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रविवार, 28 अक्तूबर 2018

The most successful home remedies for coughing , कफ दूर करने के सबसे कामयाब घरेलु उपचार


                 *कफ दूर करने के सबसे कामयाब घरेलु उपचार*

*परिचय*
कफ (बलगम)kaf/balgam हमारे गले व फेफड़ों में जमने वाली एक श्लेष्मा होती है जो खांसी या खांसने के साथ बाहर आता है। यह फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों है। हमारे दैनिक सांस लेने क्रिया के समय जो गन्दगी हमारे शरीर में जाती है। उसे यह अपने में चिपका लेता है जो सुबह के समय नहाते या मुंह धोते समय खांसने से बाहर निकल जाता है। इस तरह ये हमारा फायदा करती है अगर यह ज्यादा हो जाती है तो सांस लेने में तकलीफ पैदा कर देती है। छाती भारी लगती है। यहां पर यह नुकसान करती है।

                         *बलगम वाली खांसी के लिए घरेलू दवा*

मौसम में बदलाव आते ही और सर्दी का मौसम आते ही लोग बीमार पड़ने शुरू हो जाते हैं। इसके कई कारण होते है जैसे कि ठण्ड लगना, खांसी, जुखाम, गले का इन्फेक्शन होना आदि। इन दिनों में इन्फेक्शन होने से और ठण्ड से खांसी लगातार बनी रहती हैं जिसके कारण छाती में बलगम जमा हो जाता है। हालांकि इससे कोई खतरा नहीं होता है लेकिन यह सामान्य जीवन को असहज बना देता हैं। बलगम वाली खांसी का अगर समय इलाज नहीं किया जाए तो यह अन्य बीमारियों का कारण बन सकता हैं।

                          *लगम वाली खांसी के लिए घरेलू दवा

शहद और नींबू शहद और नींबू से जमा हुआ बलगम शरीर से बाहर निकल जाता हैं। 1 गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच शहद के साथ आधा नींबू का रस मिलाएं। अब इस मिश्रण को धीरे-धीरे पीएं। नींबू के रस से शरीर से एसिड और बलगम पिघलकर निकल जाता है और शहद गले को ठंडक देता है। काली मिर्च और शहद काली मिर्च गले के इन्फेक्शन और बलगम को ठीक करने में मदद करती हैं। 1 चुटकी काली मिर्च पाउडर को शहद के साथ मिलकर उंगली से चांटे। दिन में कई बार ऐसा करने से सारा बलगम निकल जाता है।

                                         *तुलसी और शहद*

तुलसी प्राकृतिक गुणों की खान होती है और ये आसानी से उपलब्ध भी है। तुलसी के पत्तों का रस निकालकर शहद में मिलाकर मिश्रण बना लें। अब इस मिश्रण को अंगुली से दिन में 5 -6 बार चांटे। ऐसा करने से गले के बलगम वाली खांसी में आराम मिलता है।

                         बलगम वाली खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा

कच्ची हल्दी और गर्म दूध कच्ची हल्दी वाला दूध गले में बैक्टीरिया और वायरस को ख़त्म करने में कारागार सिद्ध होता हैं। ये बलगम वाली खांसी भी ठीक करता हैं। एक गिलास दूध में एक गांठ कच्ची हल्दी डालकर तब तक उबालें जब तक दूध का रंग पीला ना हो जाएं। अब इस दूध को रात में सोते समय लगातार 5 दिन तक बच्चे को हल्का गर्म पिलाएं। ऐसा करने पर गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन ठीक हो जाते हैं। इस दूध से बच्चे को बीमारी से भी दूर रख जा सकता हैं। सर्दियों में बच्चे को रोजाना ये दूध पिलाने से बच्चा गले की खराश, खांसी, सर्दी, जुकाम, फ्लू आदि में से दूर रहता है।

                                   *काली मिर्च और देसी घी*

काली मिर्च और देसी घी बलगम वाली खाँसी के लिए रामबाण इलाज होता है। एक चम्मच देसी घी में एक चुटकी काली मिर्च का पाउडर मिला लें और अब इस मिश्रण को हलकी आंच पर गर्म करें। जब घी अच्छे से पक जाए तो दिन में कम से कम 3 बार इसका सेवन करें। इसका सेवन करने से सारा बलगम निकल जाता हैं और खांसी भी ठीक हो जाती है।

