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शनिवार, 21 नवंबर 2020

सुबह की बासी #लार के क्या फायदे हैं ? - #Health #benefits of #Saliva #आयुर्वेद#Ayurveda


 🌸सुबह की बासी लार के क्या फायदे हैं ? - Health benefits of Saliva :

सवाल आपके और जवाब हमारे , sawal aapke jawab hamare,सुबह की बासी लार के क्या फायदे हैं ? सुबह की बासी लार के अनेकों फायदे है। आयुर्वेद में हजारों साल पहले ऋषि बाग्वट ने लार के अनेकों फायदे बताए थे। लार में ऐसे 18 तत्व पाए जाते है जो मिट्टी में पाए जाते है।

फायदे:
1) अगर आपके आंखो के आस पास काले घेरे है तो सुबह मुंह की लार से धीरे-धीरे अपने आंखों के आसपास मलें। कुछ ही दिनों में काले घेरे दूर हो जाएंगे। साथ सुबह की लार काजल की तरह आंखों में लगाने से, आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके अलावा ये कंजक्टिवाइटिस यानी आंख आने की समस्‍या को दूर करने में भी मदद करती है।

2) अगर किसी को दाद हो या मुंहासों की समस्‍या होती है बासी लार को चेहरे पर लगाने से ये खत्‍म हो जाता है। शरीर में होने वाले फोड़े-फुंसियों या घाव के भरने के बाद जो दाग रह जाते है उनको दूर करने में भी सुबह की लार बहुत काम आती है। शरीर में कहीं कटने, छिलने या घाव होने पर सुबह की लार लगाने से बहुत फायदा होता है। यहां तक की लार डायबिटीज के रोगियों के घाव पर भी रामबाण की तरह काम करती है।

3) हमारे पाचन-तंत्र को दुरुस्त करने के लिए लार से बढ़िया और कोई दवा नहीं है। लार में टायलिन नामक एंजाइम पाया जाता है, इसलिए सुबह उठते ही एक गिलास पानी पीने से आपकी लार सीधे आपके पेट में चली जाती है। ऐसा रोजाना करने से कभी पाचन संबंधी परेशानियां नहीं होती है।

4) लार में सोडियम, पोटैशियम, फास्फेट, कैल्शियम, प्रोटीन, ग्लूकोज जैसे तत्व होते हैं जो दांतों को मजबूत बनाते हैं। इसमें मौजूद एंटीबॉयोटिक दांतों को हानिकारक संक्रमणों से बचाते हैं जिससे दांत सड़ते नहीं। यह दांतों पर सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।

5) कई बार मुंह में लार कम बनने से भी सांसों से बदबू की समस्या हो सकती है। मुंह में रह गए भोजन के कण और बैक्टीरिया कई बार इन्फेक्शन पैदा कर देते हैं जिससे भी सांसों से बदबू आती है। लार से इन कणों और बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती है।

जरा ध्यान दे:
1)ध्रुमपान,तम्बाकू का प्रयोग ना करे इससे आपकी लार दूषित होती है।
2)सुबह उठते ही 1–2 गिलास पानी अवश्य पियें।
3)किसी भी स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

