बुधवार, 30 नवंबर 2022

पद्म पर्वतासन :एक विशेष योगासन कूल्हों क़ी मजबूती और संतुलन के लिए जानिये इसकी विधि और फायदे

 पद्म पर्वतासन :एक विशेष योगासन कूल्हों क़ी मजबूती और संतुलन के लिए जानिये इसकी विधि और फायदे

 

यह आसन दो आसनों का मिलाजुला रूप है। बैठकर किए जाने वाले आसनों में पद्मासन और खड़े होकर किए जाने वाले पर्वतासन दोनो के लाभ इस आसन से प्राप्त होते है इसलिए ये पद्मासन का एडवांस आसन है रीढ़ क़ी हड्डी और शरीर के निचले हिस्से क़ी मजबूती के साथ शारीरिक संतुलन भी इस आसन के प्रमुख लाभो में शामिल है

पद्म पर्वतासन के लाभ

यह आसन संतुलन की भावना और एकाग्र होने की योग्यता में सुधार करता है।

यह श्वास प्रणाली की कार्यक्षमता को प्रोत्साहित करता है।

रीढ़ क़ी हड्डी को सीधा करने और मजबूती प्रदान करने में यह योग कारगर है

इसका अभ्यास पूरे नाड़ी-तंत्र क़ी उद्दिग्नता को शान्त करता है।

निरंतर अभ्यास नितम्ब, पीठ, कंधे और बाजुओं की मांसपेशियों को मजबूती देता है।

सही से आसन कूल्हों की खिसकन में कमी करता है।

पद्म पर्वतासन क़ी विधि

सर्व प्रथम एक साफ शांत और समतल स्थान पर आसन बिछाकर उस पर पद्मासन में बैठें।

अब अपने हाथों की सहायता से सावधानी बरतते हुए घुटनों के बल आ जायें।

इस स्थिति में संतुलन पर ध्यान एकाग्र करें।

अपने हाथों को सिर के ऊपर फैलायें

चाहे तो हाथो को प्रणाम क़ी मुद्रा में कर सकते है

अब हाथो को जितना हो सके ऊपर खींचे  जिससे कि सम्पूर्ण ऊपरी शरीर (धड़) लम्बाई में खिंच जाये

एकाग्रता से अपने सामने किसी नियत बिन्दु पर ध्यान दें।

1-2 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।

अब धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आयें।

इस प्रकार आसन का एक चक्र पूरा करें

निरंतर अभ्यास से आप चक्रों क़ी संख्या और आसन क़ी अवधि बढ़ा सकते है

पद्म पर्वतासन के सावधानियां

तीव्र ज्वर य़ा अन्य कोई रोग होने पर यह आसन विशेषज्ञ क़ी सलाह पर ही करें
 
घुटनों के जोड़ों की समस्या होने पर यह आसन नहीं करना चाहिये।

ताजा ताजा शल्य क्रिया हुई हो तो इस आसन का अभ्यास का करें 




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please Do not Enter Any Spam Link in the Comment Box.
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई स्पैम लिंक न डालें।

अपने पैरों के तलवों में तेल लगाने से क्या फायदा होता है?

 1।  एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिरदर्द नहीं, दांतों का नुकसान...