की कमी के लिए भोजन के बाद जीरा, तिल व कढ़ी पत्ता खाये।
२. हार्टअटैक से बचने के लिए अदरक, लहसुन, पीपल पत्ते या अर्जुनारिष्ट लें।
३. बवासीर से बचने के लिए खाली पेट भूपत्री बूटी या पत्थरचट्टा लें।
४. किडनी को बचाने के लिए हरा धनिया खाये।
५. लीवर को बचाने के लिए भूमि आँवला लें।
६. पित्त प्रकोप से बचने के लिए सुबह - शाम आँवला, मिश्री पियें।
७. बालों को बचाने के लिए प्रतिदिन वट जटाएँ, अमरबेल, आँवला, कलौंजी को नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाये, नाभि में घी लगाये। शैम्पू छोड़े।
८. दाँतों को बचाने के लिए ब्रश, ठंडे पानी छोड़े, अंगुलियों से सरसों तेल, अकरकरा राख, नमक, हल्दी, का मंजन करे।
९. डायबिटीज से बचने के लिए तनावमुक्त, 45 मिनट व्यायाम, 8 घंटे की नींद, व शुद्ध गुड़ खाते रहे।
१०. वेरिकोज, अनिद्रा से बचने के लिए प्रतिदिन तेल मालिश, भोजन बाद अश्वगंधा रिष्ट लें।
११. लकवा से बचने के सोडियम, रात को पानी पीकर सोये।
१२. कैंसर से बचने के लिए सप्ताह में एक उपवास करें व रोज़ाना कढ़ीपत्ते का रस पीते रहें।
१३. जीवन् जीने के लिए प्रातः संगीत गुनगुनाये, ३४० बार ताली बचाये, ११ बार ठहाका लगाये।

 ये 8 चीजें, इनसे मिलती है #शरीर को गर्मी These 8 things, they provide #bodyheat #Sexfood

 