                                         *अदरक और शहद*

अदरक में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो बलगम को सहज करके गले से नीचे उतार देता है और जो मल के रास्ते निकल जाता है। अदरक को छीलकर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर लें। अब इन टुकड़ो को हलकी आंच पर पका लें। अब इन टुकड़ों को एक कटोरी शहद में डुबो दें। अब इन टुकड़ों को दिन में 4 - 5 बार चूसें। ऐसा करने से सारा बलगम निकलकर खाँसी ठीक हो जाती है।

*सरसों*
★ सरसों के तेल में नमक मिलाकर मालिश करने से छाती में जमी हुई कफ (बलगम) Cough/balgam की गांठें निकल जाती हैं।
*घी*:
बालक की छाती पर गाय का घी धीरे-धीरे मसलने से जमा हुआ कफ (बलगम) निकल जाता है।

*रूद्राक्ष*:
बच्चे की छाती में अगर ज्यादा कफ (बलगम) जम गया हो और कफ निकलने की कोई आशा नज़र न आ रही हो तो ऐसे में रूद्राक्ष को घिसकर शहद में मिलाकर 5-5 मिनट के बाद चटाने से उल्टी द्वारा कफ (बलगम) निकल जाता है।

*अदरक*
अदरक को छीलकर मटर के बराबर उसका टुकड़ा मुख में रखकर चूसने से कफ (बलगम) आसानी से निकल आता है।

*आंवला*
आंवला सूखा और मुलहठी को अलग-अलग बारीक करके चूर्ण बना लें और मिलाकर रख लें। इसमें से एक चम्मच चूर्ण दिन में दो बार खाली पेट सुबह-शाम हफ्ते दो बार जरूर लें। इससे छाती में जमा हुआ सारा कफ (बलगम) बाहर आ जायेगा।

. *लौंग*
लगभग 3 ग्राम लौंग 100 मिलीलीटर पानी में उबालें। एक चौथाई रह जाने पर कम गर्म करके पी लें। इससे कफ निकल जाता है।
लौंग के तेल की तीन-चार बूंद बूरा या बताशे में गेरकर सुबह-शाम लें। इससे लाभ मिलता है।

*अंगूर*

★ अंगूर खाने से फेफड़ों को शक्ति मिलती है। जुकाम, खांसी दूर होती है। कफ (बलगम) बाहर आ जाता है। अंगूर खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

★ लगभग 8-10 नग मुनक्का, 25 ग्राम मिश्री तथा 2 ग्राम कत्थे को पीसकर मुख में धारण करने से दूषित कफ विकारों में लाभ होता है।

*पोदीना*
कफ (बलगम) होने पर चौथाई कप पोदीने का रस इतने ही गर्म पानी में मिलाकर रोज तीन बार पीने से लाभ होता है।

*केला*
कफ के ज्यादा होने पर केला और शहतूत खाना लाभदायक होता है।

*तुलसी*
कफ (बलगम) होने पर 50 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों के रस में 5 चम्मच चीनी मिलाकर शर्बत बना लें। इसका एक छोटा चम्मच रोज पिलायें। इससे कफ (बलगम) निकल जायेगा। तुलसी के रस में बलगम को पतला करके निकालने का गुण है।

*राई*
खांसी में कफ गाढ़ा हो जाने पर बलगम आसानी से न निकलता हो तो, राई लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग, सेंधानमक लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और मिश्री मिलाकर सुबह-शाम देने से कफ पतला होकर बलगम आसानी से बाहर निकलने लगता है।

*मुलहठी*

★ खांसी होने पर यदि कफ सूखा होता है तो बार-बार खांसने पर बड़ी मुश्किल से निकल पाता है जब तक गले से कफ नहीं निकल जाता है, तब तक रोगी खांसता ही रहता है। लगभग 2 कप पानी में 5 ग्राम मुलहठी चूर्ण डालकर इतना उबालें कि पानी आधा कप बचे। इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को सोने से पहले पी लें। 3 से 4 दिन तक प्रयोग करने से कफ पतला और ढीला हो जाता है, जिससे बड़ी आसानी से निकल जाता है और खांसी, दमा के रोगी को बड़ी राहत मिलती है। यक्ष्मा (टी.बी.) की खांसी में मुलहठी चूसने से लाभ होता है।