सिल बट्टा का विज्ञान :
प्राचीन भारत के ऋषियों ने भोजन विज्ञानं, माता और बहनों की स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए सिल बट्टा का अविष्कार किया ! यह तकनीक का विकास समाज की प्रगति और परियावरण की रक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया। आधुनिक काल में भी सिल बट्टे का प्रयोग बहुत लाभकारी है -
१. सिल बट्टा पत्थर से बनता है, पत्थर में सभी प्रकार की खनिजों की भरपूर मात्रा होती है, इसलिए सिल बट्टे से पिसा हुआ मसाले से बना भोजन का स्वाद सबसे उत्तम होता है।
२. सिल बट्टे में मसाले पिसते वक्त जो व्यायाम होता है उससे पेट बाहर नही निकलता और जिम्नासियम का खर्चा बचता है।
३. माताए और बहने जब सिल बट्टे का प्रयोग करते है तो उनके यूटेरस का व्यायाम होता है जिससे कभी सिजेरियन डिलीवरी नही होती, हमेशा नोर्मल डिलीवरी होती है।
४. सिल बट्टे का प्रयोग करने से मिक्सर चलाने की बिजली का खर्चा भी बचता है।
अभी एक मिक्सर की नुन्यतम मूल्य 2000 रूपए है जो 500 वाट की होती है, इसको अगर हरदिन आधा घंटा चलाया जाये तो एक साल में नुन्यतम 333 (3.70 रूपए प्रति यूनिट) रूपए का बिजली का बिल आता है। तो कुल हुआ 2333 रूपए। अब किसी भी अछे जिम्नासियम का प्रति महीने नुन्यतम खर्चा है 350 रूपए, तो साल का हुआ 4200 रूपए, तो कुल हुआ 6533 रूपए। आजकल सिजेरियन डिलीवरी का नुन्यतम खर्चा है 15000 रूपए, इसको अगर जोड़ा जाये तो हुआ 21533 रूपए। तो सिल बट्टे का उपयोग करके आप साल में 21533 रूपए बचाके स्वस्थ रह सकते है। आपके सिल बट्टा खरीदने से गाँव के गरीब कारीगरों को सीधा रोजगार मिलेगा उनके जिन्दगी की तकलीफे दूर होंगी।
धन्यवाद

बच्चों की हाइट बढ़ाने के लिए नुस्खा-
 कई लोग लंबाई बढ़ाने के लिए महंगे महंगे ट्रीटमेंट भी कराते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर असफल ही रहते हैं। कई बार तो इन इसकी दवाओं से लोगों को नुकसान तक हो जाता है। लेकिन अगर सही मात्रा में प्रोटीन और आहार मिल जाए तो रुकी हुई हाइट दौबारा बढ़ सकती है।
1.बरगद के पेड़ का फल -50 ग्राम
2.मिश्री - 50 ग्राम
3.जीरा- 50 ग्राम
   बरगद के पेड़ के फल, मिश्री और जीरा तीनों को एक साथ लेकर मिक्‍सी में अच्‍छे से पीस लें। मिश्रण बनने के बाद इन सभी चीजों का वज़न 150 ग्राम के करीब हो जाएगा। इस पाउडर को एक जार में भरकर रख लें। अगर आपकी उम्र 18 साल से कम है तो आप आधा चम्‍मच चूर्ण सुबह उठते ही खाली पेट सेवन करें, और यदि आपकी उम्र 18 साल से ज्‍यादा है तो इसका एक चम्‍मच आपको दूध के साथ लें। इस उपाय को करने से पहले आप अपनी हाइट अवश्य नाप लें, ताकि थोड़े थोड़े दिनों में आपको फर्क मेहसूस करने में आसानी रहे। इस उपाय को 40 दिनों तक करें। इससे आपकी हाइट तो बढ़ेगी ही, साथ ही आपका दिमाग भी तेज होगा और त्‍वचा में भी निखार बढ़ेगा।
   यह सिर्फ 21 साल तक के लिए ही है।
 सूर्यनमस्कार रोज करें

 जैतून की पत्तियां के औषधीय अनुप्रयोग :-
1. कैंसर -
जीवनशैली में बदलाव की वजह से महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम काफी बढ़ गया है। स्तन कैंसर होने का जोखिम आयु के साथ बढ़ता है। वहीं कई सालों तक शराब पीने, वजन बढ़ने और ज्यादा धूम्रपान करने से भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। स्तर कैंसर में जैतून की पत्तियां काफी लाभदायक है। यह स्तन कैंसर की दवा के रूप में एक बढ़ि‍या विकल्प है। यह किसी प्रकार का ट्यूमर या कैंसर होने की स्थि‍ति में यह पेय ट्यूमर को धीरे-धीरे कम करने में सहायक है।

अपने पैरों के तलवों में तेल लगाने से क्या फायदा होता है?

 1।  एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिरदर्द नहीं, दांतों का नुकसान...