*स्वप्नदोष के घरेलु उपाय जाने *

स्वप्नदोष रोकने के घरेलू उपाय कुछ इस प्रकार हैं –
*1. स्वप्नदोष की समस्या दूर करने के लिए अनार -*
 *सामग्री –*
               *1.* अनार।
               *2.* शहद।
*विधि –*
आप रोज़ एक अनार खा सकते हैं।
इसके अलावा सूरज के सामने दो से तीन दिन के लिए अनार के छिलके को सूखाने के लिए रख दें।
फिर उन्हें मिक्सर में मिक्स कर लें, जिससे उनका पाउडर तैयार हो सके।
अब एक चम्मच अनार के छिलके के पाउडर को कुछ मात्रा में शहद के साथ मिला लें।
मिलाने के बाद इसे पीयें।
*इसका इस्तेमाल कब तक करें –*
आप इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार खाएं। तब तक खाएं जब तक ये समस्या ठीक नहीं हो जाती।
*फायदे –*
अनार में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और इससे रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलता है। स्वस्थ रक्त परिसंचरण बढ़ने से ये उत्तेजना को सक्रीय करता है। अगर अनार के छिलके किसी भी तरह से अपना असर नहीं दिखा रहे, तो रोज़ अनार का जूस पीयें या फल को खाने की कोशिश करें। इस तरह अनार को एक या दो महीने तक खाएं और इस तरह आपको स्वप्नदोष की समस्या से निजात मिल जाएगा।
*2. स्वप्नदोष से बचने के लिए लहसुन -*
 *सामग्री –*
              *1.* दो से तीन लहसुन की फांकें।
*विधि –*
सबसे पहले दो से तीन लहसुन की फांके लें और फिर इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
फिर इन्हे चबाएं और चबाने के बाद एक ग्लास पानी पी लें।
इसके अलावा आप लहसुन को खाने में भी डालकर खा सकते हैं।
*इसका इस्तेमाल कब तक करें –*
रात को सोने से पहले इसका सेवन रोज़ करें।
*फायदे –*
लहसुन में एलिसिन होता है और ये जननांग तक रक्त प्रवाह को सुधारता है। साथ ही इससे वीर्य का रिसाव रुकता है और स्वप्नदोष से बचाव होता है।
*3. स्वप्नदोष से बचाव के लिए प्याज -*
 *सामग्री –*
               *1.* प्याज का जूस।
               *2.* शहद।
*विधि –*
सबसे पहले एक छोटी प्याज लें और उसका जूस निकाल लें।
अब जूस में कुछ मात्रा में शहद डाल दें।
मिश्रण को अच्छे से चला लें और चलाने के बाद फिर पी लें।
आप प्याज को खाना बनाने के साथ-साथ सलाद या सैंडविच में भी डालकर खा सकते हैं।
*इसका इस्तेमाल कब तक करें –*
स्वप्नदोष की समस्या खत्म करने के लिए इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार पीयें।
*फायदे –*
प्याज को कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए जाना जाता है जैसे झड़ते बाल, कफ आदि। इसके साथ ही ये स्वप्नदोष के लिए भी बहुत ही बेहतरीन घरेलू उपाय है। प्याज कई बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करती है।
*4. स्वप्नदोष से बचने के लिए केले और दूध -*
 *सामग्री –*
              *1.* दो केला।
              *2.* गर्म दूध।
*विधि –*
सबसे पहले नाश्ते में दो केले को छीलें। फिर उन्हें खा लें।
अब एक ग्लास गर्म दूध पी लें।
*इसका इस्तेमाल कब तक करें –*
दूध और केले के मिश्रण को रोज़ाना सुबह खाएं।
*फायदे –*
केला और दूध इस समस्या के लिए बेहद पुराना घरेलू उपाय है जो बेहद प्रभावी भी है। इससे उत्तेजना की समस्या खत्म हो जाएगी। साथ ही पुरुषों का लिंग भी मजबूत होगा।
*5. स्वप्नदोष से छुटकारा पाने के लिए आंवला -*
 *सामग्री –*
               *1.* एक या दो आंवला।
*विधि –*
आप एक ग्लास आंवला के जूस को भी पी सकते हैं। साथ ही आंवला के जूस में हल्दी और शहद भी मिला सकते हैं।
इसके अलावा, रात को सोने से पहले आंवला के पाउडर को एक ग्लास पानी में मिला लें।
फिर इस मिश्रण को पीयें।
*इसका इस्तेमाल कब तक करें –*
आंवला के जूस और पाउडर को पूरे दिन में दो से तीन बार पी सकते हैं।
*फायदे –*
आंवला पूरे स्वास्थ के लिए प्रभावी घरेलू उपाय माना जाता है। इससे स्वप्नदोष की समस्या भी तेज़ी से खत्म होती है। अगर आप आंवला का इस्तेमाल रोज़ करेंगे तो इससे आपकी स्वप्नदोष की समस्या रातो-रात खत्म हो जाएगी।
*6. स्वप्नदोष की समस्या खत्म करने के लिए बादाम दूध -*
 *सामग्री –*
               *1.* 6-7 बादाम।
               *2.* गर्म दूध।
               *3.* शहद।
*विधि –*
रात को सोने से पेहले गर्म-गर्म दूध ज़रूर पियें इससे स्वप्नदोष की परेशानी दूर हो जाएगी।
इसके अलावा आप 6-7 बादाम को रातभर के लिए पानी में भिगों के रख दें।
फिर सुबह बादाम के छिलके उतारे और उनको मिक्सर में मिक्स कर लें, जिससे एक पेस्ट तैयार हो सके।
अब एक चम्मच इस पेस्ट को एक ग्लास गर्म दूध में डालें साथ ही कुछ मात्रा में शहद भी मिलाएं।
अब इस मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद पी जाएँ।
*इसका इस्तेमाल कब तक करें –*
रात को सोने से आधा घंटा पहले बादाम के दूध को रोज़ाना पियें।
*फायदे –*
बादाम के दूध में फायदेमंद खनिज जैसे पोटेशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, विटामिन जैसे विटामिन ई और एन्टिओक्सीडेंट होते हैं जो उत्तेजना को तो सक्रीय करते ही है साथ ही शरीर को मजबूत और स्वस्थ भी बनाते हैं।

 


शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2018

#सेक्स, #Sex स्त्रियों को पुरुष अपनी तरफ आकर्षित कैसे करें , How to attract women to men

कामसुत्र में बताई गई हैं मर्दों की ये खासियत, 
चुटकियों में बाहों में आएंगी स्त्रियां!