★ 2 ग्राम मुलहठी पाउडर, 2 ग्राम आंवला पाउडर, 2 चम्मच शहद मिलाकर सुबह व शाम को खाने से लाभ होता है।

*कालीमिर्च*

★ 30 कालीमिर्च पीसकर 2 कप पानी में उबालें। चौथाई पानी बचने पर छानकर 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पिलाएं। इस प्रयोग से खांसी, कफ, गले में कफ लगा रहना ठीक हो जाता है।

★ नीम की 30 पत्ती, 5 कालीमिर्च पीसकर पिलायें। इससे खांसी, कफ (बलगम), गले में कफ (बलगम) लगा रहना ठीक हो जाता है।

★ 10 कालीमिर्च, 15 तुलसी के पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर नियमित 3 बार चाटने से गले में जमा बलगम बाहर निकलकर साफ हो जाता है।

*शहद*

★ छाती पर शहद की मालिश करके गुनगुने पानी से धो लें। इससे कफ निकल जाता है।

★ रात्रि को सोने के समय अजवायन का तेल छाती पर मालिश करने से जमा हुआ कफ निकल जाता है।

★ पिसी हुई हल्दी, अजवायन और सौंठ को मिलाकर एक चुटकी लेकर शहद में मिलाकर सेवन करना चाहिए।

*मेथी*

★ दानामेथी 10 ग्राम, कालीमिर्च 15 ग्राम, शक्कर (बूरा) 50 ग्राम, बादाम गिरी 100 ग्राम। इन सबको पीसकर मिला लें। रोजाना गर्म दूध से रात को सोते समय एक चम्मच फंकी लेने से खांसी, दमा में बलगम, जुकाम, साइनोसाइटिस और कब्ज सभी में लाभ होता है। इसका सेवन ठंडी प्रकृति वाले लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक है।

★ दाना मेथी 3 चम्मच को 2 कप पानी में डालकर दोपहर में भिगो दें। रात को इसी पानी में उबालकर एक कप पानी रहने पर छानकर स्वादानुसार शहद मिलाकर सोते समय कुछ सप्ताह तक नित्य पीते रहने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों में लाभ मिलता है, जैसे- कफ, दमा, फेफड़े के रोग, टी.बी., शराब पीने के दुश्प्रभाव, यकृत सिकुड़ना, कुपोषण, गठिया, आमवात, जलोदर, तिल्ली, पीलिया, रक्ताल्पता (खून की कमी), कमर-दर्द, अनियमित माहवारी आदि में लाभ होता है।

*प्याज*

★छोटे बच्चों के कफ रोगों में प्याज के लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग रस में 10 ग्राम शक्कर मिलाकर बच्चे को देने से लाभ होता है।

★छोटे बच्चों की माताओं को 1-2 प्याज को पीसकर पानी में उबालकर देने से कफ रोगों में लाभ होता है। इससे कफ पतला होकर बाहर निकल जाता है, घबराहट कम हो जाती है और पित्त भी बाहर निकल जाता है।

*खजूर*

 नियमित थोड़ा खजूर खाना खाने के बाद 4 या 5 घूंट गर्म पानी से खाने से कफ पतला होकर खंखार या हल्की खांसी के रूप में बाहर निकल जाता है। फेफडे़ साफ होते हैं। सर्दी, जुखाम, खांसी और दमा मिटता है तथा रक्त की शुद्धि होती है।

*अमरूद*

एक अमरूद को आग में भूनकर खाने से लाभ होता है।

*ब्राह्मी* : बालकों के सांस व कफ में ब्राह्मी का थोड़ा-सा गर्म छाती पर लेप करने से लाभ होता है।

*लहसुन*

 लहसुन को खाने से श्वासनलियों में इकट्ठा कफ आराम से बाहर निकल जाता है। इससे टी.बी. के रोग में भी फायदा होता है।

*इलायची*

 इलायची के दाने, कालानमक  और घी तथा शहद को एकत्रकर चाटने से कफ रोग मिटता है।
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