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गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

#देशी गाय का घी : धरती का #अमृत Desi cow's ghee: the nectar of the earth गाय का घी #देशीघी


 🌹देशी गाय का घी : धरती का अमृत🌹

1. पहला गुण : संतुलन
* 80% रोग वात-पित्त के असंतुलन से होते हैं। देशी गाय का घी इन्हें सन्तुलित कर हमें 80% रोगों से बचाता है।
* देशी गाय का घी पतले को मोटा व मोटे को पतला करता है यानी शरीर को संतुलित करता है।
* देशी गाय का घी हॉरमोन्स को संतुलित रखता है। घी खानेवालों को
Hormonal Imbalance की समस्या नहीं होती।

2. दूसरा गुण : मानसिक रोगों से मुक्ति
भय : जिनके दिमाग में गर्मी होती है, उन्हें डर अधिक लगता है। घी दिमाग की गर्मी को शांत कर अभय प्रदान करता है।
क्रोध/चिड़चिड़ापन : दिमाग की गर्मी से गुस्सा अधिक आता है। देशी गाय का घी दिमाग की गर्मी को कम कर शान्ति प्रदान करता है, चिड़चिड़ापन दूर करता है।
ईर्ष्या (जलन) : जलन शब्द ही दिमाग में अधिक गर्मी का प्रतीक है। देशी गाय के घी से जलन शांत होती है।
डिप्रेशन : दिमाग में गर्मी बढ़ने से व्यक्ति तनाव को झेल नहीं पाता और डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। देशी गाय का घी दिमाग को ठंडा रख तनाव को झेलने की क्षमता को बढ़ाकर डिप्रेशन का शिकार होने से बचाता है।

3. तीसरा गुण : तृप्ति
'संतुलित आहार' यह विज्ञान नहीं, अज्ञान है। भोजन के सबसे महत्त्वपूर्ण गुण हैं : भोजन पौष्टिक व तृप्तिदायक होना चाहिए। पौष्टिक भोजन शरीर को और तृप्तिदायक भोजन मन को निरोगी रखता है। वही व्यक्ति भ्रष्ट होता है जो अतृप्त होता है। देशी गाय का घी तृप्ति प्रदान करता है।

4. चौथा गुण : प्रेम
देशी गाय के घी में जो चिकनाई होती है, उसे स्नेह कहा जाता है। देशी गाय का घी खाने से शरीर व मन दोनों का रूखापन खत्म होता है।

5. पाँचवा गुण : दिमाग का टॉनिक
मस्तिष्क का 18-20% भाग चिकनाई से बना है। इसकी कमी से पचासों रोग होते हैं। मस्तिष्क केवल 3.5 माइक्रोन से छोटी चिकनाई को ग्रहण कर पाता है। देशी गाय का बिलौने का घी 3.1 से 3.3 माइक्रोन का होता है, अन्य सभी चिकनाई 4.8 माइक्रोन से अधिक होती हैं। अर्थात् मस्तिष्क के लिए एक ही चिकनाई है – देशी गाय का घी। इसलिए जब तक भारतीय देशी गाय का घी खाते रहे, भारत विश्वगुरु बना रहा।

6. छठवाँ गुण : धैर्य
हाइपर होना आज का तेजी से बढ़ता रोग है। अपने स्थिरता के गुण के कारण देशी गाय का घी धैर्य प्रदान करता है।

7. सातवाँ गुण : धी, धृति, स्मृति वर्धक
देशी गाय का घी धी (बुद्धि / समझ), धृति (धारण करने की क्षमता, Retention Power), स्मृति (Memory) को बढ़ाता है।

8. आठवाँ गुण : घाव भरना
चोट, प्रसव या ऑपरेशन के कारण हुए घाव को देशी गाय का घी सबसे तेजी से भरता है।

9. नौवाँ गुण : Anti Ageing
आयुर्वेद ने देशी गाय के घी को रसायन कहा है अर्थात् घी शरीर पर बढ़ती उम्र का प्रभाव नहीं पड़ने देता।

10. दसवाँ गुण : स्वस्थ जीवन-स्वस्थ मृत्यु
आयुर्वेद देशी गाय के घी के लिए कहता है – आयुरेव घृतं - घी ही आयु (स्वस्थ जीवन) है। देशी गाय का घी खानेवाले स्वस्थ जीते हैं और पूरी आयु भोगकर स्वस्थ ही मरते हैं।

11. ग्यारहवाँ गुण :  आध्यात्मिक उन्नति में सहायक
साधना के प्रारंभ में मन की चंचलता बाधा डालती है, देशी गाय का घी मन को स्थिरता प्रदान कर साधना में सहायक होता है। मन के स्थिर होने पर शरीर में ऊर्जा बढ़ने लगती है, जिससे शरीर जलने लगता है। देशी गाय का घी इस ऊर्जा को संचित कर जलन को तप में बदल देता है।

नोट :
* देशी गाय के घी से ये सब लाभ उठाना है तो इस वर्ष सर्दी में यानी गोवत्स द्वादशी (12 नवम्बर) से वसंत पंचमी (16 फरवरी) इन 3 महीनों में प्रतिदिन 100-125 ग्राम बिलौने का घी खाइए।
* घी को पचाने के लिए उस पर तुरंत तेज गर्म दूध, कढ़ी, दाल, सूप, काढ़ा, पानी आदि गर्म पेय लें।

सावधानी :
* घी पर सादा या ठंडा पानी जहर है और गर्म पानी अमृत। गर्म पानी में ठंडा पानी मिलाने पर वह जहर हो जाता है।
* ज्वर (बुखार), कफ (बलगम) और आँव (mucous) में घी-तेल न खायें।

🌺सही एवं शुद्ध घी और बटर ऑइल मे मुख्यतः क्या अंतर है ..🌺

🌸घी🌸

🌹दही को  बिलोकर निकाले माखन को पका कर घी बनाया जाता है , ऐसा घी सुपाच्य होता है,  औषधिय गुणो से भरपूर होता हैं, इस घी की प्रकृति ठंडी होती है, इस तरह से बना घी हर उम्र के लोग खा सकते हैं🌹

🌷बटर ऑइल🌷

🌺दूध की मलाई से निकाले गये बटर को पका कर घी बनाया जाता है... ज्यादातर घरो में महिलाएं इसी तरह से घी बना लेती है, बाजार से भी आपको ऐसा ही घी मिल जाता है... और इसे हम शुद्ध घी समझते हैं... सच में ये घी नही बटर ऑइल है... !!!🌸

🌻इस तरह से बना बटर ऑइल पचने में भारी होता है, इसमे कोई भी औषधिय गुण नहीं होते , इसलिये इसे बीमारी का घर माना जाता है, इसकी  प्रकृति गर्म होती है, हर उम्र के लिए घातक है ये... !!!🌻

🌺आप जितनी जल्दी बटर ऑइल  छोड़कर घी अपना लेंगे उतना जल्द आपका और आपके परिवार का भला होगा, और ये शुद्ध एवं असली घी आपको बाजार में ऐसे नहीं मिलेगा, इसके लिए आपको किसी गौभक्त का संपर्क करना पड़ेगा वो आपको बनाने की सही रीत भी सीखा देंगे और ऐसा घी उपलब्ध भी करवा देंगे🌺
 

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