कामसूत्र में पुरुषों की कुछ ऐसी खासियत का विवरण किया गया है, जिससे वो स्त्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करने में बड़ी आसानी से सफल हो जाते हैं।

1. कामसूत्र का विस्तृत नॉलेज

‘कामसूत्र’ के अनुसार जिन्हें कामसूत्र का विस्तृत नॉलेज हो, वैसे पुरुष स्त्रियों को आकर्षित करने में ज्यादा सफल हो पाते हैं। ऐसे पुरूष स्त्रियों को अपने ज्ञान के बल पर पा लेते हैं। क्योंकि बहुत सी स्त्रियों को ऐसे पुरूष ज्यादा पसंद हैं जो दिमाग के तेज हों। ऐसे पुरूष आसानी से लड़कियों के दिल को जीत लेते हैं। लड़कियां इनके साथ रहना बहुत पसंद करती हैं।

2. कहानी सुनाने में कुशल

ऐसे पुरुष भी स्त्रियों को काफी पसंद आते हैं, जो कहानी सुनाने में कुशल होते हों। मतलब की बातों को समय अनुसार विस्तार पूर्वक चुटीले ढंग से पेश करने में सक्षम हो। इस तरह के पुरूष स्त्रियों को कभी बोर नहीं होने देते। लड़कियों को मनोरंजन उस वक्त में जब वे सबसे ज्यादा उदास महसूस करती हों।

3. शारीरिक रूप से सक्षम

पूरी तरह शारीरिक रूप से सक्षम और युवा पुरुष स्त्रियों को ज्यादा भाते हैं। शारीरिक रूप से सक्षम पुरूष स्त्री को हर तरीके से संतुष्ट रख सकता है। उसे हर तरह का प्यार दे सकता है। इसलिए महिलाओं को ऐसे पूरूष ज्यादा पसंद आते हैं । 

4. कला कुशलता और क्रीडा

अपनी कला कुशलता और क्रीडाओं से भी विश्वास प्राप्त करने वाले पुरुष स्त्रियों को पसंद आते हैं। कई स्त्रियों को ऐसे पुरूष इसलिए आते हैं क्योंकि वे भी इस तरह की क्रीडाओं में दिलचस्पी रखती है। ये पुरूष शारीरिक तौर से ज्यादा मजबूत होते हैं।

5. फिजूल की बातें ना करने वाला

फिजूल की बातें ना करने वाला, उचित वार्तालाप करने वाले पुरुष स्त्रियों को पसंद आते हैं। लड़कियों में देखा गया है कि बकवास या बेमतलब की बातें करने वालों से ज्यादा दूरी बनाने के चलती हैं, क्योंकि एक समय के बाद इस तरह के लड़के बोर करने लगते हैं। जो पुरूष इस तरह की फिजूल बातों में न रहकर उचित वार्तालाप करें, स्त्रियों को पसंद आते हैं।
 
6. प्रसिद्धि सौभाग्यशाली पुरुष

जिस पुरुष की प्रसिद्धि सौभाग्यशाली पुरुष जैसी हो ऐसे युवक-युवतियों को भाते हैं। इस तरह के पुरूष से महिलाओं को उम्मीद रहती है कि वो भी उसके साथ जीवन की सारी खुशियां अर्जित करे। 

7. नए वर के रूप में आए पुरुष

जमाता अर्थात नए वर के रूप में आए पुरुष। इस तरह के पुरूष महिलाओं को ज्यादा भाते हैं। ये नए वर के रूप में आए पुरूष पूर्ण रूप से सक्षम होते है। जो महिलाओं को हर तरह का सुख दे सकते हैं।

8. उपहार देने की आदत

जिनके स्वभाव में उपहार देने की आदत हो, ऐसे पुरुष स्त्रियों के दिल पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब होते हैं। क्योंकि उपहार महिलाओं को बहुत ही अच्छा लगता है। इसलिए ऐसे पुरूष स्त्रियों को ज्यादा भांते हैं।

9. शूरवीर और साहसी पुरुष

शूरवीर और साहसी पुरुष हमेशा महिलाओं को आकर्षित करते हैं। ये पुरूष महिलाओं की रक्षा हर समय, हर क्षण कर सकते हैं। इसलिए ऐसे बाहुबली के साथ स्त्रियां खुद को सुरक्षित महसूस करती है।

10. भावनाओं व विश्वासों से परिचित

पुरुषों को सभी भावनाओं व विश्वासों से परिचित होना चाहिए। ऐसा करने से वे आसानी से महिलाओं की भावनाओं, इच्छाओं को आसानी से समक्ष सकते हैं।

11. ज्ञानी और अपने से बड़ों का सम्मान

विद्या के मामले में ज्ञानी और अपने से बड़ों का सम्मान करने वाला होना चाहिए। बहुत सी महिलाओं को ऐसे पुरूष पसंद आते हैं जो दूसरो का सम्मान करते हैं। जो घर में शिष्टाचार की भावना को जन्म दे सकते हैं। 

