शनिवार, 5 दिसंबर 2020

#गर्भासन : स्त्रियों का विशेष #योग #Pregnancy: Special #Yoga for Women गर्भासन Garbhasana


 योग से बने जीवन सुंदर :गर्भासन : स्त्रियों का विशेष योग :जानिये इस योग के फायदे और कायदे

इस आसन का नाम गर्भासन है गर्भ का अर्थ होता है कोख। इस आसन के अंतिम मुद्रा में शरीर भ्रूण का रूप ले लेता है, इसीलिए इसे गर्भासन कहते हैं। यह आसन स्वस्थ के लिए बहुत  महत्वपूर्ण है खासकर स्त्रियों के लिए कुछ ज़्यदा ही महत्वपूर्ण लाभदायक है।

गर्भासन के लाभ

स्त्रियों से सम्बंधित बहुत सारी परेशानियों का समाधान इस योगाभ्यास में है।

1 सामान्य प्रसव के लिए इस योग का नियमित अभ्यास होने से शिशु जन्म समय में अधिक दर्द का अनुभव नहीं होता।

2 महिलाओं की मासिक धर्म में भी यह उपयोगी योग है।

3 गर्भासन  पाचन में: यह पेट की मालिश करता हुए गैस्टिक ग्रंथि को सही तरीके से काम करने के लिए उत्तेजित करता है  और इस तरह से भोजन के पाचन में सहायक है।

4 प्रसव से आयी कमजोरी दूर करने के लिए प्रसव के 40 दिन बाद इस आसन का अभ्यास करने पर  जिससे शरीर से कमजोरी कम होने लगती है।

5 गर्भासन योग खूबसूरती के लिए: अगर आपको अपनी त्वचा की चमक एवं खूबसूरती को बनाये रखना है तो इस आसन का नियमित अभ्यास जरूर करें।

6 रक्त संचार बढ़ाने के लिए योग: इस आसन के नियमित अभ्यास से आप रक्त संचार बढ़ाने में मदद मिलती है।

7 तांत्रिक तंत्र के लिए योग: यह आसन तांत्रिक तंत्र को मजबूत बनाता है।

8 क्रोध कम करने के लिए योग: यह आसन उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी जिन्हें क्रोध बहुत ज़्यदा आता है। इस तरह से यह आपके मन को शांत करने में उपयोगी है। इस आसन के नियमित अभ्यास से आप अपने पर और अपने शरीर पर काबू पा सकते हैं।

9 बुढ़ापा रोक योग: इस आसन के अभ्यास से बुढ़ापे की गति को कम किया जा सकता है।

10 कब्ज कम करे: इसके अभ्यास से कब्ज कम करने में सहायता मिलती है।

गर्भासन योग विधि

सबसे पहले आप समतल स्थान पर एक स्वच्छ आसन बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं।

बांहों (Arms) को प्रत्येक पांव की जांघों एवं पिंडलियों (Calves) के बीच ऐसे ले जाएं कि कोहनियां (Elbows) मुड़ सकें।

जांघों को उठाइए और कानों को अंगुलियों से पकड़िए।

अपने हिसाब से आसन को धारण करें  और फिर धीरे धीरे अपने आरंभिक अवस्था में आ जाएं।

यह एक चक्र हुआ।

इस तरह से आप इसको 3 से 5 बार करें।

गर्भासन की सावधानियाँ

गर्भवती महिला को बिना योग्य विशेषज्ञ की सलाह के इस आसन को  करने से बचना चाहिए।

अगर आपके कमर दर्द हो तो इस आसन का अभ्यास ना करें।

जिन्हें घुटने की दर्द हो उन्हें भी यह आसन नहीं करनी चाहिए।

निरंतर अभ्यास के बाद ही गर्भासन को सही रूप में किया जा सकता है।

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