12. उत्साही और महत्वाकांक्षी

‘कामसूत्र’ के अनुसार पुरुषों को उत्साही और महत्वाकांक्षी होना चाहिए। अकसर महिलाओं को इस तरह के उत्साही व महत्वाकांक्षी पुरूष ज्यादा पसंद आते हैं। जो महिलाओं का रोमांच का अनुभव करा सकें।

13. अस्थाई रूप से प्रेम

महिलाओं को पुरुषों से अपेक्षा होती है कि वह अस्थाई रूप से प्रेम करें। जहां प्रेम नहीं वहां कोई भी नांव किनारे नहीं लग सकती । इसलिए पुरूषों को प्यार करना आना चाहिए।

14. शक्तिशाली पुरुषों

शक्तिशाली पुरुषों को स्त्रियां बेहद पसंद करती हैं। शक्तिशाली पुरूष महिलाओं की रक्षा कर सकते हैं। स्त्रियों को भरोसा रहता हैं कि उसकी इज्जत से कोई भी खिलवाड़ नहीं कर सकता । इसलिए वे बेखौफ घूमती हैं।

15. मूल्यवान वेश धारण

‘कामसूत्र’ में इस बात का जिक्र किया गया है कि, जो पुरुष ज्यादा मूल्यवान वेश धारण करते हैं, वो स्त्रियों को आकर्षित करते हैं।

16. शानो-शौकत

गुण, रूप, विद्या और शानो-शौकत के लिहाज से श्रेष्ठ पुरूष ज्यादातर महिलाओं को पसंद आते हैं। महिलाएं आकर्षित हो जाती हैं ऐसे पुरूषों की ओर ।

17. मृदुल व्यवहार

महिलाओं से मृदुल व्यवहार करने वाले पुरुष प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। इस तरह का व्यवहार करने से महिलाओं पूरी शिद्दत से पुरूषों का साथ देती है। कभी किसी चीज की कमी नहीं होने देती।

18. बुनियादी गुण वाले पुरुष

निष्कर्ष के तौर पर ये कहा जा सकता है कि, कुछ बुनियादी गुण वाले पुरुष हमेशा पसंद किए जाते हैं। कभी कभी ज्यादा गुण भी घमंड का कारण बन जाता है इसिलिए महिलाएं भी पुरूषों का चयन बड़े सोच विचार कर करती हैं।।    
 
 
सात भागों में समाया कामसूत्र का

कामसूत्र का नाम आते ही लोगों के जेहन में जो पहला शब्‍द आता है, सेक्‍स। लेकिन, शायद इस महान ग्रंथ को केवल सेक्‍स के संदर्भ में लेना गलत होगा। कामसूत्र न केवल सेक्‍स संबंधों के बारे में व्‍यावहारिक व उचित जानकारी देता है, बल्कि यह दाम्‍पत्‍य जीवन के समस्‍त पहलुओं पर भी विस्‍तृत और गहन जानकारी देता है।
महर्षि वात्‍सायन के लिखे गए इस ग्रंथ में काम और सूत्र शब्द को बाकायदा भली प्रकार वर्णित किया गया है। इसमें बताया गया है कि काम का अर्थ है इच्छा। और इच्छा कैसी भी हो सकती है, खासतौर पर सेक्‍सुअल इच्छा। और सूत्र से अर्थ जीवन के समस्‍त पहलुओं को एक सूत्र में पूरे करीने से पिरोने की बात कही गयी है।

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कामसूत्र के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह व्‍यक्ति के सामाजिक और निजी जीवन के हर भाग को समाहित करता है। यह वहां पहुंचता है जहां आमतौर पर व्‍यक्ति की दृष्टि नहीं पहुंचती। यह न केवल काम की बात करता है, बल्कि प्रेम की प्रवृत्ति, परिवार की भूमिका और परिवार की महत्ता आदि के बारे में भी विस्‍तृत चर्चा करता है। जीवन में आनंद कैसे पाया जाए, सेक्‍स लाइफ को बेहतर और सुखद कैसे बनाया जाए आदि बातों पर भी कामसूत्र में विस्‍तार से चर्चा की गयी है। 

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आज जबकि सेक्‍स को लेकर समाज में स्‍वच्‍छंदता का वातावरण है, इससे सेक्‍स संबंधी रोगों में भी इजाफा हो रहा है। ऐसे में कामसूत्र की महत्ता और भी बढ़ जाती है। कामसूत्र में सेक्‍सुअल समस्‍याओं को दूर करने और उनसे बचने के उपायों के विषय में भी वर्णन है। 

किताब है पुरानी लेकिन आज भी है उपयोगी 
हालांकि यह रचना 1500 से 2000 वर्ष पुरानी है, लेकिन मौजूदा दौर में भी इसकी उपयोगिता में कोई कमी नहीं आई है। 

कामसूत्र में सात भागों को 36 अध्‍यायों में बांटा गया है। इनमें कुल 1250 श्लोक हैं। सात भाग में से एक भाग में प्रेम कला को 8 श्रेणियों में बांटा गया है जिनमें 8-8 भेद हैं। यानी सेक्स के लिए 64 पोजीशंस की बात की गई है।
कामसूत्र के 7 भाग इस प्रकार हैं, जिसमें पूरे ग्रंथ का समावेश है।

भाग 1

पहले भाग में, जीवन के लक्ष्‍य की बात कही गई है। इसमें जीवन की प्राथमिकताएं और ज्ञान के बारे में बातें की गई हैं। सुखी-संपन्न कैसे बनें इन सबके साथ कैसे आप प्रेम की दुनिया में प्रवेश करें इत्यादि बातों के बारे में बताया गया है।

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भाग 2

इस भाग में मनुष्‍य की इच्‍छाओं का वर्णन किया गया है। इसमें संभोग के आयामों जैसे आलिंगन, चुंबन, नाखूनों का इस्तेमाल, दांतों का इस्तेमाल, संभोग काल, ओरल सेक्स, इंटरकोर्स, विपरीत लिंग रति इत्यादि चीजों का वर्णन हैं। इन इच्छाओं को कैसे 64 पोजीशंन के जरिए पूरा किया जा सकता है। ये सब इस भाग में वर्णित है जिसके कारण कामसूत्र ग्रंथ इतना मशहूर हुआ।

भाग 3

कितने प्रकार की होती है शादी, अच्छी लड़की कैसे पाएं, लड़की आरामदायक स्थिति में कब होती है, अकेले कैसे रहें, शादी कैसे दो लोगों का मिलन है इत्या‌दि विषयों पर इस भाग में चर्चा की गई है। 

भाग 4

एक पत्नी का आचरण कैसा होना चाहिए। यदि एक से ज्यादा पत्नी हैं तो मुख्य पत्नी का आचरण कैसा हो और बाकी का आचरण कैसा हो, इन सब बातों के बारे में इस भाग में चर्चा की गई है।

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भाग 5

इस भाग में पुरुष और महिला के आपसी व्‍यवहार के बारे में इस भाग में चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है‍ कि स्‍त्री-पुरुष एक दूसरे को कैसे जानें, किस प्रकार एक दूसरे की भावनाओं का मूल्‍यांकन करें, इसके साथ ही महिलाओं के व्‍यवहार के संदर्भ में भी इस भाग में चर्चा की गई है।

भाग 6

इस भाग में महिलाओं के‍ लिए जानकारी दी गई है। इसमें महिलाओं को बताया गया है कि प्रेमी के चयन में किन बातों का ध्‍यान रखा जाए। अच्‍छा प्रेमी कैसे चुना जाए। पूर्व प्रेमी से निपटने के तरीके, दोस्‍ती को रिचार्ज करने के जरिए आदि पर इस भाग में विस्‍तार से चर्चा की गई है। 

भाग 7

शारीरिक आकर्षण कैसे बढ़ाएं, सेक्सुअल क्षमता की कमी को दूर करने के तरीके, इन सबके बारे में कामसूत्र के अंतिम भाग में चर्चा की गई है।
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कामसूत्र इन सात चरणों में लिखा गया है। इन चरणों को पढ़ने से ही अंदाजा लग जाता है कि कामसूत्र केवल सेक्‍स ही नहीं है, इसमें काफी कुछ है। इसमें मनुष्‍य की रोजमर्रा की चिंताओं, परेशानियों और खुशी के बारे में बताया गया है। इसमें समझाया गया है कि अपनी इच्‍छाओं को कैसे नियंत्रित अथवा पूरा करें। इसमें महज स्‍त्री-पुरुष संबंधों पर ही नहीं, बल्कि दोस्‍त, परिवार और सहयोगियों आदि अन्‍य संबंधों पर भी खुलकर चर्चा की गई है। कामसूत्र इस नियम पर काम करता है कि सेक्‍स पर दैनिक कार्यकलापों का गहरा असर पड़ता है। इसलिए अगर व्‍यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ एवं प्रसन्‍न नहीं है, तो वह सेक्‍स के वा‍स्‍तविक आनंद नही ले सकते।
 
 

अपने पैरों के तलवों में तेल लगाने से क्या फायदा होता है?

 1।  एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिरदर्द नहीं, दांतों का नुकसान...